श्री श्री का अयोध्या प्रस्ताव शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने किया खारिज, रिजवी बोले- हम अपने फैसले पर कायम
लखनऊ. शिया सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की तरफ से शनिवार को जारी प्रेस रिलीज किया।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के मुताबिक- श्री श्री रविशंकर का जो फार्मूला मीडिया के माध्यम से सामने आया है। उसे शिया वक्फ बोर्ड पूरी तरीके से खारिज करता है।
लखनऊ.शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी की तरफ से शनिवार को प्रेस रिलीज जारी किया गया। इसमें श्री श्री रविशंकर के आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। कहा गया- ''शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का बहुमत का फैसला साफ है। वहां से बाबरी मस्जिद हटाई जानी चाहिए और 14 कोसी परिक्रमा के अंदर कोई मस्जिद का निर्माण नहीं होना चाहिए। वो अपने फैसले पर कायम है कि मस्जिद ए अमन को लखनऊ ही लाया जाए।'' मैं अपने फैसले पर कायम रहूंगा ...
-शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के मुताबिक, ''शिया बोर्ड अपने फैसले पर कायम है। श्री श्री रविशंकर का जो फार्मूला मीडिया के माध्यम से सामने आया है। उसे शिया वक्फ बोर्ड पूरी तरीके से खारिज करता है। शिया वक्फ बोर्ड अपने लिए गए फैसले (मस्जिद ए अमन अयोध्या के बजाय लखनऊ में बनाया जाए) पर ही अडिग है।''
- बता दें, कुछ महीने पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपनी जनरल मीटिंग में इस बात का फैसला किया था।
- बाबरी मस्जिद का नाम 'मस्जिद ए अमन' होगा और उसे अयोध्या से हटाकर लखनऊ लाया जाएगा, ताकि हिंदू और मुसलमानों के बीच किसी तरह का कोई मतभेद आगे ना हो।
रामजन्म भूमि निर्माण से निकाले जाने से नाराज अमरनाथ
- बता दें, 15 फरवरी को रामजन्म भूमि निर्माण न्यास से निकाले जाने के बाद अमरनाथ मिश्रा काफी नाराज चल रहे हैं।
- साथ ही आर्ट ऑफ लिविंग पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था- वे सौदेबाजी करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्हें राम की सेवा करने से कौन रोकेगा, आर्ट ऑफ लिविंग कैसे रोकेगा।'' इस दौरान मिश्रा ने उन्हें निकालने वालों को सौदेबाज बताया।
नदवी पर लगाया था डील का आरोप
- बता दें, 14 फ़रवरी को अमरनाथ मिश्रा ने नदवी पर आरोप लगाया था कि अयोध्या का इस्लामीकरण करना चाहते हैं।
- मिश्रा ने कहा था कि यह फॉर्मूला दरअसल उनका था, जो उन्होंने 5 फरवरी को सलमान नदवी और दूसरे मुस्लिम नेताओं को दिया था। लेकिन उसी मुलाकात के दौरान सलमान नदवी ने इस डील के एवज में 5000 करोड़ रुपए, अयोध्या में 200 एकड़ जमीन और राज्यसभा की एक सीट मांगी थी।
- इसके बाद अमरनाथ मिश्रा ने राजधानी हसनगंज थाने में लिखित शिकायत की थी।
(साभार: भाष्कर)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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