कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय वर्षांत समीक्षा 2023: कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
नई-दिल्ली (PIB): कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने कॉरपोरेट प्रशासन के ढांचे में वर्ष 2023 के दौरान ‘अनुपालन में आसानी’ और ‘व्यापार करने में आसानी’ को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित करना जारी रखा है।
त्वरित कॉरपोरेट निकास के लिए केन्द्रीय निपटारे (सी-पेस) की स्थापना स्वैच्छिक बंदी का विकल्प चुनने वाली कंपनियों के लिए त्वरित स्वीकृति की सुविधा हेतु एक सजग दृष्टिकोण अपनाने का प्रतीक है। विशेष रूप से, वर्ष 2023 के दौरान कुल 1,96,028 कंपनियों और एलएलपी को निगमित किया गया, जोकि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में ठोस वृद्धि को दर्शाता है।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, कंपनी (समझौता, व्यवस्था और समामेलन) नियम, 2016 में संशोधन क्षेत्रीय निदेशकों (आरडी) को विलय की मंजूरी में तेजी लाने का अधिकार देता है। संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित और राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त परिवर्तनकारी प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक, 2023 में कई महत्वपूर्ण बदलावों का समावेश है। इन बदलावों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए सीसीआई की मंजूरी और अंतिम आदेशों के लिए 150 दिनों की समयसीमा को कम करना शामिल है।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने प्रकटीकरण संबंधी आवश्यकताओं को बेहतर बनाते हुए कंपनी (भारतीय लेखा मानक) संशोधन नियम, 2023 के जरिए प्रमुख लेखांकन संबंधी मानकों में भी संशोधन का समावेश किया। इसके अतिरिक्त, कंपनी (निगमन) नियम, 2014 में रणनीतिक संशोधन नौकरशाही संबंधी बाधाओं को कम करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सामान्य परिपत्र संख्या 09/2023 के माध्यम से कॉरपोरेट प्रक्रियाओं में सुदृढ़ता को बढ़ावा देते हुए, एमसीए ने वर्चुअल माध्यम से वार्षिक और असाधारण आम बैठकें आयोजित करने की समयसीमा बढ़ा दी। पंजीकृत कार्यालयों को स्थानांतरित करने में निपटारे की लागत को हटाना और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता के तहत समाधान योजना की स्वीकृति के बाद ऐसे बदलावों को संभव बनाना एक व्यावहारिक नियामक वातावरण को रेखांकित करता है।
अतिरिक्त ई-फॉर्म के लिए सीधे निपटारे (एसटीपी) की सुविधा को अपनाने से मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हुआ है, इलेक्ट्रॉनिक स्वीकृति में तेजी आई है और कामकाज सुव्यवस्थित हो गया है।
अंत में, कंपनी (विवरणिका और प्रतिभूतियों का आवंटन) दूसरा संशोधन नियम, 2023 बड़ी निजी कंपनियों के लिए शेयरों के अनिवार्य डिमटेरियलाइजेशन की शुरुआत करता है, जो नियमों को बाजार के समकालीन रुझानों के अनुरूप करता है। ये उपलब्धियां सामूहिक रूप से भारत में एक गतिशील, कुशल और उत्तरदायी कॉरपोरेट इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के प्रति एमसीए की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।
वर्ष 2023 के दौरान कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की कुछ प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:
अतिरिक्त ई-फॉर्म के जरिए निपटारे के तरीके को गैर-एसटीपी से एसटीपी (सीधी प्रक्रिया) में बदल दिया गया है, यानी इन फॉर्मों को मानवीय हस्तक्षेप के बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्वीकृत किया जा सकता है और इस प्रकार ‘अनुपालन में आसानी’ और ‘व्यापार करने में आसानी’ होगी।
स्वेच्छा से परिचालन बंद करने के इरादे से कंपनियों द्वारा दायर आवेदनों की शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने के उपाय के रूप में, त्वरित कॉरपोरेट निकास हेतु केन्द्रीय निपटान (सी-पेस) की सुविधा केन्द्रीय बजट घोषणा 2022 के अनुरूप दिनांक 01.05.2023 से शुरू हो गई है।
कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान, 30 नवम्बर 2023 तक 1,96,028 कंपनियां और एलएलपी निगमित हुईं, जबकि कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान इसी अवधि में 1,88,364 कंपनियां और एलएलपी निगमित हुईं थीं।
कंपनी (समझौता, व्यवस्था और समामेलन) नियम, 2016 को मई, 2023 में संशोधित किया गया है। संशोधित नियमों के अनुसार, यदि कोई क्षेत्रीय निदेशक (आरडी) धारा 232 के तहत विलय की योजना पर विचार करने के लिए एनसीएलटी के समक्ष आवेदन दाखिल नहीं करता है या प्रदान की गई समय सीमा के भीतर धारा 233 के तहत विलय की मंजूरी के लिए पुष्टिकरण आदेश जारी नहीं करता है, तो यह यह माना जाएगा कि आरडी को कोई आपत्ति नहीं है और पुष्टिकरण आदेश तदनुसार जारी किया जाएगा।
प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 29 मार्च, 2023 को लोकसभा द्वारा और 3 अप्रैल, 2023 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया और 11 अप्रैल, 2023 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई।
प्रतिस्पर्धा संशोधन अधिनियम, 2023 की कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं: -
- 2000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाले लेनदेन के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी की आवश्यकता होगी। सीसीआई के लिए संयोजन के लेनदेन पर अंतिम आदेश पारित करने की समयसीमा 210 दिनों से घटाकर 150 दिन कर दी गई है।
- यह अधिनियम उन प्रतिष्ठानों के दायरे का विस्तार करता है जिन्हें प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौतों का हिस्सा माना जा सकता है। वर्तमान में, समान व्यवसायों में लगे उद्यमों या व्यक्तियों को प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौतों का हिस्सा माना जा सकता है। यह अधिनियम इसका विस्तार करते हुए इसमें ऐसे उद्यमों या व्यक्तियों को भी शामिल करता है जो समान व्यवसायों में संलग्न नहीं हैं।
- यह अधिनियम प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौतों (कार्टेल को छोड़कर) और वर्चस्व की स्थिति के दुरुपयोग की जांच के तेजी से समाधान हेतु निपटान और प्रतिबद्धता का एक ढांचा प्रदान करता है।
- संयोजनों के नियमन के उद्देश्य से, यह अधिनियम नियंत्रण की परिभाषा को प्रबंधन, मामलों या रणनीतिक वाणिज्यिक निर्णयों पर वास्तविक प्रभाव डालने की क्षमता के रूप में संशोधित करता है।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने दिनांक 31.03.2023 को जारी और 01.04.2023 से प्रभावी जी.एस.आर. संख्या 242 (ई) के माध्यम से कंपनी (भारतीय लेखा मानक) संशोधन नियम, 2023 को अधिसूचित किया है। अन्य बातों के साथ-साथ उक्त नियम अन्य सामग्री लेखांकन नीतियों के प्रकटीकरण, लेखांकन अनुमानों की परिभाषा और एकल लेनदेन से उत्पन्न होने वाली परिसंपत्तियों और देनदारियों से संबंधित आस्थगित कर से जुड़े IndAS 1, IndAS 8 और IndAS 12 में संशोधन करता है। साथ ही, यह IndAS 107, IndAS 34 और IndAS 101 में परिणामी संशोधन भी करता है। इसके अलावा, IndAS 101, IndAS 102, IndAS 103, IndAS 109 और IndAS 115 में कुछ लेखन संबंधी सुधार भी किए गए हैं।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने दिनांक 25.09.2023 को जारी सामान्य परिपत्र सं. 09/2023 के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) या अन्य ऑडियो विजुअल (ओवीएएम) के जरिए वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और असाधारण सामान्य बैठक (ईजीएम) आयोजित करने या वर्ष 2023 या 2024 के लिए डाक मतपत्र के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर निर्णय करने की समयसीमा 30 सितंबर, 2024 तक या उससे पहले के लिए बढ़ा दी है।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने दिनांक 20.10.2023 को जारी अधिसूचना संख्या जी.एस.आर. 790 (ई) के माध्यम से कंपनी (निगमन) नियम, 2014 में संशोधन किया है जिसके माध्यम से पंजीकृत कार्यालय के स्थानांतरण के लिए दायर आवेदन के निपटारे के समय लगने वाली लागत को हटा दिया है।
जब दिवाला दिवालियापन संहिता, 2016 (2016 का 31) की धारा 31 के तहत स्वीकृत एक समाधान योजना के तहत कंपनी का प्रबंधन नए प्रबंधन द्वारा संभाला जाता है और समाधान योजना के खिलाफ किसी भी अदालत या न्यायाधिकरण में कोई अपील लंबित नहीं है और पूछताछ, निरीक्षण, जांच लंबित नहीं है या उक्त समाधान योजना के अनुमोदन के बाद शुरू नहीं की गई है, तो पंजीकृत कार्यालय को स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई है।
दिनांक 27.10.2023 को जारी अधिसूचना संख्या जीएसआर 802(ई) के तहत कंपनी (विवरणिका एवं प्रतिभूतियों का आवंटन) दूसरा संशोधन नियम, 2023 के माध्यम से एक नया नियम जोड़ा गया है जो बड़ी निजी कंपनियों (यानी छोटी कंपनियों के अलावा अन्य निजी कंपनियों) के शेयरों के अनिवार्य डिमटेरियलाइजेशन का प्रावधान करता है। इस उद्देश्य के लिए बदलाव की पर्याप्त समयावधि प्रदान की गई है।
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