
चीफ सेक्रेटरी हमला: केजरीवाल के सलाहकार विनोद कुमार जैन कहा 'मेरे सामने हुई थी हाथापाई'.
जैन ने कहा चीफ सेक्रेटरी पर हमले के वक्त वो मीटिंग रूम में ही थे और उनके सामने सारा वाकया हुआ.
दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश पर हमले के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि उसे वो गवाही मिल गई है जिससे साबित होता है कि चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश पर हमले हुए थे. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने कहा कि ये गवाही पुलिस ने दबाव में लिया है.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि दोनों बिल्कुल अलग-अलग हैं. एक गवाही धारा 161 के तहत है जबकि दूसरी धारा 161 के तहत.
बुधवार को केजरीवाल के सलाहकार विनोद कुमार जैन ने कहा था कि उन्होंने अंशु प्रकाश पर हमला होते हुए नहीं देखा था. जैन ने कहा था कि विवाद के समय वो टॉइलेट में थे. लेकिन गुरुवार को उन्होंने सीआरपीसी सेक्शन 161 के तहत अपना बयान दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने माना है कि चीफ सेक्रेटरी पर हमले के वक्त वो मीटिंग रूम में ही थे और उनके सामने सारा वाकया हुआ.
आम आदमी पार्टी के दो विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर पर चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के साथ मारपीट की थी. सीएम ने चीफ सेक्रेटरी को मीटिंग के बुलाया था.
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि विनोद कुमार जैन ने सोमवार को शाम 8:45 बजे चीफ सेक्रेटरी को बैठक के लिए बुलाया था और 10:00 बजे उन्होंने पुष्टि की कि वो बैठक में शामिल होंगे.
चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के वकील राजीव मोहान ने पुलिस हिरासत के लिए याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि अधिकारी पर कथित हमला पहले से ही तय था और इस हमले को मुख्यमंत्री के सलाहकार ने देखा.
अपने बयान में जैन ने कहा कि जब बैठक शुरु हुई, केजरीवाल ने कहा कि विधायक कुछ मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन सारे विधायकों ने एक साथ चीफ सेक्रेटरी से सवाल पूछने शुरु कर दिए.
(साभार: न्यूज़ 18)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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