गहरे समुद्र में खनन के लिए सर्वेक्षण: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
नई दिल्ली (PIB): उपलब्ध देश में अवलोकन नेटवर्क को बढ़ाकर गंभीर मौसम की घटनाओं की निगरानी और पूर्वानुमान में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण विकास किए गए हैं जिनमें 2014 से निम्नलिखित शामिल हैं:
- 2014 में 15 के मुकाबले 2023 में 39 डॉपलर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) नेटवर्क
- 2014 में 675 के मुकाबले 2023 में 1208 स्वचालित मौसम स्टेशन (एडब्ल्यूएस)
- 2014 में 1350 के मुकाबले 2023 में 1382 स्वचालित वर्षा गेज (एआरजी)
- 2014 में 19 के मुकाबले 2023 में 35 हाई विंड स्पीड रिकॉर्डर
- 2014 में 43 के मुकाबले 2023 में 56 ऊपरी वायु अवलोकन प्रणालियाँ
- 23 मैनुअल पायलट बैलून (पीबी) स्टेशनों को जीपीएस आधारित स्टेशनों में अपग्रेड किया गया, जबकि 2014 में कोई जीपीएस आधारित पीबी स्टेशन नहीं था।
- देश भर के विभिन्न हवाई अड्डों पर वर्ष 2014 में 20 के मुकाबले 2023 में 138 रनवे विजुअल रेंज (आरवीआर)
- 2014 में 29 के मुकाबले 2023 में पूरे देश के हवाई अड्डों पर 107 डिजिटल करंट वेदर सिस्टम (डीसीडब्ल्यूआईएस) लगाए जाएंगे।
- 2023 में देश भर के विभिन्न हेलीपोर्टों पर 8 हेलीपोर्ट वेदर ऑब्जर्विंग सिस्टम (एचएडब्ल्यूओएस) स्थापित किए गए हैं, जबकि 2014 में कोई एचएडब्ल्यूओएस नहीं था।
- 2014 में 3955 की तुलना में 2023 में 5896 जिला-वार वर्षा निगरानी योजना (डीआरएमएस) स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
कृषि मौसम विज्ञान सलाहकार सेवाओं (एएएस) को 2018 से जिला स्तर से ब्लॉक स्तर तक बढ़ा दिया गया है। वर्तमान में, ये एएएस देश के सभी कृषि रूप से महत्वपूर्ण 700 जिलों और लगभग 3100 ब्लॉकों को प्रदान किए गए है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने नीली अर्थव्यवस्था का समर्थन करने और समुद्री संसाधनों के स्थायी दोहन के लिए गहरे समुद्र के संसाधनों का पता लगाने के लिए 2021 में डीप ओशन मिशन शुरू किया है। अभी तक, मध्य हिंद महासागर बेसिन में पॉलीमेटैलिक नोड्यूल्स (निकल, कोबाल्ट, कॉपर और मैंगनीज, आदि) के लिए और मध्य और दक्षिण पश्चिम भारतीय पर्वतमाला में हाइड्रोथर्मल सल्फाइड (कॉपर, जिंक आदि) के लिए व्यापक सर्वेक्षण और अन्वेषण कार्य किया गया है। इस अन्वेषण ने क्षेत्र में हाइड्रोथर्मल गतिविधि और सल्फाइड खनिजकरण क्षेत्रों के कुछ आशाजनक स्थानों की पहचान की है।
यह जानकारी केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरण रिजिजू ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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