वर्षांत समीक्षा 2023: संसदीय कार्य मंत्रालय
संसद की नई इमारत "संसद भवन" ने काम करना शुरू किया
वर्ष (जनवरी-दिसम्बर, 2023) के दौरान संसद के दोनों सदनों ने 49 विधेयक पारित किए
राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नीति निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संसद ने ऐतिहासिक "नारी शक्ति वंदन अधिनियम" पारित किया
क़ानून की पुस्तकों से पुराने, व्यर्थ और अप्रचलित कानून ख़त्म करना
(2014 से अब तक कुल 1562)
सांसदों का सद्भावना प्रतिनिधिमंडल ब्राजील और उरुग्वे भेजा गया
नई-दिल्ली (PIB): संसदीय कार्य मंत्रालय को संसद में सरकार की ओर से विविध संसदीय कार्यों को कुशलतापूर्वक निपटाने का काम सौंपा गया है। इस प्रकार, मंत्रालय समय-समय पर सौंपी गई कुछ अतिरिक्त जिम्मेदारियों और कार्यों के साथ संसद के दोनों सदनों और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है। वर्ष 2023 के दौरान संसदीय कार्य मंत्रालय की प्रमुख पहल/कार्यक्रम/उपलब्धियाँ इस प्रकार रही :
विधायी कार्य
संसद में विधायी कार्य |
लोक सभा |
राज्य सभा |
कुल |
पेश किए गए विधेयक |
41 |
05 |
46 |
पारित विधेयक |
47 |
49 |
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दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक |
49* |
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*दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों का विवरण अनुलग्नक में है.
वर्तमान सरकार ने पुराने, व्यर्थ और अप्रचलित कानूनों को कानून की पुस्तकों से हटाकर एक कीर्तिमान रचा है। 2014 से अब तक कुल 1562 पुराने और अनावश्यक कानून निरस्त किये जा चुके हैं।
संसद का विशेष सत्र
सितम्बर, 2023 का महीना एक ऐतिहासिक अवसर था जब देश को संसद की नई इमारत का उपहार मिला। संसद का एक विशेष सत्र बुलाया गया जो 18 सितम्बर, 2023 को पुराने संसद भवन में शुरू हुआ, जिसमें दोनों सदनों में 'संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा - उपलब्धियां, अनुभव, यादें और ज्ञान' पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने 19 सितम्बर, 2023 को सेंट्रल हॉल में एकत्र संसद सदस्यों को संबोधित किया और उसके बाद, संबंधित सदनों ने संसद की नई इमारत में अपनी कार्यवाही शुरू की, जिसे संसद भवन का नाम दिया गया, जबकि सेंट्रल हॉल सहित पुराने संसद भवन को 'संविधान सदन' नाम दे दिया गया।
विशेष सत्र एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना जब राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नीति निर्धारण में जन प्रतिनिधियों के रूप में महिलाओं अधिक भागीदारी को सक्षम करने के लिए लोकसभा और राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के विधानमंडलों में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के लिए "नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 यानी संविधान (एक सौ छह वां संशोधन) कानून, 2023" पारित किया गया। लोकसभा में इसके पक्ष में 454 और विपक्ष में सिर्फ 2 सदस्यों ने वोट किया। राज्यसभा में इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
वर्ष (जनवरी-दिसम्बर, 2023) के दौरान अमल में लाए गए महत्वपूर्ण कानूनों का विवरण
इस अवधि के दौरान, संसद के दोनों सदनों ने 49 विधेयक पारित किये और राष्ट्रपति ने उन पर अपनी सहमति दी। कुछ महत्वपूर्ण कानूनों के लक्ष्य और उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- भारतीय दंड संहिता 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य कानून, 1872 का स्थान लेने वाले पीड़ित-केंद्रित न्याय सुनिश्चित करने के लिए आपराधिक न्याय प्रणाली से संबंधित तीन ऐतिहासिक विधेयक, अर्थात् भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को शीतकालीन सत्र, 2023 के दौरान संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया।
- संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) कानून, 2023 छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन का प्रावधान करता है।
- संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) कानून, 2023 हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन का प्रावधान करता है।
- बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) कानून, 2023 (i) मौजूदा कानून को पूरक करके और 57वें संवैधानिक संशोधन के प्रावधानों को शामिल करके बहु-राज्य सहकारी समितियों में शासन को मजबूत करने, पारदर्शिता बढ़ाने, जवाबदेही बढ़ाने, चुनावी प्रक्रिया में सुधार आदि प्रदान करता है। (ii) निगरानी तंत्र में सुधार और बहु-राज्य सहकारी समितियों के लिए व्यवसाय में सुगमता सुनिश्चित करता है।
- जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) कानून, 2023 व्यवसाय में सुगमता और जीवन यापन में आसानी की सुविधा के लिए अनुभागों/उप-वर्गों/खंडों के युक्तिकरण के लिए 19 केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों में 42 कानूनों में संशोधन करता है। इस कानून में केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रशासित कानूनोंके कुछ मौजूदा प्रावधानों में संशोधन, अंतर्वेश और हटाना शामिल है।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) कानून, 2023 सेवाओं पर केन्द्र सरकार का नियंत्रण बढ़ाने का प्रावधान करता है और राजधानी की निर्वाचित सरकार पर दिल्ली के उपराज्यपाल को शक्तियां प्रदान करता है।
- संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश संशोधन कानून, 2023 में महरा, महारा समुदाय को महार, मेहरा, मेहर के पर्यायवाची शब्द के रूप छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जाति की सूची में क्रमांक 33 में शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून, 2023 डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण को इस तरीके से प्रदान करता है जो व्यक्तियों के अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के अधिकार और वैध उद्देश्यों के लिए व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने की आवश्यकता और उससे जुड़े मामलों दोनों को मान्यता देता है। जानकारी को सुगम बनाने के लिए कानूनसीधी और सरल भाषा का उपयोग करता है। यह कानून भारत में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण को नियंत्रित करने वाला व्यापक कानूनी ढांचा स्थापित करता है।
- जैविक विविधता (संशोधन) कानून, 2023 जैविक विविधता कानून, 2002 में संशोधन करता है और घरेलू कंपनियों के लिए अनुपालन आवश्यकताओं को सरल बनाता है। संहिताबद्ध पारंपरिक ज्ञान के उपयोगकर्ताओं और आयुष चिकित्सकों को स्थानीय समुदायों के साथ लाभ साझा करने से छूट दी जाएगी। कानून लाभ साझाकरण आवश्यकताओं के दायरे से अनुसंधान और जैव-सर्वेक्षण गतिविधियों को हटा देता है
- मध्यस्थता कानून, 2023 मध्यस्थता पर एक व्यापक परिपूर्ण कानून लाया है। यह कानून विवादित पक्षों द्वारा अपनाई जाने वाली मध्यस्थता के लिए विधायी ढांचा तैयार करता है, विशेष रूप से संस्थागत मध्यस्थता जहां भारत में एक मजबूत और प्रभावकारी मध्यस्थता इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए विभिन्न हितधारकों की पहचान की गई है।
- अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन कानून, 2023 गणितीय विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान,स्वास्थ्य और कृषि, साथ ही मानविकी और सामाजिक विज्ञान के वैज्ञानिक और तकनीकी इंटरफेस, और विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड कानून, 2008 को निरस्त करने सहित प्राकृतिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के लिए उच्च स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (फाउंडेशन) की स्थापना करता है।
- राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग कानून, 2023 एक राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रावधान करता है।
- राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग कानून, 2023 एक राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग (एनएनएमसी) की स्थापना और भारतीय नर्सिंग परिषद कानून, 1947 को निरस्त करने का प्रावधान करता है।
- अधिवक्ता (संशोधन) कानून, 2023अधिवक्ता कानून, 1879 को निरस्त करने और अधिवक्ता कानून, 1961 में कानूनी व्यवसायी कानून 1879 की धारा 36 के प्रावधानों को शामिल करने का प्रावधान करता है।
- जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) कानून, 2023 जम्मू और कश्मीर आरक्षण कानून, 2004 में 'कमजोर और वंचित वर्गों (सामाजिक जातियों)' की नामावली को 'अन्य पिछड़ा वर्ग' में बदलने का प्रावधान करता है।
- जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) कानून, 2023 में दो सदस्यों के नामांकन का प्रावधान करता है, जिनमें से एक कश्मीरी विस्थापितों के समुदाय की महिला होगी और एक सदस्य पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर से जम्मू और कश्मीर विधानसभा विस्थापित व्यक्ति होगा।
- केन्द्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) कानून, 2023 तेलंगाना में एक केन्द्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रावधान करता है।
- निरसन और संशोधन कानून, 2023 76 अनावश्यक और अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने का प्रावधान करता है।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) कानून, 2023 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा कानून, 2011 की वैधता को 01.01.2024 से31.12.2026 तक तीन साल की अवधि के लिए बढ़ाने का प्रावधान करता है जिससे दिल्ली में कुछ प्रकार के अनधिकृत घटनाओं को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की जा सके।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) कानून, 2023 मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि निर्वाचन आयोग द्वारा कामकाज के प्रबंध और संबंधित मामलों को नियंत्रित करने की प्रक्रिया प्रदान करता है।
- प्रेस और पत्र-पत्रिकाओं का पंजीकरण कानून, 2023 प्रेस से संबंधित मामलों, पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण और प्रेस से जुड़े मामलों के लिए है।
- दूरसंचार कानून, 2023ने दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क; स्पेक्ट्रम देने; और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक मामलों के विकास, विस्तार और संचालन से संबंधित कानूनों को संशोधित और समेकित किया।
लोक सभा में नियम 377 के तहत और राज्य सभा में विशेष उल्लेख के माध्यम से उठाए गए मामले
लोकसभा के सदस्य जो किसी ऐसे मामले को सदन के ध्यान में लाना चाहते हैं जो व्यवस्था का प्रश्न नहीं है, उन्हें लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम के नियम 377 के तहत अध्यक्ष द्वारा मामला उठाने की अनुमति दी जाती है। राज्यसभा में, सभापति सदस्यों को राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 180 ए-ई के तहत तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामलों का उल्लेख करने की अनुमति देते हैं, जिन्हें आम तौर पर विशेष उल्लेख के रूप में जाना जाता है। ये मामले आम तौर पर प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के निपटारे के बाद उठाए जाते हैं।
संसदीय कार्य मंत्रालय लोकसभा में नियम 377 के तहत और राज्यसभा में विशेष उल्लेख के माध्यम से नियम 180 ए-ई के तहत उठाए गए मुद्दों के समय पर निपटान के लिए मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध करके अनुवर्ती कार्रवाई करता है। 01.01.2023 से 08.12.2023 की अवधि के दौरान, लोकसभा में नियम 377 के तहत 951 मामले उठाए गए और राज्यसभा में नियम 180 ए-ई के तहत विशेष उल्लेख के माध्यम से 60 मुद्दे उठाए गए। रिपोर्ट के तहत अवधि के दौरान, लोकसभा में उठाए गए 77 प्रतिशत मुद्दों और राज्यसभा में उठाए गए 80 प्रतिशत मुद्दों का उत्तर दिया गया।
शून्यकाल का महत्व
'शून्यकाल' के दौरान दोनों सदनों में सदस्य पीठासीन अधिकारी की अनुमति से अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के मामले उठाते हैं। अवधि के दौरान लोकसभा में 333 मामले और राज्यसभा में 204 मामले उठाए गए। उचित समझे जाने पर सभी मामलों को उचित कार्रवाई करने के लिए संबंधित मंत्रालयों को भेज दिया गया।
युवा संसद
युवा संसद प्रतियोगिताएं
• संसदीय कार्य मंत्रालय संबंधित योजनाओं के तहत केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों, दिल्ली के स्कूलों और विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में विभिन्न युवा संसद प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। सत्र 2022-23 के लिए जवाहर नवोदय विद्यालयों, दिल्ली के स्कूलों और केंद्रीय विद्यालयों की युवा संसद प्रतियोगिताओं के विजेताओं के लिए पुरस्कार वितरण समारोह क्रमशः 4 मई, 2023, 21 जुलाई, 2023 और 1 सितम्बर, 2023 को आयोजित किए गए थे।
- विश्वविद्यालयों/कॉलेजों के लिए 16वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिताओं का राष्ट्रीय स्तर का मूल्यांकन 2023में अप्रैल और मई महीनों के दौरान पूरा किया गया।
- केन्द्रीय विद्यालयों के लिए 34वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता, 2023-24 का राष्ट्रीय स्तर का मूल्यांकन 13 दिसम्बर, 2023 को पूरा हुआ।
- इनके अलावा, 2023-24 के दौरान युवा संसद प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए 3 राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई।
राष्ट्रीय युवा संसद योजना का वेब-पोर्टल
• देश के अब तक अछूते वर्गों और कोनों तक युवा संसद कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाने के लिए, 26 नवम्बर, 2019 को राष्ट्रीय युवा संसद योजना का एक वेब-पोर्टल शुरू किया गया।
• एनवाईपीएस का तीसरा संस्करण 1 अप्रैल, 2023 को शुरू किया गया।
•1 जनवरी, 2023 से 14 दिसम्बर, 2023 की अवधि के दौरान वेब-पोर्टल पर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से 1207 पंजीकरण प्राप्त हुए हैं।
युवा संसद की विशेष बैठकें
• संसदीय कार्य मंत्रालय ने जनवरी, 2022 से अगस्त, 2023 तक हर महीने कम से कम एक संस्थान में आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के विषय पर युवा संसद की विशेष बैठकें आयोजित कीं। जनवरी, 2023 से अगस्त, 2023 की अवधि के दौरान कुल 10 विशेष बैठकें आयोजित की गईं।
सलाहकार समितियाँ
मंत्रालय संसद सदस्यों की सलाहकार समितियों गठित करता है और सत्र और दो सत्रों की अवधि के बीच उनकी बैठकें आयोजित करने की व्यवस्था करता है। 17वीं लोकसभा के गठन के बाद विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के लिए 37 सलाहकार समितियों का गठन किया गया। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और कानून एवं न्याय मंत्रालय के लिए दो और सलाहकार समितियां क्रमशः 28.07.2020 और 20.04.2022 को गठित की गईं।
वर्ष 2023 के दौरान निम्नलिखित कार्य शुरू किए गए:
- इसके अलावा 24 मार्च, 2023 को सहकारिता मंत्रालय के लिए एक और सलाहकार समिति का गठन किया गया।
- विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की हिंदी सलाहकार समितियों में 15 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) को नामांकित किया गया।
- 12 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) को भारत सरकार के तहत स्थापित विभिन्न बोर्डों/परिषदों/आयोगों में मनोनीत किया गया।
- 26 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) को विभिन्न रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समितियों में मनोनीत किया गया।
- जोनल रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समितियों का 16 जोनों के लिए 12.07.2023 को 2 साल की अवधि के लिए पुनर्गठनकिया गया।
- विभिन्न मंत्रालयों के लिए सलाहकार समितियों में157 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) को मनोनीत किया गया।
- संसद सदस्यों की सेवानिवृत्ति/इस्तीफे/निधन पर विभिन्न मंत्रालयों की सलाहकार समितियों से 69 संसद सदस्यों (लोकसभा और राज्यसभा) के नाम हटा दिए गए।
- सलाहकार समितियों की 2023 में 73 बैठकें आयोजित की गईं।
आश्वासन (लोक सभा और राज्य सभा)
संसदीय कार्य मंत्रालय ने 9 अक्टूबर, 2018 को सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन ओएएमएस (ऑनलाइन एश्योरेंस मॉनिटरिंग सिस्टम) शुरू किया। इस प्रणाली के माध्यम से, मंत्रालय को बड़ी संख्या में कार्यान्वयन रिपोर्ट प्राप्त हो रही है। लंबित आश्वासनों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर मंत्री, सचिव, अपर सचिव के स्तर पर सभी मंत्रालयों/विभागों को याद दिलाया जाता है। इसके अलावा, लंबित आश्वासनों के शीघ्र निपटान के लिए सरकारी आश्वासन समिति द्वारा इस संबंध में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के मौखिक साक्ष्य लिए जाते हैं। लागू की गई निगरानी प्रणाली प्रभावी है, जिससे लंबित मामलों में काफी कमी आई है। वर्ष 2023 में कुल 395 कार्यान्वयन रिपोर्ट लोकसभा में और कुल 303 कार्यान्वयन रिपोर्ट राज्यसभा में रखी गईं।
राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (एनईवीए)
संसदीय कार्य मंत्रालय विधानमंडल वाले सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों में एनईवीए एमएमपी के कार्यान्वयन के लिए 'केन्द्रीय मंत्रालय' है और इसे विधानमंडल वाले सभी 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (एनईवीए)के रूप में पुनः नामित ई-विधान को बढ़ावा देने और लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का अधिकार दिया गया है। एनईवीए परियोजना ने अपनी उल्लेखनीय यात्रा में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। वर्तमान में, 22 विधानमंडलों ने मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से 18 को परियोजना की मंजूरी और सहायता राशि मिल चुकी है। इसके अलावा, बिहार परिषद, नागालैंड, मेघालय, उत्तर प्रदेश (दोनों सदन), हरियाणा, तमिलनाडु, सिक्किम, मिजोरम, त्रिपुरा, गुजरात और पंजाब जैसे 12 विधानमंडलों ने एनईवीए प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने सदनों को सफलतापूर्वक डिजिटल कर दिया है। ये उपलब्धियाँ परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन और बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करती हैं।
यह वर्ष एनईवीए परियोजना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ क्योंकि एनईवीए कार्यान्वयन के लिए उत्तराखंड विधानसभा द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के अलावा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को भी एनईवीए की अधिकार प्राप्त समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था। तमिलनाडु विधान सभा, सिक्किम विधान सभा, त्रिपुरा विधान सभा और गुजरात विधान सभा सफलतापूर्वक एनईवीए के साथ सजीव हो गईं। यह एनईवीए के सभी हितधारकों के लिए गर्व की बात थी कि भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इस दौरान गुजरात विधानसभा में डिजिटल विधानमंडल के लिए एनईवीए परियोजना का उद्घाटन किया।
सभी राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में एनईवीए परियोजना की मध्यावधि समीक्षा के हिस्से के रूप में, एनईवीए पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला 24-25 मई, 2023 को नई दिल्ली में हुई। कार्यशाला में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश विधानमंडलों, राज्य सरकारों और एनआईसी से 200 से अधिक उपस्थित लोगों ने भाग लिया।
संविधान दिवस 2023 का जश्न
26 नवम्बर, 2023 को संविधान दिवस मनाने के लिए, व्यापक सार्वजनिक भागीदारी के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय ने दो वेब-पोर्टल संचालित किए:
• संविधान की प्रस्तावना का 22 आधिकारिक भाषाओं और अंग्रेजी में ऑनलाइन पठन (readpreamble.nic.in)
• "भारत: लोकतंत्र की जननी" पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी (constitutionquiz.nic.in)
इन दोनों पोर्टल पर लगभग 28 लाख लोगों ने भाग लिया, जिनका विवरण इस प्रकार है:
• संविधान की प्रस्तावना का ऑनलाइन पठन - 17,81,496
• "भारत: लोकतंत्र की जननी" पर ऑनलाइन क्विज़ - 10,63,462
प्रोटोकॉल और कल्याण
संसद सदस्यों के सरकार प्रायोजित सद्भावना प्रतिनिधिमंडल का विदेश दौरा
किसी देश के सांसद देश की नीतियों को निर्धारित करने और दूसरे देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेष रूप से, भारत जैसे लोकतांत्रिक और विकासशील देश के लिए यह वास्तव में उपयोगी और आवश्यक है कि कुछ संसद सदस्यों और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों का चयन किया जाए और उनकी सेवाओं का उपयोग अन्य देशों में हमारी नीतियों, कार्यक्रमों, समस्याओं और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों को उनके समकक्षों और अन्य राय निर्माताओं को बताने के लिए किया जाए और भारत के पक्ष में उनका समर्थन सुरक्षित किया जाए।
विदेश मंत्रालय और भारत के संबंधित मिशनों के परामर्श से संसदीय कार्य मंत्री के नेतृत्व में 11 जून, 2023 से 19 जून, 2023 के दौरान सांसदों का एक सद्भावना प्रतिनिधिमंडल ब्राजील और उरुग्वे भेजा गया था।
विदेश से आए प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात
प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने के अलावा, विदेश से आए विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने संसदीय कार्य मंत्री/संसदीय कार्य राज्य मंत्री से मुलाकात की और संसद के कामकाज और आपसी हित के अन्य मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इस वर्ष, अर्जेंटीना और ब्राजील के दो ऐसे संसदीय प्रतिनिधिमंडलों ने क्रमशः 06.2.2023 और 18.07.2023 को संसदीय कार्य मंत्री से मुलाकात की।
संसद में विभिन्न दलों/समूहों के नेताओं के साथ संपर्क
भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 के तहत संसदीय कार्य मंत्रालय को आवंटित महत्वपूर्ण कार्यों में से एक संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों और समूहों के नेताओं और सचेतकों के साथ संपर्क करना है। मंत्रालय महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए प्रधानमंत्री और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा संसद में बुलाई गई विभिन्न राजनीतिक दलों/समूहों के नेताओं की बैठकों की आवश्यक व्यवस्था/समन्वय करता है। आलोच्य अवधि के दौरान, संसद के सुचारू कामकाज के विषय पर संसद सत्र शुरू होने से पहले 30.01.2023, 19.07.2023, 17.09.2023 और 02.12.2023 को ऐसी 4 बैठकें बुलाई गईं।
अनुलग्नक
वर्ष (जनवरी-दिसम्बर, 2023) के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक
क्र. सं. |
विधेयक का नाम |
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जम्मू और कश्मीर विनियोग (नंबर 2) विधेयक, 2023 |
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जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक, 2023 |
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विनियोग (नंबर 2) विधेयक, 2023 |
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विनियोग विधेयक, 2023 |
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वित्त विधेयक, 2023 |
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प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक, 2022 |
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सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2023 |
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बहु-राज्य सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 |
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वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 |
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जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 |
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अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 |
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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मध्यस्थता विधेयक, 2023 |
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अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 |
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भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 |
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राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 |
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संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश संशोधन विधेयक, 2023 |
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अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023 |
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डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 |
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तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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फार्मेसी (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 |
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अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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निरसन और संशोधन विधेयक, 2023 |
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जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 |
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केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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डाकघर विधेयक, 2023 |
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विनियोग (सं. 3) विधेयक, 2023 |
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विनियोग (नंबर 4) विधेयक, 2023 |
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2023 |
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केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 |
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करों का अनंतिम संग्रहण विधेयक, 2023 |
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भारतीय न्याय संहिता, 2023 |
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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 |
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भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 |
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दूरसंचार विधेयक, 2023 |
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 |
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प्रेस और पत्र-पत्रिकाओं का पंजीकरण विधेयक, 2023 |
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