प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त डॉक्टरों पर होगी एफआइआर
प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त डॉक्टरों पर होगी एफआइआरमंत्री ने एक रिपोर्ट के हवाले से यह भी बताया कि डॉ.खान को 2011 में पैसा लेकर किसी दूसरे के बदले परीक्षा देने के मामले में पकड़ा गया था।लखनऊ (जेएनएन)। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के उन डॉक्टरों पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी, जो प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त हैं। गोरखपुर में बच्चों की मौत के बाद प्राचार्य के पैथोलॉजी सेंटर से लेकर वहां के डॉक्टरों के नर्सिंग होम तक की बात सामने आई थी।बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एइएस वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ.कफील खान को सिर्फ उनके पद से हटाया गया है। डॉक्टर के तौर पर वह काम कर रहे हैं। हालांकि मंत्री ने एक रिपोर्ट के हवाले से यह भी बताया कि डॉ.खान को 2011 में पैसा लेकर किसी दूसरे के बदले परीक्षा देने के मामले में पकड़ा गया था। उन्होंने कहा कि गोरखपुर की घटना के बाद प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों से मंगाई गई ऑक्सीजन की रिपोर्ट में कोई 'निगेटिव बात सामने नहीं आई है।आठ फीसद कम हुए एइएस के मरीजस्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले साल जनवरी से जुलाई तक बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जितने मरीज भर्ती हुए, उनमें 51 फीसद एइएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) के पीडि़त थे। इस साल इसमें आठ फीसद की कमी आई है। जुलाई तक भर्ती होने वालों में एइएस के 43 प्रतिशत मरीज हैं। पिछली सरकार में व्यवस्थाएं खराब थीं, जिसे ठीक करने के लिए प्रभावित जिलों में सभी पोस्टिंग रद कर नई नियुक्तियां की गईं। डॉक्टरों की छुट्टिïयां रद की गईं और लक्ष्य के मुकाबले 108 फीसद उपलब्धि हासिल करते हुए पूर्वांचल के 93 लाख बच्चों को दिमागी बुखार (जापानी इंसेफ्लाइटिस) के टीके लगाए गए। हालांकि मंत्री ने यह भी कहा कि इतने भर से वह संतुष्ट नहीं हैं।400 दवाओं की सूची व 250 करोड़ भेजेबाढग़्रस्त इलाकों के साथ सभी जिलों में दवाओं की खरीद के लिए 600 करोड़ रुपये के बजट में से 250 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं, जबकि 400 दवाओं का रेट कॉन्ट्रेक्ट कर इनकी सूची भी जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने अब किसी भी जिले में जांच के दौरान दवाएं न पाने पर डॉक्टरों की जिम्मेदारी तय करने की चेतावनी दी है। सभी सीएमओ व सीएमएस को निर्देश दिए कि टेंडर में सबसे कम रेट वाली कंपनी (एल-1) दवा आपूर्ति न कर पाए तो उससे अधिक रेट (एल-2) वाली कंपनी से दवा खरीद लें।बाढ़ चौकियों पर डॉक्टर तैनातवीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मंत्री ने सभी सीएमओ व अस्पतालों के सीएमएस को बाढ़ चौकियों में डॉक्टरों की तैनाती करने और पानी उतरने पर होने वाले खतरों से बचाव के लिए एंटी स्नेक वेनम, क्लोरीन की टैबलेट, ओआरएस किट, डायरिया व बुखार की दवाएं और अन्य जरूरी तैयारी करने के निर्देश दिए। स्क्रीन पर दिखें दवाएंस्वास्थ्य मंत्री ने सभी अस्पतालों में स्क्रीन लगाकर दवाओं की उपलब्धता की जानकारी देने को कहा है। इसमें सिर्फ 35 से 40 हजार रुपये का खर्च आएगा, लेकिन लोगों को पता रहेगा कि अस्पताल में कौन सी दवाएं मौजूद हैं।मुफ्त मिलेगा स्वाइन फ्लू मास्कस्वाइन फ्लू के मरीज तक पहुंचकर स्वास्थ्य विभाग उसके परिवारीजन को एन-95 मास्क निश्शुल्क देगा। प्रभावित मुहल्ले में भी लोगों को साधारण मास्क मुफ्त दिए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और मेरठ सहित कुछ बड़े जिलों में स्वाइन फ्लू के मरीज मिल रहे हैं।स्वच्छता सप्ताह आज सेप्रदेश में गुरुवार से स्वच्छता सप्ताह मनाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसके लिए सभी विभाग तालमेल करके अभियान के तौर पर काम करेंगे, जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा।'पान खाया तो खैर नहींस्वास्थ्य मंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग में एक जिले के सीएमओ मुंह में पान भरकर कैमरे के सामने हाजिर हो गए। स्वास्थ्य मंत्री जब उनकी 'ऊं...ऊं... की आवाज नहीं समझ पाए तो झल्ला गए। पान थूक कर आने को कहा। साथ ही मुख्यमंत्री का निर्देश याद दिलाते हुए चेतावनी दी कि अब वर्किंग आवर्स में कहीं भी डॉक्टर अगर पान या पान मसाला खाते मिले तो निश्चित कार्रवाई की जाएगी। By Ashish Mishra Let's block ads! (Why?)