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यूपीएससी ने सर्वोत्तम परिपाटियों के भंडार के रूप में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा: संघ लोक सेवा आयोग
शताब्दी समारोह अक्टूबर 2025 से शुरू होगा
यूपीएससी अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कुशल और निष्पक्ष सिविल सेवकों की भर्ती के साझा दृष्टिकोण पर बल दिया; लाखों प्रतिभाशाली युवाओं का चयन करने वाली भारत की भर्ती प्रणाली के सुदृढ़ चरित्र को स्मरण किया
'प्रतिभा सेतु' पोर्टल को यूपीएससी के अंतिम चयनों से परे व्यापक प्रतिभा उपयोग हेतु ऐतिहासिक पहल के रूप में प्रदर्शित किया गया
राज्यों के लोक सेवा आयोग शताब्दी समारोह में अतीत पर चिंतन, वर्तमान का उत्सव मनाने और भविष्य की कल्पना करने के लिए पूरे मनोयोग से भागीदारी करेंगे
नई दिल्ली (PIB): संघ लोक सेवा आयोग ने अपने आगामी शताब्दी वर्ष समारोह (1 अक्टूबर 2025 - 1 अक्टूबर 2026) के एक भाग के रूप में, यूपीएससी और विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों (पीएससी) की सर्वोत्तम परिपाटियों के भंडार के रूप में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। यूपीएससी अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने यूपीएससी सदस्यों डॉ. दिनेश दास और सुश्री अनुराधा प्रसाद की उपस्थिति में राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के साथ बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह घोषणा की। यह बैठक यूपीएससी के शताब्दी वर्ष समारोह में राज्यों के लोक सेवा आयोगों की भागीदारी और सहयोग प्राप्त करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित की गई।
डॉ. अजय कुमार ने बताया कि प्रस्तावित उत्कृष्टता केंद्र विचार मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी), नवाचारों और यूपीएससी तथा राज्य लोक सेवा आयोगों की प्रमुख बातों के ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जहाँ यूपीएससी इस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाएगा, वहीं ज्ञान-साझाकरण और सर्वोत्तम परिपाटियों में राज्य लोक सेवा आयोगों का सक्रिय योगदान भी महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने प्रस्तावित उत्कृष्टता केंद्र के लिए सभी राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों से इनपुट और सुझाव भी आमंत्रित किए। डॉ. कुमार ने कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र न केवल यूपीएससी और राज्य लोक सेवा आयोगों को लाभान्वित करेगा, बल्कि अन्य राष्ट्रीय भर्ती निकायों को उनकी परीक्षा और चयन प्रक्रियाओं को मज़बूत बनाने में भी सहायता करेगा।
कुशल, निष्पक्ष और सक्षम सिविल सेवकों की भर्ती के साझा दृष्टिकोण पर बल देते हुए, डॉ. कुमार ने भारत की भर्ती प्रणाली के अद्वितीय और मज़बूत चरित्र को याद किया। इसके अंतर्गत दशकों से लाखों प्रतिभाशाली युवाओं का चयन यूपीएससी और राज्य लोक सेवा आयोगों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा के लिए किया गया है। उन्होंने प्रतिभागियों को यह भी याद दिलाया कि यूपीएससी की स्थापना 1 अक्टूबर 1926 को हुई थी और शताब्दी समारोह अतीत पर चिंतन करने, वर्तमान का उत्सव मनाने और सार्वजनिक सेवा भर्ती के भविष्य की कल्पना करने का अवसर प्रदान करता है।
अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने बैठक के दौरान, 'प्रतिभा सेतु' पोर्टल की सफलता का भी स्मरण किया, जिसके माध्यम से साक्षात्कार चरण तक पहुँचने वाले, लेकिन अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाने वाले उम्मीदवारों को अर्ध-सरकारी, अर्ध-न्यायिक और निजी संगठनों में भर्ती के अवसर प्रदान किए गए। यह जो प्रतिभाओं के व्यापक उपयोग के प्रति यूपीएससी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राज्य लोक सेवा आयोगों से कई मूल्यवान सुझाव सामने आए। विशेष रूप से आकांक्षी जिलों में लोक सेवा परीक्षाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर सुझाव मिले। इनमें से कई जिलों में अब भी कम भागीदारी देखी जाती है। सदस्यों ने इस बात की जानकारी दी कि इन क्षेत्रों में अपार प्रतिभाओं के बावजूद, सूचना, मार्गदर्शन और संसाधनों तक सीमित पहुँच प्रायः योग्य युवाओं के लिए बाधा बन जाती है। इस अंतर को पाटने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश के हर कोने से, सबसे दूरस्थ और कम प्रतिनिधित्व वाले जिलों सहित, उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा के लिए प्रेरित और सशक्त महसूस करें, व्यापक पहुँच, जागरूकता अभियान और मार्गदर्शन पहल आवश्यक हैं। सदस्यों ने सहमति व्यक्त की कि ऐसे प्रयास भर्ती प्रणाली को वास्तव में समावेशी, न्यायसंगत और भारत की विविधता को प्रतिबिंबित करेंगे, साथ ही भावी सिविल सेवकों की शृंखला को मजबूत करेंगे।
यूपीएससी के सदस्य डॉ. दिनेश दास ने राज्य लोक सेवा आयोगों को शताब्दी समारोह के अंतर्गत अपने-अपने राज्यों में अपनाई गई सर्वोत्तम परिपाटियों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनियों में भाग लेने और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इन प्रयासों में यूपीएससी और राज्य लोक सेवा आयोगों की सक्रिय भागीदारी न केवल भर्ती प्रणाली में व्यक्त सामूहिक विश्वास को प्रदर्शित करेगी, बल्कि देश भर के उन उम्मीदवारों को भी प्रेरित करेगी जिन्हें इन संस्थानों में बड़ी आस्था है और इनकी ओर आशा के साथ देखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार, राज्य लोक सेवा आयोगों के सदस्यों और उनके अध्यक्षों को शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
27 राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया। सभी राज्य लोक सेवा आयोगों ने शताब्दी समारोहों में अपने पूर्ण सहयोग और उत्साहपूर्ण भागीदारी का आश्वासन दिया। बैठक में यूपीएससी के सचिव श्री शशि रंजन कुमार; अपर सचिव श्री जय प्रकाश पांडे; संयुक्त सचिव श्री संतोष अजमेरा; और यूपीएससी की संयुक्त सचिव सुश्री हंशा मिश्रा भी उपस्थित थीं।
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