चुनाव के दौरान जब्ती जल्द ही 9,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करेगी: निर्वाचन आयोग
प्रलोभन के विरुद्ध आयोग द्वारा की गई कार्रवाई इस ऐतिहासिक उछाल का कारण
मादक पदार्थों के खिलाफ ईसीआई का प्रहार जारी; मादक पदार्थों की जब्ती से 45 प्रतिशत राशि की प्राप्ति
खुफिया सूचना पर आधारित समन्वित कार्रवाई, निरंतर समीक्षा और ईएसएमएस द्वारा समर्थ वास्तविक समय में निगरानी से अभूतपूर्व बरामदगी संभव हुई
नई दिल्ली (PIB): लोकसभा चुनाव में धनबल और प्रलोभन पर चुनाव आयोग की दृढ़ एवं ठोस कार्रवाई से एजेंसियों ने 8,889 करोड़ रुपये की जब्ती की है। ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों सहित प्रलोभनों के खिलाफ बढ़ी हुई सतर्कता के कारण बड़ी जब्ती और कार्रवाई में निरंतर वृद्धि हुई है। मादक पदार्थों की बरामदगी अधिकतम रही है। व्यय निगरानी, सटीक डेटा व्याख्या और प्रवर्तन एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जिलों और एजेंसियों की नियमित अनुवर्ती समीक्षा के कारण 1 मार्च से जब्ती में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ड्रग्स, शराब, कीमती धातुएं, मुफ्त उपहार, नकदी अलग-अलग स्तरों पर चुनावों को प्रभावित करती है, कुछ सीधे तौर पर प्रलोभन के रूप में प्राप्त होती हैं जबकि अन्य धन के प्रचलन के कम स्तर के माध्यम से प्राप्त होती हैं। इस प्रकार, इन अवैध गतिविधियों से प्राप्त आय को राजनीतिक अभियानों से जोड़ने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विस्तृत रिपोर्ट अनुबंध-ए में है।
आयोग ने नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों की जब्ती पर विशेष जोर दिया है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जो राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ट्रांजिट जोन हुआ करते थे, वे तेजी से उपभोग क्षेत्र बनते जा रहे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने एक समीक्षा दौरे के दौरान नोडल एजेंसियों को कहा कि “चुनावों में मादक पदार्थों के व्यापार से प्राप्त अवैध धन की भूमिका को जड़ से समाप्त करने के लिए दवाओं और नशीले पदार्थों के खिलाफ एजेंसियों द्वारा सटीक खुफिया सूचना पर आधारित सहयोगात्मक प्रयास समय की आवश्यकता है तथा अधिक महत्वपूर्ण और समग्र रूप से, युवाओं और इस प्रकार देश के भविष्य को बचाने के लिए।” मादक पदार्थों की जब्ती में योगदान 3,958 करोड़ रुपये है जो कुल जब्ती का 45 प्रतिशत है।
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार के नेतृत्व में आयोग ने ईसी श्री ज्ञानेश कुमार और श्री सुखबीर सिंह संधू के साथ एनसीबी के समर्पित नोडल अधिकारियों द्वारा कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विश्लेषण-आधारित सक्रिय कार्रवाई करने के लिए डीजी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ बैठकें कीं। इसी तरह वर्तमान में चल रहे चुनावों के दौरान डीआरआई, भारतीय तटरक्षक, राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई। इन सभी उपायों से चुनाव की घोषणा के बाद दो महीनों में महत्वपूर्ण जब्ती हुई है।
पिछले तीन चरणों में चुनाव प्रचार में तेजी को देखते हुए आयोग प्रलोभन के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयासों पर कड़ी नजर रख रहा है और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों तथा प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया है। आयोग ड्रग्स और अन्य प्रलोभनों के खिलाफ प्रहार जारी रखेगा।
गुजरात एटीएस, एनसीबी और इंडियन कोस्ट गार्ड ने संयुक्त अभियानों में केवल तीन दिनों में ड्रग्स की तीन उच्च मूल्य वाली जब्ती की है, जिसकी कीमत 892 करोड़ रुपये है।
अभियान 1: (जब्ती– 602 करोड़ रुपये)
एक संयुक्त बल ने मछली पकड़ने वाली एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका, 'अलराजा' की पहचान की और उसे रोका, जो गुजरात के पोरबंदर के तट से 180 समुद्री मील दूर भारतीय जल में 14 पाकिस्तानी चालक दल के सदस्यों को ले जा रही थी। गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (ऑपरेशन), नई दिल्ली की संयुक्त टीम ने लगभग 86 किलोग्राम हेरोइन होने के संदेह में प्रतिबंधित पदार्थों के 78 बक्से बरामद किए, जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 602 करोड़ रुपये कीमत है। नाव और चालक दल को आगे की कानूनी प्रक्रियाओं के लिए पोरबंदर लाया गया।
मादक पदार्थ ले जा रहे जहाज को भारतीय तटरक्षक बल और एटीएस गुजरात द्वारा रोकते हुए
अभियान 2: (जब्ती -230 करोड़ रुपये)
यह अभियान एटीएस गुजरात को मिली खुफिया जानकारी पर आधारित था कि राजस्थान और गुजरात की इकाइयां मेफेड्रोन जैसे मादक पदार्थों के अवैध निर्माण में शामिल हैं। गुजरात एटीएस और एनसीबी (ऑपरेशंस) दिल्ली की संयुक्त टीमों ने 27 अप्रैल 2024 को गुजरात के अमरेली और गांधीनगर, राजस्थान के सिरोही और जोधपुर में एक साथ छापेमारी की और एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक साइकोट्रोपिक पदार्थ मेफेड्रोन के उत्पादन में शामिल अवैध निर्माण इकाइयों को जब्त किया। चल रहे अभियानों में, अब तक 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और तरल रूप में कुल 22 किलोग्राम मेफेड्रोन पाउडर और 124 लीटर मेफेड्रोन जब्त किया गया है। जब्त मादक पदार्थ मेफेड्रोन की कुल कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करीब 230 करोड़ रुपये आंकी गई है।
अभियान 3: (जब्ती- 60 करोड़ रुपये)
गुजरात एटीसी, भारतीय तटरक्षक बल और एनसीबी ने 60.5 करोड़ रुपये मूल्य की 173 किलोग्राम हशीश को 29 अप्रैल 2024 को जब्त किया।
गुजरात एटीएस और एनसीबी के संयुक्त अभियान में गुजरात में दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़
इन चुनावों में ड्रग्स के खतरे के खिलाफ लक्षित कार्रवाइयों की एक श्रृंखला देखी गई है। गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में भी ड्रग्स की बरामदगी हुई है। 17 अप्रैल 2024 को नोएडा पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में दवा कारखाने का भंडाफोड़ किया, जिसमें 150 करोड़ रुपये मूल्य की 26.7 किलोग्राम एमडीएमए दवा जब्त की गई और विदेशी मूल के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। अन्य समूहों में बरामदगी समान रूप से प्रभावशाली रही है और 2019 के संसदीय चुनावों की पूरी बरामदगी को बड़े अंतर से पीछे छोड़ देती है। सावधानीपूर्वक और विस्तृत योजना इसके आधार पर बनायी गई है।
चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली (ईएसएमएस)- एक इन-हाउस ऐप के अंतर्गत इंटरसेप्शन और जब्ती की वास्तविक समय रिपोर्टिंग के कारण व्यय निगरानी पर त्वरित, नियमित और सटीक समीक्षा हुई है। इसके अलावा, संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए तैनात 656 व्यय पर्यवेक्षक और 125 व्यय पर्यवेक्षक चेक पोस्ट, जमीनी स्तर की टीमों के कामकाज पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और सक्रिय रूप से निगरानी कर रहे हैं कि नागरिकों को निगरानी की प्रक्रिया में असुविधा न हो। व्यय की दृष्टि से संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिन्हित 123 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों पर भी कड़ी निगरानी की जा रही है ताकि अधिक संकेन्द्रित निगरानी हो सके।
पृष्ठभूमि:
एजेंसियों को प्रेरित करने और एक सक्रिय इंटरफ़ेस रखने की प्रक्रिया 2023 की अंतिम तिमाही के दौरान पूरी शक्ति के साथ शुरू हुई। कैलेंडर वर्ष के पहले दो महीनों में ही 6,760 करोड़ रुपये की नशीले पदार्थ जब्त किए गए, जिससे यह संदेश दिया गया कि आयोग मतदाताओं को प्रभावित करने वाले किसी भी प्रकार के प्रलोभन के प्रति 'शून्य-सहिष्णुता' का दृष्टिकोण रखता है।
विशेष रूप से आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान ड्रग्स के खिलाफ प्रहार में योगदान करने की आयोग की प्रतिबद्धता ने पिछले कुछ वर्षों में गति पकड़ी है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, हाल ही में की गई जब्ती के अलावा, पिछले दो वर्षों में कुछ राज्यों में आयोजित विधानसभा चुनावों में आदर्श आचार संहिता के दौरान भी भारी जब्ती देखी गई है। स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागी और हिंसा मुक्त के साथ-साथ गुणात्मक चुनाव प्रक्रिया के लिए "प्रलोभन-मुक्त" आयाम को भी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है।
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