03:00 P.M.- BREAKING NEWS - सेंसेक्स 1200 अंक लुढ़का, 14 महीने में सबसे बड़ी गिरावट; निवेशकों के 5 लाख करोड़ डूबे
नई दिल्ली. ग्लोबल मार्केट से मिले निगेटिव संकेतों की वजह से शेयर बाजार में इस हफ्ते लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भारी गिरावट देखी गई। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1274 प्वाइंट्स लुढ़कर 33482.81 पर खुला। वहीं, निफ्टी 390 प्वाइंट्स की गिरावट के साथ 10,276.30 पर नजर आया। इंट्रा-डे में 14 महीने के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है। इसके पहले 11 नवंबर 2016 को सेंसेक्स 1689 प्वाटइंट नीचे आ गया था। इससे निवेशकों के कुछ ही मिनट में करीब 5 लाख करोड़ रुपए डूब गए। इस हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भी बाजार में गिरावट देखी गई थी। पहले यह कहा गया कि यह गिरावट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगने की वजह से है। इस पर खुद फाइनेंस सेक्रेटरी हसमुख अढिया ने सफाई दी और कहा- गिरावट के लिए ग्लोबल मार्केट में आई कमजोरी जिम्मेदार है ना कि टैक्स।
निवेशकों के करीब 5 लाख करोड़ रुपए डूबे
- शुरुआती कारोबार में लार्ज कैप शेयरों के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 3.54% टूट गया, मिडकैप शेयरों में वक्रांगी, अडानी पावर, एनबीसीसी, टोरेंट पावर, रिलायंस इंफ्रा, पेज इंडस्ट्रीज, एमएंडएम फाइनेंस, टीवीएस मोटर्स, वर्लपूल, मुथुट फाइनेंस, सेल, जीएमआर इंफ्रा 9.99-4.70% तक टूटे।
- इस वजह से निवेशकों के करीब 5 लाख करोड़ रुपए डूब गए। सोमवार को बीएसई पर लिस्टेड कुल कंपनियों का मार्केट कैप 1,47,95,747 करोड़ रुपए था। वहीं, मंगलवार को सेंसेक्स 1200 अंक गिरकर खुला। इतनी बड़ी गिरावट के बाद निवेशकों को करीब 4,80,927 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
सेंसेक्स के टॉप 5 लूजर्स
- बाजार में चौतरफा बिकवाली से सेंसेक्स की 30 कंपनियां लाल निशान पर हैं।
- सबसे ज्यादा गिरावट इनमें देखी गई: टाटा मोटर्स (6.78%), एक्सिस बैंक (4.60%), यस बैंक (4.37%), टाटा स्टील (4%) और एसबीआई (3.95%)।
सेंसेक्स की 7 सबसे बड़ी गिरावट
29 सितंबर 1997: सेंसेक्स 1961.21 प्वाइंट्स
17 अक्टूबर 2007: सेंसेक्स 1743.96 प्वाइंट्स
21 जनवरी 2008: सेंसेक्स 2062.2 प्वाइंट्स
22 जनवरी 2008: सेंसेक्स 2272.93 प्वाइंट्स
24 अगस्त 2015: सेंसेक्स 1741.35 प्वाइंट्स
11 नवंबर 2016: सेंसेक्स 1689 प्वाटइंट
06 फरवरी 2018: सेंसेक्स 1274 प्वाइट्स
बाजार के गिरने की वजह क्या है?
1) एशियाई बाजारों में बड़ी गिरावट
- अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट का असर एशियाई बाजारों पर देखने को मिल रहा है। मंगलवार को जापान का बाजार निक्केई 1196 अंक यानी 5.27% की गिरावट के साथ 21,486 अंक पर कारोबार कर रहा है।
- यही हाल हैंगसेंग का रहा। यह बाजार 1385 की गिरावट के साथ 30,861 प्वाइंट्स पर नजर आया। वहीं, एसजीएक्स निफ्टी में 370 अंक की गिरावट के साथ 10,326 अंक पर ट्रेडिंंग जारी है।
- कोरियाई बाजार का इंडेक्स कोस्पी 1.33% की गिरावट के साथ 2492 अंक पर कारोबार कर रहा है, जबकि ताइवान इंडेक्स 510 अंक की गिरावट के साथ 10,435 अंक पर कारोबार कर रहा है।
- शंघाई कम्पोजिट में 2.14% की कमजोरी दिखी। वहीं, स्ट्रेट्स टाइम्स 112 अंक टूटकर 3371 अंक पर रहा।
2) अमेरिकी बाजारों में 6 साल की सबसे बड़ी गिरावट
- सोमवार को अमेरिकी बाजारों में 6 साल की सबसे बड़ी गिरावट ( 7%) दर्ज की गई। इस गिरावट ने बीते एक साल की बढ़त गंवा दी है। महंगे बॉन्ड यील्ड ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
- बिकवाली के दबाव में अमेरिकी बाजारों का एसएंडपी 500 इंडेक्स और डाओ जोंस इंडस्ट्रीयल इंडेक्स 4 फीसदी से ज्यादा टूट गए।
- अमेरिका में बॉन्ड यील्ड 2.88% तक पहुंच गई। बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी से सोमवार के कारोबार में भारी बिकवाली देखने को मिली। जिससे डाओ जोंस 1175 अंक यानी 4.60% की बड़ी गिरावट के साथ 24,346 अंक पर बंद हुआ। एक वक्त डाओ जोंस 1600 अंक टूट गया था। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 113 अंक यानी 4.10% लुढ़ककर 2,649 अंक पर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक कम्पोजिट 273 अंक यानी 3.78% टूटकर 6,968 अंक पर बंद हुआ।
आम बजट के बाद भारतीय बाजार का हाल
- आम बजट 1 फरवरी को आया था। उसके बाद शेयर बाजार में अब तक 4 दिन ट्रेडिंग हुई। 3 और 4 फरवरी को अवकाश था। चारों दिन बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ।
01 फरवरी: सेंसेक्स 35906 (-59 अंक) और निफ्टी 11010 (-10 अंक) पर बंद हुआ।
02 फरवरी: सेंसेक्स 35,067 (-840 अंक) और निफ्टी 10,761 (-256 अंक ) पर बंद हुआ।
05 फरवरी: सेंसेक्स 34,757 ( -310 अंक) और निफ्टी 10,667 ( - 94 अंक) पर बंद हुआ।
06 फरवरी: शुरुआती कारोबार में बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1200 अंक तक लुढ़क गया।
इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स 52 हफ्ते के हाई पर
- स्टॉक मार्केट के इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स (विक्स) में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। शुक्रवार के कारोबार में इंडेक्स 35.83 फीसदी बढ़कर 23.15 के लेवल पर पहुंच गया।
- वोलैटिलिटी इंडेक्स के क्रूसियल लेवल पर पहुंचने से मार्केट में और उतार-चढ़ाव की संभावना बढ़ गई है।
- इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स यानी विक्स नियर टर्म में उतारचढ़ाव को लेकर मार्केट के अनुमान को बताता है। हाई विक्स से संकेत मिलता है कि मार्केट नियर टर्म में उतार-चढ़ाव देख सकता है। वहीं, लोअर विक्स से उतार-चढ़ाव कम होने के संकेत मिलते हैं। वोलैटिलिटी इंडेक्स निफ्टी ऑप्शंस की ऑर्डर बुक के आधार पर तय होता है। ऑप्शंस प्रीमियम जितना ज्यादा बढ़ता है, फीयर इंडेक्स में उतनी बढ़ोतरी होती है।
(साभार: भाष्कर)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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