जगद्गुरू शंकराचार्य अविमुक्तेस्वरनाड की १५ दिवसीय 'गौ प्रतिष्ठा संकल्प पदयात्रा वृन्दावन से संसद भवन तक की पैदल-यात्रा प्रारम्भ
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती '१००८'
वृंदावन: ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य ‘स्वामिश्रीः’ अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘१००८’ ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज १४ मार्च २०२४ को गोवर्धन गिरिराज की परिक्रमा कर संसद भवन, नई दिल्ली की १५ दिवसीय पैदल यात्रा प्रारम्भ कर दी।
जगद्गुरू शंकराचार्य ने अपने इस पदयात्रा में किसी को नहीं बुलाया तथा जनमानस को एक वीडियो जारी कर सन्देश दिया था कि, जिस समय हम वहाँ पदयात्रा करें उसी समय आप लोग भी अपने मित्रों के साथ १ किलोमीटर - २ किलोमीटर - ५ किलोमीटर - १० किलोमीटर की यात्रा करिये। अपने लक्ष्य / कार्यक्रम अपने हिसाब से बना लो और उसी के अनुसार जो जहां हैं , वहीँ पदयात्रा करे और सोशल मीडिया , अक्ख़बारों और टी वी पर डालें जिससे यह सन्देश जय कि अब घर-घर से , गली-गली से यह आवाज आ रही है तथा सभी चाहते हैं कि, सरकार भी गौमाता को राष्ट्र माता घोषित करे और गौहत्या पूरी तरह बंद करे।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी सरस्वती '१००८' द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलन का दूसरा चरण - १० मार्च को प्रात: १० बजे १० मिनट के लिए 'सम्पूर्ण भारत बंद सफल' होने के बाद आज तीसरे चरण के पहले दिन से ही सम्पूर्ण देश में लोगों ने अपने - अपने समूह बना कर पोस्टर बैनर लेकर पदयात्रा निकलना प्रारम्भ कर दिया है।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती '१००८' ने अपना दैनिक कार्क्रम भी घोषित किया।
समतामूलकसमाज निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष - सच्चिदानन्द श्रीवास्तव जो रेल सेवक संघ के महामंत्री और स्वतंत्र भारत न्यूज़ पोर्टल के संपादक भी है, ने कहा कि, उन्होंने समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के परिवार के साथ धरती माँ को ग्लोबल वार्मिंग और माँ भारती को आर्थिक गुलामी से आजादी दिलाने का संकल्प लिया था , भोलेनाथ स्वयं अवतरित होकर उसे पूरा करने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, यदि परमपिता परमेश्वर चाहे तो उनकी पार्टी सरकार बनाएगी और शपथ लेने के तुरंत बाद संवैधानिक तरीके से गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करेगी, देश में पूर्ण नशाबंदी लागू करेगी तथा देश को टैक्स फ्री बनाते हुए टैक्स के माध्यम से होने वाली आर्थिक लूट को समाप्त करेगी व १८ वर्ष से ६० वर्ष तक के सभी स्वस्थ नागरिकों के लिए उनकी शारीरिक और बौद्धिक क्षमता के अनुसार कार्य करने की बाध्यता बनाते हुए बेरोजगारी और भूखमरी को पूर्ण रूप से समाप्त करेगी एवं सेवा से रिटायर होने पर सभी के लिए पुरानी पेंसन लागू करेगी और भारतीय नागरिकों को सशक्त व समृद्धशाली बनाएगी। कुछ औपचारिकताएं चुनावपूर्व पूरी करने का प्रयास हो रहा है। ईश्वर चाहे तो महापरिवर्तन इसी वर्ष प्रारम्भ होगा और समतामूलक समाज की स्थापना होगी और शास्त्रों में भी लिखा है कि, माता-पिता और गुरु की कृपा हो जाय तो कुछ भी असंभव नहीं है। व्यक्ति नहीं, 'समय' बलवान होता है।
समतामूलकसमाज निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष - सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने दो लाइनें भी दोहराईं, जिसे भारतीय रेल में रेल सेवक संघ की स्थापना करने के तुरंत बाद कानपूर - लखनऊ इंटरसिटी में उनके सीनियर साथी (काका) ने सुनायी थी___
वख्त की बात है कि, वख्त बदलता नहीं।
वर्ण क्या वख्त लगा है, वख्त के बदलने में।।
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