
विश्व स्वास्थ्य सभा के 78वें सत्र में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ और YouTube पर सजीव प्रसारण: प्रधानमंत्री कार्यालय
नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जिनेवा में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के 78वें सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने "विश्व स्वास्थ्य सभा के 78वें सत्र में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ और YouTube पर सजीव प्रसारण" जारी किया।
विश्व स्वास्थ्य सभा के 78वें सत्र में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ:
महामहिम और प्रतिनिधिगण, नमस्ते। विश्व स्वास्थ्य सभा के 78वें सत्र में सभी को हार्दिक बधाई।
मित्रों,
इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य सभा की थीम 'वन वर्ल्ड फॉर हेल्थ' है। यह वैश्विक स्वास्थ्य के लिए भारत के विजन के अनुरूप है। जब मैंने 2023 में इस सभा को संबोधित किया था, तो मैंने 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' के बारे में चर्चा की थी। एक स्वस्थ विश्व का भविष्य समावेशन, समेकित विजन और सहयोग पर निर्भर करता है।
मित्रों,
समावेशन भारत के स्वास्थ्य सुधारों का मूल है। हम आयुष्मान भारत संचालित करते हैं, जो विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसमें 580 मिलियन लोग शामिल हैं और यह निशुल्क उपचार प्रदान करती है। इस कार्यक्रम को हाल ही में 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीयों को शामिल करने के लिए विस्तारित किया गया था। हमारे पास हज़ारों स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का एक नेटवर्क है। वे कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की जांच करते हैं और उनका पता लगाते हैं। हज़ारों सार्वजनिक फ़ार्मेसियां बाज़ार मूल्य से कहीं कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराती हैं।
मित्रों,
स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाने के लिए प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक है। हमारे पास गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को ट्रैक करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है। लाखों लोगों के पास एक अनूठी डिजिटल स्वास्थ्य पहचान है। यह हमें लाभ, बीमा, रिकॉर्ड और सूचना को एकीकृत करने में मदद कर रहा है। टेलीमेडिसिन के साथ, कोई भी डॉक्टर से अब बहुत दूर नहीं है। हमारी निःशुल्क टेलीमेडिसिन सेवा ने 340 मिलियन से अधिक परामर्श प्रदान करने सक्षम बनाया हैं।
मित्रों,
हमारी पहलों के कारण एक उत्साहजनक प्रगति हुई है। कुल स्वास्थ्य व्यय के प्रतिशत के रूप में व्यक्तिगत रूप से किए जाने वाले व्यय में उल्लेखनीय कमी आई है। साथ ही, सरकारी स्वास्थ्य व्यय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
मित्रों,
विश्व का स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम सबसे निर्बल वर्ग के लोगों की कितनी अच्छी तरह देखभाल करते हैं। विकासशील देश विशेष रूप से स्वास्थ्य चुनौतियों से प्रभावित हैं। भारत का विजन अनुकरणीय, मापनीय और टिकाऊ मॉडल प्रदान करता है। हमें अपनी सीख और सर्वोत्तम प्रथाओं को दुनिया, विशेष रूप से विकासशील देशों के साथ साझा करने में प्रसन्नता होगी।
मित्रों,
जून में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष इसकी थीम है 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग'। चूंकि मैं उस देश का हूं जिसने दुनिया को योग की शिक्षा दी है, इसलिए मैं सभी देशों को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित करता हूं।
मित्रों,
मैं विश्व स्वास्थ्य संगठन और सभी सदस्य देशों को आईएनबी संधि की सफल वार्ता के लिए बधाई देता हूं। यह भविष्य की महामारियों से अधिक सहयोग के साथ लड़ने की साझा प्रतिबद्धता है। एक स्वस्थ विश्व का निर्माण करते समय, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी वंचित न रह जाए। मैं वेदों की एक शाश्वत प्रार्थना के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥ हज़ारों वर्ष पहले, हमारे ऋषियों ने प्रार्थना की थी कि सभी स्वस्थ, प्रसन्न और रोग मुक्त रहें। ईश्वर करे, यह विजन विश्व को एकजुट करे।
धन्यवाद!
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