Climate कहानी: जलवायु एवं पर्यावरण कार्यकर्ताओं के खिलाफ बढ़ रही है ऑनलाइन और ऑफलाइन नफ़रत
लखनऊ: आज Climate कहानी के विशेष प्रस्तुति में "जलवायु एवं पर्यावरण कार्यकर्ताओं के खिलाफ बढ़ रही है ऑनलाइन और ऑफलाइन नफ़रत" शीर्षक से प्रकाशित लेख में बताया गया है कि, जहां एक ओर जलवायु से जुड़ी चिंताएँ बढ़ रही हैं और सरकारों की प्राथमिकता में यह विषय शामिल हो रहा है, वहीं एक परेशान वाले घटनाक्रम में पता चल रहा है कि जलवायु संरक्षण के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं और संगठनों के खिलाफ हिंसा एक आम चलन बनती जा रही है।
इस बात का पता चला क्लाइमेट एक्शन अगेंस्ट डिसइनफॉरमेशन (सीएएडी) की ताज़ा रिपोर्ट से। एक जनवरी 2022 से 30 नवंबर 2023 के बीच की तस्वीर पेश करती इस वैश्विक रिपोर्ट से जाहिर होता है कि विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ताओं के खिलाफ किस तरह की हिंसक भाषा और शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए उन पर सुरक्षा के लिए खतरा होने का ठप्पा लगाया जा रहा है। इससे जलवायु कार्यकर्ताओं की सुरक्षा खतरे में पड़ने की आशंका है। साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से संबंधित सूचनाएं हासिल करने के जनता के अधिकार पर भी बुरा असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं, इससे कार्यकर्ताओं और वैज्ञानिकों की अभिव्यक्ति की आजादी के लिए भी गंभीर खतरा पैदा होता है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष कुछ इस प्रकार हैं: