वित्तीय समावेशन के लिए चौथी जी20 वैश्विक साझीदारी बैठक मुंबई में संपन्न हुईं: वित्त मंत्रालय
तीन वर्षीय एफआईएपी 2020 के समापन की दिशा में योगदान देने के लिए पूर्ण बहस का आयोजन
जीपीएफआई सदस्यों ने नई जी20 वित्तीय समावेशन कार्य योजना के तहत सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के विजन की दिशा में काम जारी रखने पर सहमति जताई
नई दिल्ली (PIB): वित्तीय समावेशन के लिए चौथी जी20 वैश्विक साझीदारी ( जीपीएफआई ) बैठक जो मुंबई में 14 से 16 सितंबर, 2023 तक आयोजित की गई थी, आज संपन्न हुईं। तीन दिवसीय बैठक में जी20 जीपीएफआई प्रतिनिधियों ने एमएसएमई के लिए ऊर्जाशील विकास, उपभोक्ताओं को डिजिटल वित्तीय साक्षरता और उपभोक्ता सुरक्षा तथा जीपीएफआई के डिजिटल वित्तीय समावेशन और एसएमई वित्त जैसे प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के माध्यम से सशक्त बनाने पर विचारोत्तेजक चर्चा की।
बैठक के पहले दिन, एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें दो प्रमुख विषयों ‘‘ डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के माध्यम से उच्च आर्थिक विकास के लिए एमएसएमई को ऊर्जाशील बनाना ‘‘ तथा ऋण गारंटी और एसएमई इकोसिस्टम्स ‘‘ पर चर्चा करने वाले अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल थे। संगोष्ठी को वित्त मंत्रालय के सचिव ( आर्थिक मामले ) श्री अजय सेठ, डिप्टी गर्वनर ( भारतीय रिजर्व बैंक ) श्री टी रबि शंकर, डिप्टी गर्वनर ( भारतीय रिजर्व बैंक ) श्री मोहम्मद गौलेद, उपाध्यक्ष ( अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम ) तथा ग्लोबल कॉर्डीनेटर - एलडीसी वॉच और अमेरिका में नेपाल के पूर्व राजदूत डॉ. अर्जुन कुमार कार्की ने संबोधित किया।
सचिव ( आर्थिक मामले ) ने रेखांकित किया कि नई दिल्ली जी20 घोषणापत्र के माध्यम से, जी20 नेताओं ने ‘‘ मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास ‘‘ में तेजी लाने तथा ‘‘ सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए ‘‘ अपनी प्रतिबद्धता दुहराई और इस बात को रेखांकित किया कि दोनों प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में एमसएसएमई केंद्रीय भूमिका निभाएंगे। दो पैनल चर्चाओं के माध्यम से, प्रतिष्ठित वैश्विक पैनलिस्टों ने ऋण अंतर को पाटने, पारदर्शिता को बढ़ावा देने, सामर्थ्य बढ़ाने और नवोन्मेषण तथा उत्पादकता लाभ को बढ़ाने के लिए डीपीआई जैसे अभिनव उपायों के माध्यम से एमसएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों को पाटने के तरीकों पर विचार विमर्श किया।
दूसरे और तीसरे दिन, जीपीएफआई पूर्ण बैठक में, डिजिटल वित्तीय समावेशन के लिए उच्च स्तरीय सिद्धांतों के कार्यान्वयन, राष्ट्रीय प्रेषण योजनाओं के अद्यतन और एसएमई वित्तपोषण में आम बाधाओं को दूर करने के लिए एसएमई सर्वोत्तम प्रथाओ और नवोन्मेषी माध्यमों के संबंध में जीपीएफआई कार्य पर चर्चाएं हुईं। इन चर्चाओं ने चल रहे तीन वर्षीय एफआईएपी 2020 के शेष कार्य को पूरा करने में योगदान दिया जो अपने अंतिम वर्ष में है तथा जीपीएफआई द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
तीसरे दिन की चर्चाओं में भी, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता तथा उपभोक्ता संरक्षण के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को मुख्य समन्वयक ( जी20, भारत ) श्री हर्ष वर्धन श्रृंगला, डॉ. वी अनंत नागेश्वरन ( भरत सरकार के वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार ) और श्री के वी शाजी कुमार ( नाबार्ड के अध्यक्ष ) द्वारा संबोधित किया गया और इसमें डिजिटल इकोसिस्टम, जो डिजिटल और वित्तीय तरीके से सशक्त व्यक्ति और उद्यमों के निर्माण में सहायता करती है, को सक्षम बनाये जाने पर गहन चर्चाएं हुईं।
जीपीएफआई सदस्यों ने नई जी20 वित्तीय समावेशन कार्य योजना के तहत सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के विजन की दिशा में काम जारी रखने पर सहमति जताई।
*****