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आयकर अधिनियम, 1961 के व्यापक सरलीकरण की दिशा में आयकर विधेयक, 2025 आज संसद में प्रस्तुत किया गया: वित्त मंत्रालय
1. बेहतर स्पष्टता और संबद्धता के लिए पठनीय और संरचनात्मक सरलीकरण।
2. निरंतरता और निश्चितता सुनिश्चित करने के लिए कर नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं।
3. करदाताओं के लिए पूर्वानुमान बरकरार रखते हुए कर दरों में कोई संशोधन नहीं।
- पठनीयता के बेहतर करने के लिए जटिल भाषा को हटाना।
- बेहतर नेविगेशन के लिए गैर-जरूरी और दोहराव वाले प्रावधानों को हटाना।
- संदर्भ में आसानी के लिए अनुच्छेदों को तार्किक रूप से पुनर्गठित करना।
सरकार ने करदाताओं, व्यवसायों, उद्योग संघों और पेशेवर निकायों से परामर्श लेते हुए व्यापक हितधारक जुड़ाव सुनिश्चित किया। मिले 20,976 ऑनलाइन सुझावों में से, जहां संभव हो, प्रासंगिक सुझावों की जांच की गई और उन्हें शामिल किया गया।
उद्योग विशेषज्ञों और कर पेशेवरों के साथ परामर्श किया गया और सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए ऑस्ट्रेलिया और यूके के सरलीकरण मॉडल का अध्ययन किया गया।
सरलीकरण अभ्यास के परिणाम
असर
समीक्षा से अधिनियम के आकार में काफी कमी आई है, जिससे यह अधिक सुव्यवस्थित और संक्षिप्त बन गया है। प्रमुख न्यूनीकरण का सारांश नीचे दिया गया है:
विषय |
मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 |
प्रस्तावित आयकर विधेयक, 2025 |
बदलाव (कमी/ बढ़ोतरी) |
शब्द |
512,535 |
259,676 |
252,859 शब्दों की कमी |
अध्याय |
47 |
23 |
24 अध्यायों की कमी |
अनुच्छेद |
819 |
536 |
283 अनुच्छेदों की कमी |
तालिकाएं |
18 |
57 |
39 तालिकाओं की बढ़ोतरी |
फॉर्मूले |
6 |
46 |
40 फॉर्मूलों की बढ़ोतरी |
गुणवत्ता संबंधी सुधार
- सरल भाषा, कानून को और अधिक सुलभ बनाना।
- संशोधनों का समेकन, हिस्सों में विभाजित करने को कम करना।
- अधिक स्पष्टता के लिए अप्रचलित और अनावश्यक प्रावधानों को हटाना।
- बेहतर पठनीयता के लिए तालिकाओं और फॉर्मूले के जरिए संरचनात्मक आधार पर सुव्यवस्थित करना।
- मौजूदा कराधान सिद्धांतों का संरक्षण, उपयोगिता बढ़ाते हुए निरंतरता सुनिश्चित करना।
आयकर विधेयक, 2025 एक सरल और स्पष्ट कर ढांचा प्रदान करके ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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