हे भारत की कोकिला.......: सत्यवान 'सौरभ'
लखनऊ: आज के विशेष में प्रस्तुत है, "यादों के झरोखे से", रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट डॉक्टर सत्यवान 'सौरभ' द्वारा लिखी एक गीत जो समर्पित है भारत की सबसे लोकप्रिय और सम्मानित गायिका - कंठ कोकिला "लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)" को ।
शीर्षक है, हे भारत की कोकिला.......
हे भारत की कोकिला....
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सूने-सूने गीत अब, सूने-सूने साज !
संग लता के खो गयी, भारत की आवाज़ !!
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आँखों में पानी भरा, पूरा देश उदास !
गयी हमें तुम छोड़कर, गए नहीं अहसास !!
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स्वर आपकी शान थे, स्वर आपकी आन !
स्वर आपने जो चुने, स्वर बने पहचान !!
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गूँज रही है आपकी, कण-कण में आवाज़ !
हे भारत की कोकिला, हमको तुम पर नाज़ !!
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नहीं नाम ये अब गुमे, अक्स रहेगा याद !
गूंजेंगे जब सुर यहाँ, होगा तेरा नाद !!
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रचईता: सत्यवान 'सौरभ'
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(फोटो साभार - मल्टी मीडिया)
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