मंत्रिमंडल ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग पर भारत और गुयाना के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की स्वीकृति दी
नई-दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग के बारे में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय, गुयाना गणराज्य के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को स्वीकृति दे दी है।
समझौता ज्ञापन का विवरण:
प्रस्तावित समझौते में गुयाना से कच्चे तेल की सोर्सिंग, गुयाना के अन्वेषण और उत्पादन (ई एंड पी) क्षेत्र में भारतीय कंपनियों की भागीदारी, कच्चे तेल के शोधन, क्षमता निर्माण, द्विपक्षीय व्यापार को सुदृढ़ करने, प्राकृतिक गैस क्षेत्र में सहयोग, गुयाना में तेल और गैस क्षेत्र में नियामक नीति ढांचे के विकास में सहयोग; जैव ईंधन सहित स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र के साथ-साथ सौर ऊर्जा आदि सहित नवीकरणीय क्षेत्र में सहयोग और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र की पूरी मूल्य श्रृंखला शामिल है।
प्रभाव:
गुयाना के साथ हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन से द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि, एक-दूसरे देशों में निवेश को बढ़ावा और कच्चे तेल के स्रोत में विविधता लाने में मदद मिलेगी, जिससे देश की ऊर्जा और आपूर्ति सुरक्षा में वृद्धि होगी। यह भारतीय कंपनियों को गुयाना के अन्वेषण और उत्पादन क्षेत्र में भाग लेने का अवसर भी प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त अपस्ट्रीम परियोजनाओं में वैश्विक तेल और गैस कंपनियों के साथ काम करके अनुभव प्राप्त करेगा, जिससे "आत्मनिर्भर भारत" के दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य:
यह समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर की तिथि से लागू होगा और पांच साल की अवधि तक मान्य होगा। इसके पश्चात स्वचालित रूप से पांच साल के आधार पर नवीकरण हो जाएगा जब तक कि कोई भी पक्ष इस समझौते को समाप्त करने के लिए दूसरे पक्ष को अपने इरादे से तीन महीने पहले लिखित नोटिस नहीं देता है।
पृष्ठभूमि:
हाल के दिनों में गुयाना ने तेल और गैस क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है और यह दुनिया का नया तेल उत्पादक बन गया है। गुयाना ने 11.2 बिलियन बैरल तेल की नई खोजे की है, यह कुल वैश्विक तेल और गैस का 18 प्रतिशत और खोजे गए तेल का 32 प्रतिशत है। ओपेक वर्ल्ड ऑयल आउटलुक 2022 के अनुसार गुयाना में तेल और गैस के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने का अनुमान व्यक्त किया गया है। वर्ष 2021 में गुयाना में तेल और गैस की आपूर्ति 0.1 मिलियन बैरल थी जो 2027 में बढ़कर एक दिन में 0.9 मिलियन बैरल हो जाएगी।
इसके अतिरिक्त, विश्व ऊर्जा 2022 की ब्रिटिश पेट्रोलियम सांख्यिकीय समीक्षा के अनुसार भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता, तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और चौथा सबसे बड़ा रिफाइनर और बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के साथ सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। ब्रिटिश पेट्रोलियम एनर्जी आउटलुक और इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी का अनुमान है कि भारत की ऊर्जा मांग 2040 तक लगभग 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगी, जबकि वैश्विक दर 1 प्रतिशत है। इसके अलावा, 2020-2040 के बीच वैश्विक ऊर्जा मांग वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी लगभग 25-28 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
देश की ऊर्जा सुरक्षा के आधार पर नागरिकों के लिए ऊर्जा की पहुंच, उपलब्धता, सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से, भारत कच्चे तेल स्रोतों के विविधीकरण और गुणवत्तापूर्ण विदेशी परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के माध्यम से हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में नई साझेदारी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इससे एकल भौगोलिक/आर्थिक इकाई पर निर्भरता कम हो जाती है और भारत की रणनीतिक गतिशीलता में वृद्धि होती है।
गुयाना के महत्व को ध्यान में रखते हुए और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को नई गति और सहयोग के संभावित क्षेत्रों की संख्या को देखते हुए, हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग पर गुयाना के साथ एक समझौता ज्ञापन का प्रस्ताव है।
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