भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने एनडब्ल्यू 2 और आईबीपीआर के माध्यम से पेट्रोलियम कार्गो के निर्यात के लिए नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए: पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इसे पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र के एक्जिम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया
“पीएम गति शक्ति का सच्चा प्रतिबिंब भारत की एक्ट ईस्ट नीति को बढ़ावा दे रहा है और पूर्वोत्तर के लिए हाइड्रोकार्बन विजन 2030 की विशाल क्षमता को उजागर कर रहा है”: श्री सोनोवाल
एनआरएल बांग्लादेश और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए आईडब्ल्यूएआई जोगीघोपा एमएमटी जेट्टी के माध्यम से प्रति माह 10,000 मीट्रिक टन पेट्रोलियम उत्पादों का परिवहन करेगा
1000-1500 मीट्रिक टन क्षमता वाले छह फ्लैट बॉटम बार्ज विकसित किए जाएंगे
निकटतम रेलवे स्टेशन से कनेक्टिविटी के लिए जोगीघोपा में 40 एकड़ भूमि विकसित की जाएगी
नई दिल्ली (PIB): पत्तन,पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय जलमार्ग -2 (ब्रह्मपुत्र) और भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट (आईबीपीआर) का उपयोग करने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) के बीच आज गुवाहाटी, असम में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर समारोह में भाग लिया। इससे बांग्लादेश और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया जा सकेंगे।
एमओयू का उद्देश्य भारत की एक्ट ईस्ट नीति को बढ़ावा देने के लिए पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को सशक्त बनाना है। एनआरएल आईडब्ल्यूएआई जोगीघोपा मल्टी मॉडल टर्मिनल से प्रति माह लगभग 10,000 मीट्रिक टन पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों का निर्यात करेगा। एनआरएल रेल कनेक्टिविटी के साथ जोगीघोपा लॉजिस्टिक्स पार्क में पीओएल ऑयल टर्मिनल स्थापित करेगा। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य एनडब्ल्यू2 और आईबीपीआर के माध्यम से अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन को सक्षम करके 'पूर्वोत्तर के लिए हाइड्रोकार्बन विजन 2030' को पूरा करना है, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक्जिम व्यापार का एक नया अध्याय शुरू होगा।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “यह पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए महत्वपूर्ण क्षण है। एमओयू का उद्देश्य क्षेत्र के लिए कार्गो परिचालन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को सशक्त बनाना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में, दूरदर्शी एक्ट ईस्ट नीति पूर्वोत्तर भारत को हाइड्रोकार्बन विजन 2030 की पूरी क्षमता को अनलॉक करने की दिशा में सशक्त बना रही है। मोदी जी ने महसूस किया है कि पूर्वोत्तर भारत में भारत के विकास गाथा का इंजन बनने की क्षमता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के इस दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में पूर्वोत्तर क्षेत्र को शक्ति प्रदान करने के लिए हमारे जल निकायों के समृद्ध अंतरजाल और हाइड्रोकार्बन की समृद्ध क्षमता का सर्वोत्तम संभव तरीके से पता लगाया जाना चाहिए।
समझौता ज्ञापन पर आईडब्ल्यूएआई के निदेशक ए सेल्वा कुमार और एनआरएल के मुख्य महाप्रबंधक (विपणन) सुब्रत दास ने हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन के तहत, आईडब्ल्यूएआई कार्गो आवाजाही के लिए अपना टर्मिनल प्रदान करेगा, तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, पेट्रोलियम पाइपलाइन बिछाने के लिए भूमि प्रदान करेगा, आईबीपीआर के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर बंकरिंग सुविधाएं संचालित करेगा, अपने जहाजों के माध्यम से सहायता प्रदान करेगा, और टग, वर्क बोर्ड, जैसे सर्वेक्षण जहाज और आवश्यकतानुसार अन्य जहाजों को उपलब्ध कराने में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। एनआरएल जोगीघोपा में निकटतम रेलवे स्टेशन से जुड़ने के प्रावधान के साथ 40 एकड़ भूमि प्रदान करेगा; लोडिंग और अनलोडिंग सुविधा स्थापित करेगा; साथ ही जोगीघोपा एमएमटी पार्क में आईडब्ल्यूएआई जेट्टी से एनडब्ल्यू-2 और आईबीपीआर के माध्यम से प्रति माह 10,000 मीट्रिक टन पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के परिवहन के दृष्टिकोण को साकार करेगा।
श्री सोनोवाल ने कहा, “एनआरएल 28,026 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के साथ नुमालीगढ़ रिफाइनरी विस्तार परियोजना (एनआरईपी), जो एक रिफाइनरी विस्तार सह आधुनिकीकरण परियोजना है, को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया में है। परियोजना के हिस्से के रूप में, एनआरएल 16 से अधिक संख्या में ओवर डायमेंशन कंसाइनमेंट/ओवरवेट कंसाइनमेंट (ओडीसी/ओडब्ल्यूसी) का परिवहन करेगा। पहले से ही पांच ओडीसी पैकेज पश्चिमी भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों से हल्दिया बंदरगाह और आईबीपीआर और एनडब्ल्यू2 के माध्यम से एनआरएल परियोजना स्थल तक सफलतापूर्वक पहुंचाए जा चुके हैं। अब तक परिवहन किए गए माल का वजन लगभग 4,500 मीट्रिक टन है और यदि इसे रोडवेज के माध्यम से ले जाया जाता तो लगभग 300 ट्रकों की आवश्यकता होती।“
अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, श्री सोनोवाल ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” के अनुरूप, आईडब्ल्यूएआई और पत्तन,पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय भारत में जलमार्ग क्षेत्र में पिछले 9 साल से परिवर्तनकारी बदलाव कर रहे हैं। इन कदमों से असाधारण रूप से उल्लेखनीय परिवर्तन आये हैं। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 2013-14 के दौरान राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल ढुलाई केवल 6.89 एमएमटी थी, जबकि 2022-23 में माल ढुलाई बढ़कर 126.15 एमएमटी हो गई, जो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में 1734% की असाधारण वृद्धि दर है। क्रूज़ पर्यटन के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग 2013-14 में केवल 3 से बढ़कर 2022-23 में 10 हो गए, जो 233 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। 2022-23 में जलमार्ग में निवेश बढ़कर ₹ 544.31 करोड़ हो गया है, जो पिछले नौ वर्षों में 198 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज करता है। पूर्वोत्तर में, 20 राष्ट्रीय जलमार्ग और क्षेत्र में इन राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास के लिए 800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। पांडु और धुबरी में स्थायी टर्मिनल विकसित किए गए हैं। पिछले दो वर्षों के दौरान, धुबरी टर्मिनल का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है और 385 मालवाहक जहाज धुबरी से बांग्लादेश गए हैं। आज, क्षेत्र के पुनर्जीवित जलमार्ग परिवर्तनकारी परिवहन समाधान ला रहे हैं जो भारत - पूर्वोत्तर के विकास इंजन को शक्ति प्रदान कर रहे हैं। मोदी जी के उत्साहजनक नेतृत्व के साथ, यह विकास की गाथा मजबूत बनी हुई है क्योंकि एक्ट ईस्ट पॉलिसी के शक्तिशाली कार्यान्वयन ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास और वृद्धि के नए शिखर तक पहुंचने के लिए उड़ान भरी है।
समारोह में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली; असम के परिवहन, उत्पाद शुल्क और मत्स्य पालन मंत्री, श्री परिमल शुक्लाबैद्य; असम के उद्योग एवं वाणिज्य और सार्वजनिक उद्यम एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री, श्री बिमल बोरा; श्री संजय बंदोपाध्याय, अध्यक्ष, आईडब्ल्यूएआई; डॉ. रंजीत रथ, अध्यक्ष, एनआरएल और सीएमडी, ओआईएल; भास्कर ज्योति फुकन, प्रबंध निदेशक, एनआरएल; गुवाहाटी नगर निगम (जीएमसी) के मेयर, मृगेन सरानिया ने भाग लिया और आईडब्ल्यूएआई और एनआरएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
एनआरएल वर्तमान में ₹28,000 करोड़ से अधिक की अनुमोदित लागत पर अपनी रिफाइनरी की 3.0 से 9.0 एमएमटीपीए की एक परियोजना को कार्यान्वित कर रहा है, जिसे 2025 की शुरुआत तक पूरा किया जाना है। एनआरएल ने पेट्रोकेमिकल संयंत्र स्थापित करने के लिए ₹7,231 करोड़ रूपए लागत की एक परियोजना को लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। एनआरएल ने विस्तारित रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स संयंत्र के चालू होने के बाद जोगीघोपा में आईडब्ल्यूएआई जेटी के माध्यम से डीजल, पेट्रोल, सॉल्वेंट और पॉलीप्रोपाइलीन सहित बांग्लादेश को प्रति वर्ष 200 टीएमटी उत्पादों का निर्यात करने की परिकल्पना की है।
आईडब्ल्यूएआई वर्तमान में पांडु बंदरगाह (एनडब्ल्यू 2) के लिए वैकल्पिक सड़क, पांडु (एनडब्ल्यू 2) में जहाज मरम्मत सुविधाएं, जोगीघोपा (एनडब्ल्यू 2) में आईडब्ल्यूटी टर्मिनल का निर्माण, बोगीबील (एनडब्ल्यू 2) में आईडब्ल्यूटी टर्मिनल का निर्माण, आईडब्ल्यूटी टर्मिनल, जोगीघोपा में चारदीवारी का निर्माण; बोगीबील और गुइजान (एनडब्ल्यू 2) में 2 फ्लोटिंग जेटी का निर्माण, आपूर्ति और स्थापना; जोगीघोपा, पांडु, बिश्वनाथ घाट, सदिया, हतसिंगमारी, ओइरामघाट और नेमाटी (एनडब्ल्यू 2 पर) में 7 फ्लोटिंग जेटी का निर्माण, प्रोटोकॉल रूट -10 पर सोनामुरा में आईडब्ल्यूटी टर्मिनल का निर्माण और बदरपुर और करीमगंज (एनडब्ल्यू 16) में टर्मिनल का नवीनीकरण जैसी परियोजनाओं पर काम कर रहा है। पूर्वोत्तर के लिए समुद्री कौशल विकास केंद्र पहले से ही कार्यान्वित है जहां मानव संसाधनों को समुद्री उद्योग के लिए कौशल प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इससे पहले, एनआरएल और आईडब्ल्यूएआई ने राष्ट्रीय जलमार्गों का उपयोग करके समुद्री मार्ग के माध्यम से ओडीसी और ओडब्ल्यूसी के परिवहन के लिए 26 अगस्त, 2021 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इस तरह की पहली खेप इस साल जून में नुमालीगढ़ के पास एक घाट पर प्राप्त हुई थी।
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