दुबई में PM मोदी- विनाश नहीं विकास के लिए हो तकनीक का इस्तेमाल.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में मिसाइल और बम बनाने में हो रहे भारी निवेश पर चिंता जताते हुये प्रौद्योगिकी के गलत इस्तेमाल के प्रति दुनिया को आगाह किया. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल विनाश के लिये नहीं बल्कि विकास के लिये होना चाहिये. प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में आयोजित ‘वर्ल्ड गवर्नेंट समिट’ को संबोधित करते हुये कहा, 'सभी तरह के विकास के बावजूद भी अभी तक गरीबी और कुपोषण समाप्त नहीं हो सका है. वहीं दूसरी ओर हम मिसाइल और बम के निर्माण में धन, वक्त और संसाधन का बड़ा हिस्सा लगा रहे हैं. हमें तकनीक का उपयोग विनाश के लिये नहीं बल्कि विकास के साधन के रूप में करना चाहिये.’
उन्होंने कुछ लोगों द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग करके साइबर जगत में अतिवाद फैलाने के प्रयासों पर भी चिंता जताई. इसके पीछे उनका इशारा जिहादियों द्वारा लोगों को भर्ती करने के लिये साइबर नेटवर्क का इस्तेमाल करने की तरफ था. मोदी ने जोर देते हुए कहा कि विकास एवं वृद्धि के बावजूद दुनिया की 9.5 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है. आज कई बड़ी चुनौतियां (गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, आवास और आपदा) हमारे सामने हैं.
‘वर्ल्ड गवर्नेंट समिट’ के छठे संस्करण में भारत अतिथि देश के रूप में शामिल हुआ है, जिसमें 140 देशों के 4,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. मोदी ने कहा, 'वर्ल्ड गवर्नेंट समिट’ में मुझे मुख्य अतिथि के रूप में बुलाना न सिर्फ मेरे लिये बल्कि 125 करोड़ भारतीयों के लिये गर्व की बात है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई को दुनिया के लिये एक उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी ने एक रेगिस्तान को बदल दिया...यह चमत्कार है. उन्होंने दुबई सरकार द्वारा प्रौद्योगिकी के उपयोग की सराहना की.
(साभार: भाषा)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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