
गुजरात और हिमांचल में मोदी मैजिक का असर हुआ कम -
भा.ज.पा, को आत्म चिंतन तथा विकाश की नीतिओं पर पुनर्विचार कि आवश्यकता है अन्यथा 2019 का सफर मुश्किल पैदा करेगा.
गुजरात में भा.ज.पा. के अध्यक्ष अमित शाह तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा अपनी पूरी ताकत झोंकने के बावजूद और प्रधान मंत्री-मोदी द्वारा अपने साथ पूरी केंद्र के मंत्रिओं व भा.ज.पा. शासित राज्यों के मुख्य मंत्री से लेकर पार्षद तक बुलाकर प्रचार कराने और डेरा डालने ,के बावजूद भी 22वर्षों में सबसे कम सीट पर भा.ज.पा की जीत और जिस प्रकार हिमांचल में भा.ज.पा. के गढ़ कुल्लू में राजशाही ध्वस्त हुयी है तथा कुल्लू के ढालपुर मैदान में हुयी मोदी की चुनावी सभा भी भा.ज.पा.के सदर सीट के प्रत्यासी - रूसी महल के महेश्वर सिंह तथा बंजार निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्यासी बने पूर्व मंत्री कर्ण सिंह के पुत्र - आदित्य विक्रम सिंह की सीट हार गयी और मुख्य मंत्री- धूमल भी अपनी ही सीट हार गए तथा बोरसद, महुधा,व्यारा, और झंगादिया में आज तक जीत नहीं सकी, उससे साफ़ है कि, मोदी मैजिक का असर काम हुआ है.
भा.ज.पा, को आत्म चिंतन तथा विकाश की नीतिओं पर पुनर्विचार कि आवश्यकता है अन्यथा 2019 का सफर मुश्किल पैदा करेगा.
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