
भारतीय रेलवे, यात्री ट्रेन के सञ्चालन में पूरी तरह फेल ! - लखनऊ के DRM -सतीश कुमार अव्वल - बीच सफर कुम्भ एक्सप्रेस निरस्त - हज़ारों यात्री फंसे.
> क्या यात्री ट्रेनों के सुरक्षा, सञ्चालन व समय पालन में रेल अधिकारिओं का कोई इंट्रेस्ट नहीं?-
> क्या रेल अधिकारिओं का मुख्य उद्देश्य - रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष की चापलूसी और नयी-नयी योजनाओं के माधयम से रेल को लूटने में !-
> क्या मौके पर मौजूद G.M., लखनऊ मंडल के DRM - सतीश कुमार से कुम्भ एक्सप्रेस को निरस्त करने का कारण भी पूंछने की हिम्मत भी न कर सके ?-
कल सोमवार को जिस प्रकार रेलवे के GM ही नहीं रेल के बड़े-बड़े अधिकारिओं के साथ- साथ NBCC और RLDA के अधिकारी २५०० करोड़, १५०० करोड़, हज़ार करोड़ रुपये अर्थात स्काईवॉक से लखनऊ जंक्शन को जोड़ने चारबाग़ और मेट्रो स्टेशनों को सँवारने नया चारबाग़ स्टेशन बनाने, गोमती नगर स्टेशन को ,दोमंजिला स्टेशन बनाने, बजट होटलों को बनाने और लखनऊ को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने की योजनाओं और करोङो रुपये खर्च की योजना बनाने में ब्यस्त थे, वहीँ लखनऊ के प्लेटफॉर्म नंबर- ७ के पास कड़ी महत्वपूर्ण मिलेट्री स्पेशल ट्रेन के AC कोच से लेकर सामान्य श्रेणी के कोच तक में पानी नहीं था और पानी के लिए महत्वपूर्ण मिलेट्री ट्रेन ०३ घंटे तक कड़ी रही तथा मिलेट्री के अधिकारी और सैनिक स्टेशन अधिकारिओं को खोजते रहे परन्तु कोई नहीं मिला. मिला तो स्टेशन पर ड्यूटी दे रहा स्टेशन मास्टर, जिसने किसी तरह मिलेट्री ट्रेन में पानी भरवाया और ट्रेन ०३ घंटे बाद रवाना हो सकी.
हद्द तो तब हो गयी जब एक तरफ उत्तर रेलवे के G M यात्री सुबिधाओं को बेहतर करने के नाम पर योजना बना रहे थे तथा कुछ यात्रिओं से बात कर रहे थे, तभी हावड़ा - हरिद्वार कुम्भ एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 12369 लगभग 01 घंटे की देरी से लखनऊ चारबाग़ स्टेशन पर प्रातः 09:20 बजे पहुंची और रेलवे ने कुहरे के नाम पर इस ट्रेन को निरस्त कर दिया. यात्रिओं ने जब कहा कि, आज कुहरा तो नहीं है तो DRM - G .M या किसी अधिकारी ने सुनवाई तो दूर की बात , ट्रेन निरस्त करने का कोई ठोस कारण नहीं बता पाए और न ही हज़ारों रेल यात्री बीच में फंस गए.
रेलवे और रेलवे के अत्यधिक काबिल कहे जाने वाले उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के DRM - सतीश कुमार उन हज़ारों फंसे यात्रिओं के आगे की यात्रा के लिए कोई प्रबंध भी नहीं कर सके.
मौके पर मौजूद G.M., लखनऊ मंडल के DRM - सतीश कुमार से कुम्भ एक्सप्रेस को निरस्त करने का कारण भी पूंछने की हिम्मत भी न कर सके.
क्या ऐसी ही सूरत होगी विश्व स्तरीय रेल और लखनऊ स्टेशन की ?-
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