राष्ट्रपति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी महाविद्यालय की हीरक जयंती समारोहों को संबोधित किया.
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज (18 फरवरी, 2018) नई दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी महाविद्यालय की हीरक जयंती समारोहों को संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के डीएवी परिवार ने हमारे देश में कई पीढि़यों तक आधुनिक वैज्ञानिक परिपेक्ष्यों पर आधारित एवं भारतीय परंपराओं से भी प्रेरित रही शिक्षा प्रदान की है। मानव समाज का स्थायी विकास भारतीय मूल्यों एवं आधुनिक विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के संगम के जरिये संभव है। वास्तव में, डीएवी संस्थानों का दर्शन, जिसकी खोज पहली बार 19वीं शताब्दी में हुई थी, आज 21वीं सदी में भी हमारे लिए मजबूती से खड़ा है।
महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान अर्थव्यवस्था का युग है। आज के समय में नए विचारों, नवीन दृष्टिकोण एवं नवोन्मेषण की ताकत धन से कहीं अधिक है। उन्होंने उदाहरण के रूप में ऑनलाइन वाणिज्य, परिवहन एवं पर्यटन में युवाओं एवं उनकी र्स्टाट अप कंपनियों की सफलता की ओर इंगित किया। उन्होंने कहा कि पूंजीगत निवेश से अधिक ऐसी सफलताओं के लिए मानव प्रतिभा एवं बुद्धिमत्ता ज्यादा बड़े कारण हैं।
महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि रोजगार की परिभाषा बदल रही है। रोजगार अब कोई पारंपरिक नौकरी नहीं रह गया है। अपने लिए एवं दूसरों के लिए स्व रोजगार अवसरों का सृजन करना अब अधिक संभव हो गया है। स्व रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने छात्रों से अपने कैरियर के विकास एवं दूसरों के लिए अवसरों का निर्माण करने के लिए ऐसे अवसरों का उपयोग करने का आग्रह किया।
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