राष्ट्रपति ने आगरा में डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 83वें दीक्षांत समारोह को किया संबोधित
> इस दीक्षांत समारोह को शिक्षा की यात्रा की समाप्ति न समझें।
>डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय ने एक प्राथमिक विद्यालय की देखरेख का जिम्मा लिया है।
>यह विश्वविद्यालय 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए हमारी युवा पीढ़ी को तैयार करने की सार्थक भूमिका निभाना जारी रखेगा। ______राष्ट्रपति
आज 5 दिसंबर, 2017, को राष्ट्रपति- रामनाथ कोविंद ने आगरा के डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 83वें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि, इस विश्वविद्यालय का लगभग नौ दशकों से उत्कृष्ट इतिहास रहा है। इस विश्वविद्यालय ने देश को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य विशिष्ट व्यक्ति देश को समर्पित किए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे इस दीक्षांत समारोह को शिक्षा की यात्रा की समाप्ति न समझें। यह दीक्षांत समारोह जिम्मेदारियों और सीखने के नये चरण का शुभारंभ है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी शिक्षा के क्षेत्र में कई लोगों का योगदान रहा है, जिसमें उनके माता-पिता, अध्यापक, परिवार के सदस्य और सरकारी एवं समाज के लोगों का महत्व रहा है। इनके सहयोग से वे स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त कर पाए हैं, हमारे देश में लाखों लोगों को यह अवसर प्राप्त नहीं हो पाता। इसलिए स्नातक विद्यार्थियों का यह कर्तव्य बनता है कि वे समाज को किसी भी रूप में इस योगदान को वापस लौटा सकें और मानवता के लिए कार्य करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय ने एक प्राथमिक विद्यालय की देखरेख का जिम्मा लिया है, जिसमें साधनहीन बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। इसके अतिरिक्त यह विश्वविद्यालय कॉर्निया ट्रांसप्लांट कार्यक्रम चला रहा है और रक्तदान शिविरों का आयोजन करता है। उन्होंने ऐसे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये वास्तव में सराहनीय है। ऐसे प्रयासों से विद्यार्थी संवेदनशील बनते हैं और समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना का विकास होता है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि यह विश्वविद्यालय 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए हमारी युवा पीढ़ी को तैयार करने की सार्थक भूमिका निभाना जारी रखेगा।
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