उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक, सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव सहित अन्य नेताओं ने प्रज्ञानन्द जी को श्रद्धांजली अर्पित की
> भारत का श्रीलंका से पुराना संबंध रहा है।
> भगवान राम श्रीलंका गये और प्रज्ञानन्द जी श्रीलंका से भारत आये और भारत में ही रहे।
> प्रज्ञानन्द जी वास्तव में दोनों देश के सांस्कृतिक एकता के संवाहक थे। _____ राज्यपाल- राम नाईक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने रिसालदार पार्क, लाल कुँआ स्थित बुद्ध विहार में बौद्ध धमर्गुरू प्रज्ञानन्द जी के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर अपनी और प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। तत्पश्चात उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री - योगी जी, ब.स.पा. मुखिआ-मायावती, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष- सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, सचिव - सतीश चंद्र और संगठन मंत्री- इंद्रा प्रकाश बौद्ध ने भी अंतिम दर्शन किये और श्रद्धांजलि अर्पित की।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने कहा कि भारत का श्रीलंका से पुराना संबंध रहा है। भगवान राम श्रीलंका गये और प्रज्ञानन्द जी
श्रीलंका से भारत आये और भारत में ही रहे। प्रज्ञानन्द का जन्म 18 दिसंबर , 1928 को श्रीलंका
में हुआ। बाबा साहब को धम्म कि दीक्षा देने वाले धमर्गुरूओं में से वे एक थे। उन्होंने बौद्ध धर्म के प्रचार का कार्य किया। उन्होंने कहा कि प्रज्ञानन्द जी वास्तव में दोनों देश के सांस्कृतिक एकता के संवाहक थे।
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