केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 31 मार्च, 2025 तक के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा लागू की: उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
"स्टॉक सीमा व्यापारियों/थोक विक्रेताओं के लिए 3000 मीट्रिक टन; खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रत्येक खुदरा विक्रय केंद्र के लिए 10 मीट्रिक टन; बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रय केंद्रों के लिए प्रत्येक दुकान के लिए 10 मीट्रिक टन और उनके सभी डिपो पर 3000 मीट्रिक टन, प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के शेष महीनों द्वारा गुणित मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 70 प्रतिशत निर्धारित की गई है"
नई दिल्ली (PIB): समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने तथा जमाखोरी और बेईमानी से की जा रही सट्टेबाजी को रोकने के लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू गेहूं पर स्टॉक सीमा लगाने का निर्णय लिया है। निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमाओं और आवागमन प्रतिबंधों को हटाने (संशोधन) आदेश, 2024 को आज यानी 24 जून 2024 से तत्काल प्रभाव से जारी कर दिया गया है और यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा।
स्टॉक सीमा प्रत्येक इकाई पर अलग-अलग लागू होगी जैसे व्यापारी/थोक विक्रेताओं के लिए- 3000 मीट्रिक टन; खुदरा विक्रय केंद्रों के लिए- प्रत्येक खुदरा दुकानों के लिए 10 मीट्रिक टन; बड़ी श्रंखला खुदरा विक्रय केंद्रों- प्रत्येक दुकान के लिए 10 मीट्रिक टन और उनके सभी डिपो पर 3000 मीट्रिक टन- और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के शेष महीनों द्वारा गुणित मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 70 प्रतिशत लागू की जाएगी। संबंधित कानूनी निकायों को, जैसा कि ऊपर बताया गया है, स्टॉक की स्थिति घोषित करनी होगी और उन्हें खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल ( https://evegoils.nic.in/wsp/login ) पर नियमित रूप से अपडेट करना होगा और यदि उनके पास विद्यमान स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है तो उन्हें इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा।
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