
स्टाम्प शुल्क के लिए दस्तावेजों का मूल्यांकन: भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 20 से 23
नई दिल्ली (लाइव लॉ): भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 (Indian Stamp Act, 1899) में यह निर्धारित किया गया है कि किसी दस्तावेज़ (Instrument) का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा ताकि उचित स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) लगाया जा सके। अलग-अलग प्रकार के दस्तावेजों पर अलग-अलग स्टाम्प शुल्क लागू होता है, जो आमतौर पर उसमें दर्ज किए गए लेन-देन (Transaction) के मूल्य पर निर्भर करता है।
धारा 20 से 23 में यह बताया गया है कि विदेशी मुद्रा (Foreign Currency), शेयर बाजार (Stock Market), विनिमय दर (Exchange Rate), और ब्याज (Interest) से जुड़े दस्तावेजों का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा ताकि उन पर सही स्टाम्प शुल्क लगाया जा सके।
यह लेख इन प्रावधानों को सरल भाषा में समझाएगा और उनके व्यावहारिक उपयोग को उदाहरणों के साथ स्पष्ट करेगा।
धारा 20: विदेशी मुद्रा के लिए रूपांतरण (Conversion of Foreign Currency for Stamp Duty Calculation)
यदि किसी दस्तावेज़ में कोई राशि (Amount) किसी विदेशी मुद्रा (Foreign Currency) में दी गई हो, तो स्टाम्प शुल्क की गणना के लिए उसे भारतीय रुपये (Indian Rupees) में परिवर्तित करना आवश्यक होता है। धारा 20 इस रूपांतरण के नियमों को निर्धारित करती है।
धारा 20(1) के मुख्य प्रावधान (Key Provisions of Section 20(1))
1. यदि किसी दस्तावेज़ में विदेशी मुद्रा में राशि दी गई है, तो स्टाम्प शुल्क का मूल्यांकन उस भारतीय रुपये के समकक्ष (Equivalent in INR) पर किया जाएगा।
2. रूपांतरण उसी दिन की विनिमय दर (Exchange Rate of that day) के आधार पर किया जाएगा, जिस दिन दस्तावेज़ तैयार किया गया है।
उदाहरण (Illustration)
मान लीजिए कि रमेश, एक भारतीय व्यापारी, न्यूयॉर्क में एक समझौता करता है जिसमें वह USD 10,000 का भुगतान करने के लिए सहमत होता है। यह समझौता विदेश में हुआ है लेकिन बाद में इसे भारत में निष्पादित (Execute) किया जाता है।
यदि समझौते की तिथि पर विनिमय दर 1 USD = ₹80 है, तो:
• समझौते का भारतीय मूल्य = USD 10,000 × ₹80 = ₹8,00,000
• स्टाम्प शुल्क की गणना ₹8,00,000 पर की जाएगी।
यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि लेन-देन की मुद्रा चाहे जो भी हो, स्टाम्प शुल्क भारत में भारतीय रुपये के मूल्य के अनुसार लिया जाएगा।
धारा 20(2): भारत सरकार की भूमिका (Role of the Central Government)
विनिमय दरें (Exchange Rates) अक्सर बदलती रहती हैं, इसलिए धारा 20(2) के तहत केंद्र सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह समय-समय पर अधिकारिक गजट (Official Gazette) में अधिसूचना जारी करके एक मानक विनिमय दर निर्धारित कर सके।
इससे यह सुनिश्चित होता है कि कोई व्यक्ति गलत विनिमय दर का उपयोग करके स्टाम्प शुल्क को कम न कर सके।
धारा 21: शेयर और बाजार योग्य प्रतिभूतियों का मूल्यांकन (Valuation of Stock and Marketable Securities)
यदि कोई दस्तावेज़ शेयर (Shares) या अन्य बाजार योग्य प्रतिभूतियों (Marketable Securities) से संबंधित हो, तो स्टाम्प शुल्क उनके मूल्यांकन (Valuation) के आधार पर लिया जाएगा।
धारा 21 के मुख्य प्रावधान (Key Provisions of Section 21)
1. यदि किसी दस्तावेज़ में किसी शेयर या बाजार योग्य प्रतिभूति का लेन-देन दर्ज किया गया है, तो स्टाम्प शुल्क उस दिन के औसत बाजार मूल्य (Average Market Price of that day) पर आधारित होगा।
2. यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि कोई व्यक्ति स्टाम्प शुल्क बचाने के लिए शेयर का मूल्य कम बताकर (Under-reporting) भुगतान न करे।
उदाहरण (Illustration)
मान लीजिए कि अनीता ने 1,000 शेयरों को बेचने के लिए एक शेयर ट्रांसफर एग्रीमेंट (Share Transfer Agreement) निष्पादित किया।
अगर 1 फरवरी 2025 को इन शेयरों की औसत कीमत ₹500 प्रति शेयर है, तो:
• कुल लेन-देन मूल्य = 1,000 × ₹500 = ₹5,00,000
• स्टाम्प शुल्क की गणना ₹5,00,000 के आधार पर की जाएगी।
इस प्रावधान से यह सुनिश्चित होता है कि सभी वित्तीय दस्तावेज सही मूल्यांकन के आधार पर कर योग्य हों।
धारा 22: विनिमय दर या बाजार मूल्य के कथन का प्रभाव (Effect of Exchange Rate or Market Price Statement)
धारा 22 यह कहती है कि यदि किसी दस्तावेज़ में विनिमय दर (Exchange Rate) या बाजार मूल्य (Market Price) का उल्लेख किया गया है और स्टाम्प शुल्क उसी के अनुसार अदा किया गया है, तो इसे वैध माना जाएगा।
लेकिन अगर बाद में यह साबित हो जाता है कि दी गई जानकारी गलत (Incorrect) थी, तो अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क और दंड लगाया जा सकता है।
उदाहरण (Illustration)
मान लीजिए कि सुरेश एक समझौते में यह लिखता है कि USD का विनिमय दर ₹75 है और स्टाम्प शुल्क उसी के अनुसार चुकाया जाता है। लेकिन असली विनिमय दर ₹80 थी।
• पहले यह माना जाएगा कि दस्तावेज़ सही तरीके से स्टाम्प किया गया है।
• लेकिन अगर किसी सरकारी अधिकारी द्वारा यह सत्यापित किया जाता है कि विनिमय दर गलत थी, तो सुरेश को अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क और दंड (Penalty) देना होगा।
इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई व्यक्ति स्टाम्प शुल्क से बचने के लिए गलत आंकड़े न दे।
धारा 23: ब्याज वाले दस्तावेज़ों पर स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty on Instruments Reserving Interest)
धारा 23 उन दस्तावेजों से संबंधित है जिनमें ब्याज (Interest) का भुगतान करने का उल्लेख किया गया हो। यह धारा स्पष्ट करती है कि:
• यदि किसी दस्तावेज़ में ब्याज की शर्तें (Interest Clause) शामिल की गई हैं, तो इससे स्टाम्प शुल्क नहीं बढ़ेगा।
• स्टाम्प शुल्क केवल मूलधन (Principal Amount) पर ही लगेगा।
उदाहरण (Illustration)
मान लीजिए कि रवि ने राहुल को ₹10,00,000 उधार दिया और वे एक ऋण समझौता (Loan Agreement) तैयार करते हैं, जिसमें लिखा है कि राहुल इस राशि पर 10% वार्षिक ब्याज (Annual Interest) देगा।
• स्टाम्प शुल्क की गणना केवल ₹10,00,000 पर की जाएगी, न कि ब्याज को जोड़कर।
• ब्याज की शर्त जोड़ने से स्टाम्प शुल्क नहीं बढ़ेगा।
यह प्रावधान उधारदाताओं और उधार लेने वालों दोनों के लिए लाभकारी (Beneficial) है क्योंकि इससे अतिरिक्त कर बोझ (Excess Tax Burden) नहीं पड़ता।
भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 20 से 23 यह सुनिश्चित करती हैं कि विदेशी मुद्रा, शेयर बाजार, विनिमय दर और ब्याज से जुड़े दस्तावेजों का उचित मूल्यांकन किया जाए।
• धारा 20 विदेशी मुद्रा को भारतीय रुपये में बदलने के नियमों को निर्धारित करती है।
• धारा 21 शेयरों और प्रतिभूतियों के उचित मूल्यांकन को सुनिश्चित करती है।
• धारा 22 यह बताती है कि गलत विनिमय दर या बाजार मूल्य बताने पर दंड लगाया जा सकता है।
• धारा 23 ब्याज वाले दस्तावेजों पर अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क से छूट प्रदान करती है।
इन नियमों का पालन करने से कोई भी व्यक्ति वित्तीय लेन-देन (Financial Transactions) में स्टाम्प शुल्क की सही गणना कर सकता है और अनावश्यक दंड से बच सकता है।
*****
(समाचार & फोटो साभार- लाइव लॉ)
swatantrabharatnews.com