राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने टीईटी से छूट के लिए सांसद को दिया ज्ञापन
- गलत व्याख्या से हो रहे 27 जुलाई 2011 से पूर्व के शिक्षक प्रभावित
- संसद के शीतकालीन सत्र में मांग उठाए जाने का किया अनुरोध
उरई (उत्तर प्रदेश): 27 नवंबर 2025, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान के नेतृत्व में सांसद नारायणदास अहिरवार को ज्ञापन सौंपकर टीईटी के मुद्दे को संसद के शीतकालीन सत्र में रखने की माँग की है।
ज्ञापन को देते हुए महासंघ के *जिला महामंत्री इलयास मंसूरी* ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में 2011 से पूर्व कार्यरत शिक्षकों को टीईटी पास करने का आदेश हो गया है जबकि यह वाजिब नहीं है, केंद्र सरकार और एनसीटीई की अधिसूचना में पूर्व से कार्यरत शिक्षकों की सेवा शर्तों में टीईटी था ही नहीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश में पूर्व से कार्यरत शिक्षकों पर लागू कर दिया गया है और दो वर्ष में टीईटी उत्तीर्ण न करने पर सेवा से पृथक करने की बात कही गई है जिससे शिक्षक समाज भय और असमंजस की स्थिति में हैं।
*प्रदेशीय मीडिया प्रमुख बृजेश श्रीवास्तव* ने बताया कि प्रदेशीय नेतृत्व के निर्देश पर समूचे प्रदेश में माननीय सांसदों को यह ज्ञापन दिया जा रहा है जिसमें यह मांग है कि केंद्र सरकार विधाई हस्तक्षेप कर वर्ष 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों की सेवा को सुरक्षा प्रदान करें जिससे हमारा शिक्षक भयमुक्त होकर नौनिहालों को शिक्षित कर सकें।
*जिला संगठन मंत्री तनवीर अहमद* ने कहा कि सभी कार्यरत शिक्षकों के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य करने के निर्णय से देशभर के लगभग 20 लाख शिक्षकों की सेवा एवं आजीविका पर संकट उत्पन्न हो गया है।
*जिला महिला उपाध्यक्ष सरला कुशवाहा* ने कहा कि आरटीई अधिनियम विभिन्न राज्यों में अलग-अलग वर्षों में लागू हुआ है। उत्तर प्रदेश में यह अधिनियम 27 जुलाई 2011 को लागू किया गया। इसलिए राज्यवार कट-ऑफ वर्ष निर्धारित किया जाना ही न्यायसंगत रहेगा।
ज्ञापन कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष मु० अय्यूब, जिला उपाध्यक्ष मनोज बाथम, जिला सदस्यता प्रभारी रियायत बेग, जिला संयुक्त मंत्री इनाम उल्ला अंसारी, रुचि, उमेश कुमार, शारिक अंसारी, अरविंद निरंजन, अमित यादव, दशरथ सिंह पाल, राजेंद्र सोनी, अवधेश श्रीवास्तव, शिवाजी गुर्जर, नीतेश श्रीवास्तव, पवन कुमार, प्रेमबाबू, अम्बरीष कुमार, कप्तान सिंह, जितेंद्र श्रीवास्तव, शैलेन्द्र सिंह चौहान, सौरभ सोनी, कन्हैया लाल कुशवाहा, शिवम श्रीवास्तव, हमीर सिंह पाल आदि पदाधिकारी व शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे।
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