आंतकी संगठन में शामिल मन्नान का बगावती तेवर वाला वीडियो सामने आया...
Q : एएमयू की पॉलिटिक्स को आप किस तरह से देखते हैं ?
A -''हमें ये देखना होगा कि एएमयू क्यों बना? इसके पीछे का उद्देश्य क्या था? यह जानने के लिए नेशनल लेवल तक सोचना होगा। मुझे ऐसा लगता है कि यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिससे पॉलिटिक्स में मुस्लिम लीडरशिप को बढ़ाया जा सकेगा। इस वक्त कुछ ही मुस्लिम लीडरशिप हैं, जो हमारे लिए काम कर रहे हैं। कम्युनिटी में सोशल चेंज तो हो रहा है, लेकिन पॉलिटिकल चेंज नहीं आ रहा है। इसी प्रकार से पैरेलल एजुकेशन भी चेंज होना चाहिए।''
-''माइनॉरिटी कम्युनिटी के लिए पाॅलिटिकल प्रयास उतने नहीं किए गए जितने होने चाहिए। वो पूरी तरह से लीडर्स और उसके प्लेटफार्म को चाहती है, जो वाकई में एक्चुअल कम्युनिटी के लिए काम कर सकें, जो हमारे लिए बोल सकें। जो कम्युनिटी को रिप्रेजेंट कर सके, जैसी उसको जरूरत है।''
-''पाॅलिटिकल लीडरशिप के साथ-साथ एजुकेशनल लीडरशिप की भी बहुत जरूरत है, जो साथ-साथ चल सके, जो वाकई हमारे लिए मुद्दों को उठा सके, लड़ सके।''
Q : ट्रिपल तलाक हो-चाहे हाजी अली की दरगाह पर जाने का मसला हो एएमयू का इस पर कोई ओपेनियन निकल कर नहीं आता ?
A :''आज जिस तरह से लोगों के बीच दलितों की चर्चा होती है, उसी तरह मुस्लिम कम्युनिटी को लेकर चर्चा होनी चाहिए। हमारे यहां ऐसा नहीं होता है, इसके पीछे की सच्चाई यह है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिस प्रकार की चर्चा होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही है। क्योंकि यहां पर जो चुनाव होते हैं वो आइडियोलॉजी को लेकर नहीं होते हैं।'' जैसे कि आपने जेएनयू में कम्युनिटी के बजाय मुद्दों पर ग्रुप बनते देखा हैं। उनपर चुनाव होते हैं, उन्हीं को लेकर स्टूडेंटस चुनाव लड़ते हैं। लेकिन दुर्भाग्य ही है कि हमें वो माहौल नहीं मिल पाता है। हमें हर स्तर पर चुनावों से पहले ही रीजनल लेवल पर भी ऐसे आइडियोलॉजीकल बातों को जगह देना होगा।
- ''जेएनयू में कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर एक डिस्कशन के बाद स्टूडेंट्स की क्लिअर कट बात होती है, वो ये नहीं देखते हैं कि सरकार क्या है और पाॅलिटीशियन कौन होगा।''
# Q : कश्मीर पर एक कंक्रीट ओपेनियन होगी। आवाज इमरज (उठेगी) होगी इनलीगल अरेस्टिंग पर ?
A-''एक बात और कहना यहां जरूरी है कि हमें खुद सोचना होगा कि माइनॉरिटी अपने लिए यहां कुछ ऐसा नहीं बना सकती है, जिससे वो बड़ा बदलाव ला सके। अब कश्मीर को ही देखें तो हम कह सकते हैं हमारा कोई खास रोल नहीं है। क्योंकि हमारे पास वो लीडरशिप नहीं है। इसलिए हम कुछ भी करें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
- ''इम्पोर्टेन्ट बात ये है कि पिछले कुछ दिनों में दलित पूरी तरह से मूवमेंट को चला रहे हैं। बहुत तेजी से वो सामने आया है। हमारी कम्युनिटी का सबसे बड़ा टैबू (अभिशाप) ये है कि हम बोलना नहीं चाहते हैं। क्योंकि हमारी खुद की कम्युनिटी में सबसे पहले यह कहा जाता है कि आपको बोलना नहीं है। क्योंकि आप बोलेंगे तो आप अपनी कम्युनिटी को बदनाम कर रहे हैं या उससे आपको बाहर कर दिया जाएगा।''
मन्नान की बंदूक लिए फोटो हुई वायरल
- मन्नान की एके 47 राइफल के साथ फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। मन्नान वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एप्लाइड जियोलॉजी में पीएचडी कर रहा था और 2 जनवरी तक वो उपस्थित था उसके बाद यूनिवर्सिटी छोड़ दी थी।
- मन्नान वानी साउथ कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोलाब का रहने वाला है। मन्नान ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पीएचडी में एडमिशन लिया था।
26 जनवरी, 15 अगस्त सेलिब्रेट करता था वानी
- मन्नान वानी के साथ एएमयू से रिसर्च कर रहे सलमान अहमद ने बताया, ''मन्नान वानी एक पढ़ने वाला लड़का था। वो अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहता था।''
- ''26 जनवरी और 15 अगस्त को बहुत अच्छे से सेलिब्रेट करता था। उसमें राष्ट्रीयता भावना थी। इस वक्त एएमयू में लगभग 1250 कश्मीरी स्टूडेंट्स हैं।''
सवाल पूछने वाला भी खुफिया एजेंसियों के रडार पर
- जम्मू-कश्मीर के रहने वाले लापता अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र मन्नान वानी के रूममेट मुजम्मिल हुसैन भारत सरकार में अधिकारी है।
- बताया जा रहा है, ''मन्नान के रूममेट मुजम्मिल हुसैन जिऑलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया में क्लास वन ऑफिसर है। वो इन दिनों महाराष्ट्र में तैनात हैं। एएमयू प्रशासन ने भी इस तथ्य की पुष्टि की है।''
- सूत्रों ने बताया, ''जिऑलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया में चयन के बाद मुजम्मिल ने नौकरी जॉइन की। इसीलिए जुलाई 2017 से वो हॉस्टल में नहीं रहा। यह जम्मू-कश्मीर के बारामूला के रहने वाले है।''
- बता दें, प्रारंभिक जांच में पता चला था कि मन्नान के अलावा उसका रूम पार्टनर मुजम्मिल भी लापता था।
- अलीगढ़ एसएसपी राजेश पांडेय का कहना है, ''मन्नान वानी जुड़े हर व्यक्ति की जांच चल रही है, उसके सिम और कागजों के बारे में पूरी डिटेल खंगाली जा रही हैं।''
- ''एटीएस और एनआईए की टीमें लगातर नजर बनाए हुए हैं, उससे मिलने-जुलने वालों की जांच शुरू हो गई है। इलेक्शन के समय के वीडियो के बारे में जानकारी की जा रही हैं।''
(साभार: भास्कर)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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