पाकिस्तान में आतंकी पनाहगाहों की मौजूदगी को लेकर यूएनएससी सदस्य एक राय
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वाशिंगटन, 30 जनवरी (भाषा) अफगानिस्तान के एक शीर्ष दूत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा कि पाकिस्तान के भीतर आतंक की सुरक्षित पनाहगाहों की मौजूदगी को लेकर विश्व निकाय के सदस्यों के बीच राय स्पष्ट है। यहां उन आतंकी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठी।
अफगानिस्तान में संरा के राजदूत महमूद सैकल ने सीधे-सीधे तो पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि उनकी सरकार ने ‘‘क्षेत्र के एक देश’’ द्वारा यूएनएससी के संकल्पों के उल्लंघन के बारे में विश्व निकाय को सबूत मुहैया करवाए हैं।
पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में सैकल ने यूएनएससी के संकल्पों के अनुरूप ‘‘एक देश’’ के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत पर बल लिया।
उन्होंने कहा कि यूएनएससी सदस्यों के बीच पाकिस्तान में आतंक की सुरक्षित पनाहगाहों की मौजूदगी को लेकर पहले के मुकाबले कहीं अधिक स्पष्टता है और वे एकमत हैं। कुछ दिन पहले ही 15 सदस्यीय शक्तिशाली निकाय का राजदूत स्तरीय प्रतिनिधिमंडल काबुल दौरे से लौटा है।
सैकल ने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘ मैंने नहीं सुना कि परिषद के किसी भी सदस्य ने पाकिस्तान में आतंक की सुरक्षित पनाहगाहों की मौजूदगी से इनकार किया हो। मैंने नहीं सुना किसी परिषद का कोई सदस्य उठा हो और उसने कहा हो कि यह सच नहीं है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ लेकिन हमें इससे भी आगे जाना होगा। हमें परिषद में आम सहमति बनानी होगी कि हां, वे वहां पर हैं। एक बार आम सहमति बन जाने के बाद कि वहां पर (पाकिस्तान में) वे (आतंकी) है, सुरक्षा परिषद कार्रवाई करने को बाध्य होगी। ’’
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा यूएनएससी में कई बार आ चुका है। परिषद के कई सदस्य अब इस बारे में खुलकर बात कर रहे हैं।
सैकल ने कहा कि पाकिस्तान ने बीते कुछ वर्षों में मुद्दे को भटकाने की असफल कोशिश की है लेकिन अब पाकिस्तान के राजयनिक की ओर से आ रहे तर्कों को कोई भी सुनने को तैयार नहीं है, ना तो संयुक्त राष्ट्र में और ना ही किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय मंच पर ।
उन्होंने कहा ‘‘ज्यादातर सदस्य देश सुरक्षित पनाहों के बारे में जानते हैं। उन्हें पता है कि आतंकी समूहों के कई प्रमुख पाकिस्तान में रहे, वे पाकिस्तान में मृत पाए गए। उन्हें पाकिस्तान में मारा गया और वहीं दफनाया गया।’’
सैकल ने कहा ‘‘ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मिला और मारा गया। मुल्ला उमर कराची के एक अस्पताल में मरा। मुल्ला अख्तर बलूचिस्तान में मिला और मारा गया। और अब, तालिबान के प्रमुख नाम पाकिस्तान में हैं। यह सबको पता है।’’
(साभार: भाषा)
संपादक, स्वतंत्र भारत न्यूज़
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