*शङ्कराचार्य ने नागकूप को सौंपा महर्षि पतञ्जलि जी का विग्रह*
*ब्रह्मलीन सद्गुरुदेव महाराज की इच्छा पूर्ण कर हो रहा सन्तोष* -- शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती
वाराणसी: आज1 फरवरी 2024 को परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती "1008" ने ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज की इच्छानुसार महर्षि पतञ्जलि जी का विग्रह नागकूप में स्थापित करने हेतु आज कुन्दन पाण्डेय जी और राजीव पाण्डेय जी को समर्पित किया।
ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज की इच्छा थी कि नागकुप में महर्षि पतञ्जलि जी का विग्रह स्थापित हो।ब्रह्मलीन शङ्कराचार्य जी महाराज जी इस इच्छा की पूर्ति हेतु पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर शङ्कराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज ने ओडिशा से विशेष काले पत्थर का करीब 5 कुन्तल का महर्षि पतञ्जलि जी का अद्भुत विग्रह बनवाकर काशी मंगवाया था और आज शङ्कराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में इस विग्रह को नागकुप में स्थापित करने हेतु समर्पित कर दिया।
इस असवर पर पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर शङ्कराचार्य जी महाराज ने कहा कि हमें अपने पूज्यपाद ब्रह्मलीन गुरुदेव महाराज की इच्छा को पूर्ण कर अत्यन्त सन्तोष का अनुभव हो रहा है।साथ ही पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज ने कहा सनातनधर्म में महर्षि पतञ्जलि जी का विशेष स्थान रहा है और उनके योगदान को कभी भुलाया नही जा सकेगा।
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