अनेक विकृतियों की शिकार है, आज की राजनीति: रघु ठाकुर
- "गाँधी संग्रहालय, पटना में "वर्तमान राजनीति और देश का भविष्य" पर संगोष्ठी" संपन्न
- सत्तर सालों में सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कार्य तो हुए मगर शैक्षणिक विषमता को दूर करने का विजन स्पष्ट नही: रघु ठाकुर
पटना: मगधांचल समग्र विकास समिति के तत्वाधान में गांधी संग्रहालय पटना के सभागार भवन में "वर्तमान राजनीति व देश का भविष्य" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता भारतीय प्रशासनिक सेवा के मुख्य सचिव स्तर के अवकाश प्राप्त अधिकारी- राम उपदेश सिंह एवं संचालन समिति के अध्यक्ष- संजय रघुवर ने किया।
इस अवसर पर देश के प्रख्यात समाजवादी चिंतक व विचारक तथा लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक- रघु ठाकुर ने "वर्तमान राजनीति व देश का भविष्य" विषय पर विस्तार से अपना विचार रखते हुए कहा कि, "राजनीति, समाज और देश को व्यापक रूप से प्रभावित करती है, क्योंकि आज समाज व जीवन का लगभग हर अंग 'राजनीति' के प्रभाव में है।
रघु ठाकुर ने बताया कि, 'राजनीति' में कैसे लोग प्रभावी होंगे, इसका फैसला संसदीय लोकतंत्र में मतदाताओं के द्वारा होता है। परन्तु आज राजनीति अनेक प्रकार की विकृतियों का शिकार हो गई है।"
उन्होंने बताया कि, जो विकृतियाँ आई है उनमें से कुछ निम्नानुसार हैं:
1. दलों में क्षत्रप राज्य व आन्तरिक लोकतन्त्र का अभाव।"
2. परिवारवाद।
3. जातिवाद।
4. धर्मवाद व धर्मान्धता।
5. क्षेत्रीयता।
6. कालाधन व भ्रष्ट-चुनाव।
7. अपराधीकरण।
8. राजनीति में पूंजी निवेश।
9. विज्ञापन राजनीति।
10. विचारहीनता और व्यवसायीकरण।
रघु ठाकुर ने बताया कि, "इन 10 दोषों ने राजनीति में जो रावणावतार पैदा किया है उसे कैसे मारा जाय, यह मुख्य चिंता का विषय है।"
श्री रघु ठाकुर ने बताया कि, "बिहार बुद्ध, गांधी, लोहिया और जयप्रकाश की कर्मभूमि है। स्व कर्पूरी ठाकुर, रामानन्द तिवारी, रामवृक्ष, बेनीपुरी और अनुग्रहनारायण सिंह जैसे योद्धाओं ने बिहार की क्रांतिकारी धरती पर अपने संघर्ष के माध्यम से 'समाजवाद' के बीज बोये थे। परन्तु आज बिहार के हालात चिन्ता जनक हैं।"
श्री रघु ठाकुर ने बताया कि, " कारपोरेट पूंजी और डब्ल्यू टी ओ (WTO) ने दुनिया को लूटने का षडयंत्र का नक्शा तैयार कर लिया है, जो एकतरफ जहां निजीकरण, मशीनीकरण और भारी उद्योगीकरण के द्वारा बेरोजगारी का समुद्र तैयार कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ विषमता के टापू खड़े कर रहा है। अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। हथियारों के व्यापार और तेल पर कब्जे के लिए दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी है। किसान दुखी हैं और आत्महत्या करने को लाचार किया जा रहा है। सरकारें ऐन केन प्रकार सत्ता के लिए पतन की किसी भी सीमा तक जाने को तैयार है। इन हालात से निजात पाने और मार्ग खोजने के लिए श्री संजय रघुवर ने इस संगोष्टी के माध्यम से जो पहल की है, वह निसन्देह सराहनीय व महत्वपूर्ण है।"
श्री रघु ठाकुर ने कहा कि, "इन का हल 'समाजवादी आंदोलन के पुनर्जीवन' से ही सम्भव है। लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के माध्यम से एक प्रयास किया गया है ताकि वैकल्पिक राजनीति की शुरुआत हो सके। युवा पीढ़ी को समता के विचारों के साथ जोड़कर बदलाव के आंदोलन की शुरुआत करना होगा। एक 'ईमानदार राजनीति', जो गांधी, लोहिया व जयप्रकाश नारायण के वैचारिक खम्भों पर और अम्बेडकर व कर्पूरी ठाकुर की वैचारिक काया पर खड़ी हो, को तैयार करना ही आज का युगधर्म है।"
श्री रघु ठाकुर ने बताया कि, "संसद के सभी दल WTO के भगवान को पूज रहे हैं। हमे इनसे हटकर राजनीतिक दल खड़ा करना होगा।"
श्री रघु ठाकुर ने कहा कि, "छोटे-छोटे मोर्चे अब कारगर नहीं होंगे। देशी-विदेशी व सरकारी, गैर-सरकारी धन से उपकृत NGO केवल विकल्प की राजनीति को रोकने के हथियार है, जो आराजनीतिक होने की राजनीति करते हैं और व्यवस्था को टिकाए रखने में मददगार बनते हैं।निजीकरण के नाम से जनधन से खड़ी सार्वजनिक संपत्ति को बेचा जा रहा है और सेवाओं को शिक्षा चिकित्सा यातायात आदि को बाजार की वस्तु बनाया जा रहा है। आइये गांधी के150वे वर्ष में हम बापू के मार्ग से अहिंसा सत्य व सविनय अवज्ञा आंदोलन से व्यवस्था बदलने की राजनीति शुरू करें।
इस अवसर पर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष- श्याम सुंदर यादव एवं लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के महामंत्री- दया शंकर शर्मा, बिहार लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश महामंत्री- श्याम नंदन ठाकुर, राजनीति चाणक्य के संपादक- सुनील कुमार सिन्हा, पटना नासरीगंज प्रखंड सरपंच संघ के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार उपाध्याय और भारतीय प्रशासनिक सेवा के मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी रहे - मनोज कुमार श्रीवास्तव, आदि ने भी अपने अपने विचारों से लोगों को अवगत कराया।
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