
भारत: सबसे ज्यादा तीव्र गति से बढ़ती एक प्रमुख अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली (PIB): वित्त मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि, भारत सबसे ज्यादा तीव्र गति से बढ़ती एक प्रमुख अर्थव्यवस्था है।
आईएमएफ के अनुमान के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था 2025 में 6.2प्रतिशत और 2026 में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी
परिचय
भारत एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमान के अनुसार अगले दो वर्षों में यह सबसे तीव्र गति से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। आईएमएफ के वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटल़ुक के अप्रैल 2025 संस्करण के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2025 में 6.2 प्रतिशत और 2026 में 6.3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है , जो वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर मिलती-जुलती अर्थव्यव्स्था वाले देशों पर ठोस बढ़त बनाए रखेगा।
वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) के अप्रैल 2025 संस्करण में जनवरी 2025 के अपडेट की तुलना में 2025 के पूर्वानुमान में कमी दिखाई गई है, जो वैश्विक व्यापार संबंधी तनाव और बढ़ती अनिश्चितता के प्रभाव को दर्शाता है। इस मामूली नरमी के बावजूद, समग्र दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है। यह स्थायित्व न केवल भारत के व्यापक आर्थिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि एक जटिल अंतरराष्ट्रीय वातावरण में गति बनाए रखने की इसकी क्षमता को भी दर्शाती है। आईएमएफ भारत के आर्थिक लचीलेपन की पुष्टि करता है। ऐसे में, वैश्विक विकास के एक प्रमुख इंजन के तौर पर भारत की महत्वपूर्ण भूमिका प्रमाणित होती है।
आईएमएफ की वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक रिपोर्ट का अवलोकन
वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) वैश्विक आर्थिक रुझानों और नीतिगत चुनौतियों पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट है। इसे अंतरिम अपडेट के साथ वर्ष में दो बार प्रकाशित किया जाता है। यह अल्प और मध्यम अवधि के लिए अनुमान प्रदान करता है। इसमें उन्नत, उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। यह रिपोर्ट आईएमएफ की आर्थिक निगरानी का समर्थन करती है और सदस्य देशों के बीच नीति पर चर्चाओं का मार्गदर्शन करती है।
अप्रैल 2025 के संस्करण में कहा गया है कि कई वर्षों तक लगातार झटकों के बाद, वैश्विक अर्थव्यवस्था सतर्क संतुलन के चरण में प्रवेश कर चुकी है। वृद्धि मामूली बनी हुई है और वैश्विक उत्पादन के अनुमानों को जनवरी 2025 के अपडेट से नीचे की ओर संशोधित किया गया है। यह टैरिफ दरों में भारी वृद्धि, नीतिगत अनिश्चितता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में धीमी प्रगति को दर्शाता है। वैश्विक मुद्रास्फीति में गिरावट की उम्मीद है, हालांकि पहले की अपेक्षा धीमी गति से, और व्यापार संबंधी तनाव और अस्थिर वित्तीय बाजारों जैसे नकारात्मक जोखिम के दृष्टिकोण पर भारी पड़ रहे हैं।
हालांकि, भारत के लिए विकास का दृष्टिकोण अपेक्षाकृत अधिक स्थिर है। आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सतत विस्तार का अनुमान लगाया है, जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में समुचित निजी खपत द्वारा समर्थित किया गया है। अनिश्चितता और धीमी वृद्धि से चिह्नित वैश्विक वातावरण में, भारत का लचीलापन अलग से दिखाई देता है, जो वैश्विक आर्थिक गतिविधि के प्रमुख इंजन के रूप में इसकी भूमिका को मजबूत करता है।
अनुमान है कि भारत 2025 और 2026 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा, जो वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में इसके प्रभुत्व की पुष्टि करता है। देश की अर्थव्यवस्था 2025 में 6.2 प्रतिशत और 2026 में 6.3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो इसके कई विश्व की मिलती-जुलती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों से आगे है। इसके विपरीत, आईएमएफ ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि को बहुत कम, 2025 में 2.8 प्रतिशत और 2026 में 3.0 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है, जो भारत के असाधारण बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है।
आईएमएफ ने अन्य प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए अपने विकास अनुमानों को भी संशोधित किया है। 2025 के लिए चीन के जीडीपी विकास पूर्वानुमान को घटाकर 4.0 प्रतिशत कर दिया गया है, जो विश्व आर्थिक परिदृश्य के जनवरी 2025 संस्करण में 4.6 प्रतिशत से कम है। इसी तरह, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी मंदी की आशंका है, इसकी वृद्धि को 90 आधार अंकों से घटाकर 1.8 प्रतिशत कर दिया गया है। इन संशोधनों के बावजूद, भारत की मजबूत विकास गति इसे वैश्विक मंच पर अलग पहचान दिलाती है।
आईएमएफ ने जिन बिंदुओं को चिन्हित किया है, उनके अनुसार, 2025 और 2026 के लिए भारत का आर्थिक दृष्टिकोण प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे उज्ज्वल में से एक बना हुआ है। वैश्विक अनिश्चितताओं और अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास संबंधी पूर्वानुमानों में कमी के बावजूद, भारत वैश्विक आर्थिक विकास में अपना नेतृत्व बनाए रखने के लिए तैयार है। मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और रणनीतिक सरकारी पहलों द्वारा समर्थित अपना देश आगे आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अच्छी स्थिति में है। इंफ्रास्ट्रक्चर, नवाचार और वित्तीय समावेशन में सुधारों के साथ, भारत वैश्विक आर्थिक गतिविधि के प्रमुख चालक के रूप में अपनी भूमिका को बढ़ाता जा रहा है। आईएमएफ के अनुमान भारत के लचीलेपन की पुष्टि करने के साथ-साथ, वैश्विक आर्थिक भविष्य को आकार देने में इसके महत्व को और मजबूत करते हैं।
संदर्भ:
https://www.imf.org/en/Publications/WEO/Issues/2025/04/22/world-economic-outlook-april-2025
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