केरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- भारत के कुल क़र्ज़ का 60 फीसदी केंद्र सरकार द्वारा लिया गया है, बाकी 40 फीसदी हिस्सा सभी राज्यों का है!
नई दिल्ली: 'द वायर' में प्रकाशित खबरों में बताया गया है कि, केरल सरकार ने बीते शुक्रवार (9 फरवरी 2024) को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, "भारत के कुल ऋण या बकाया देनदारियों का लगभग 60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार का है और बाकी 40 फीसदी हिस्सा सभी राज्यों का है"।
सुप्रीम कोर्ट में दिया गया 'बयान' केंद्र के इस आरोप का जवाब था कि, केरल ‘आर्थिक रूप से सबसे कमजोर राज्यों में से एक है।’
केरल ने कहा कि, "देश के कुल कर्ज का जब बाकी 40 फीसदी हिस्सा सभी राज्यों का है तो केवल 'केरल', ‘आर्थिक रूप से सबसे कमजोर राज्यों में से एक कैसे है ?-
केरल ने केंद्र पर राज्यों को ग़रीबी में धकेलने वाली नीतियां बनाने और क़ानून में संशोधन करने का भी आरोप लगाया है।
राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील सीके शशि ने कहा, ‘वास्तव में 2019-2023 की अवधि के लिए केंद्र और राज्यों के कुल कर्ज में केरल का योगदान बेहद मामूली 1.70-1.75 प्रतिशत है।’
'द हिंदू' की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपों का यह आदान-प्रदान केरल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हुआ। केरल सरकार ने अपनी याचिका में राज्य की विधायी और कार्यकारी शक्ति में केंद्र के अनुचित हस्तक्षेप की आलोचना की थी।
एक स्पष्ट हमले में केरल ने केंद्र पर राज्यों को गरीबी में धकेलने वाली नीतियां बनाने और कानून में संशोधन करने का आरोप लगाया है।
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(फोटो साभार- मल्टी मीडिया)
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(साभार- 'द वायर' & 'द हिंदू')
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