21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 102 संसदीय क्षेत्र और अरुणाचल एवं सिक्किम के 92 विधानसभा क्षेत्र 19 अप्रैल, 2024 को मतदान के लिए तैयार: निर्वाचन आयोग
ईसीआई ने 350 से अधिक पर्यवेक्षकों को 19 अप्रैल, 2024 को सुचारू, स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
मतदान केंद्रों पर विशेष रूप से गर्मी से निपटने सहित हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया
नई-दिल्ली (PIB): 21 राज्यों के 102 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 19 अप्रैल, 2024 को मतदान होने जा रहा है, जिसके लिए 127 सामान्य पर्यवेक्षक, 67 पुलिस पर्यवेक्षक और 167 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। ये सभी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि यानी 26 मार्च, 2024 से पहले निर्वाचन क्षेत्रों में रिपोर्ट कर चुके हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू के साथ सभी पर्यवेक्षकों से सख्ती से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि, मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए विशेष रूप से गर्मी से निपटने के लिए हर संभव सुविधाएं उपलब्ध हों, पहले चरण के मतदान के समीप कोई प्रलोभन न दिया जाए, बलों का इष्टतम उपयोग किया जाए और कानून व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जाए।
केंद्रीय पर्यवेक्षकों को अन्य बातों के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है:
I. सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के लिए पहले से तैयारी करना और सभी हितधारकों यानी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना।
II. पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान आवंटित संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के भीतर स्वयं उपलब्ध रहना।
III. मोबाइल/लैंडलाइन/ईमेल/रहने के स्थान का व्यापक प्रकाशन करना तथा उम्मीदवार और राजनीतिक दलों के बीच उसका प्रसार करना, ताकि वे आम जनता/उम्मीदवार और राजनीतिक दलों के लिए निर्दिष्ट नंबरों/पते पर दैनिक आधार पर उपलब्ध रहें।
IV. उनकी उपस्थिति में बलों की तैनाती का यादृच्छिकीकरण या रैंडमाइजेशन
V. यह कि केंद्रीय बलों/राज्य पुलिस बलों का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया जा रहा है और तटस्थता बरकरार रखी जा रही है तथा उनकी तैनाती किसी भी राजनीतिक दल/उम्मीदवार के पक्ष में नहीं है।
VI. उनकी उपस्थिति में ईवीएम/वीवीपैट एवं मतदान कर्मियों का यादृच्छिकीकरण या रैंडमाइजेशन
VII. 85 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और दिव्यांगजनों के लिए घर पर मतदान की सुचारू प्रक्रिया और चुनाव ड्यूटी, आवश्यक कर्तव्यों और सेवा (या सर्विस) मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र या पोस्टल बैलेट
VIII. यह कि राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को मतदाता सूचियां मुहैया कराई जाती हैं।
IX. जिला प्रशासन द्वारा निष्पक्षता से भेद्यता मानचित्रण किया गया है और तदनुसार परिवहन और संचार योजना तैयार की गई है।
X. माइक्रो पर्यवेक्षकों की तैनाती।
XI. सभी उम्मीदवारों/उनके प्रतिनिधियों के समक्ष ईवीएम/वीवीपैट की कमीशनिंग।
XII. ईवीएम स्ट्रांग रूम में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध करना और सभी उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति सुनिश्चित करना।
XIII. सभी शिकायत निवारण तंत्र यथावत रखना ।
XIV. समय पर सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए अधिकृत अधिकारी के समग्र प्रभार में जिलों के भीतर एकीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं
XV. मतदान दिवस से पहले मतदाता सूचना पर्चियों का शत-प्रतिशत वितरण कर दिया गया है।
XVI. चुनाव कर्मचारियों द्वारा सी-विजिल, वोटर हेल्पलाइन ऐप, सक्षम ऐप, एनकोर, सुविधा ऐप आदि जैसे सभी आईटी अनुप्रयोगों का उपयोग किया जा रहा है और उन्हें इन ऐप का उपयोग करने के लिए उचित रूप से प्रशिक्षित किया गया है।
XVII. मतगणना कर्मियों, सूक्ष्म पर्यवेक्षकों या माइक्रो ऑब्जर्वर आदि सहित सभी मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण का व्यवस्थित तरीके से आयोजन / किया गया है।
XVIII. निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्रों का दौरा करना और यह सुनिश्चित करना कि सभी मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं मौजूद हैं।
XIX. मतदाताओं की सुविधा के लिए सभी मतदान केंद्रों पर मतदाता सहायता बूथ की स्थापना करना, दिव्यांगजनों, शारीरिक रूप से विकलांगजनों, महिलाओं, बुजुर्गों और कुष्ठ रोग से प्रभावित मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा आदि।
XX. मतदान के दौरान मतदान केंद्रों के बाहर कतार में इंतजार कर रहे मतदाताओं के लिए पीने के पानी, शेड/शामियाना की सुविधाएं और बैठने की उचित व्यवस्था करना।
XXI. उड़न दस्ते, सांख्यिकी निगरानी दल, वीडियो व्यूइंग टीम, सीमा जांच चौकियां, नाके आदि चौबीसों घंटे अपना काम कर रहे हैं और ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि नकदी, शराब, मुफ्तखोरी, ड्रग्स/मादक पदार्थों की आवाजाही और वितरण न हो।
XXII. राजनीतिक विज्ञापन और पेड न्यूज के पूर्व-प्रमाणन के लिए मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों द्वारा उचित कार्य करना
XXIII. फर्जी समाचार/भ्रामक सूचना, और सकारात्मक धारणा बनाने के लिए सूचना के सक्रिय प्रसार पर सही समय पर अंकुश लगाना।
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