पन्द्रह अगस्त की जय जय हो: पत्रकार- धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव
लखनऊ: 77वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर पत्रकार धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर आज के सामाजिक और राजनैतिक स्थितियों और परिस्थितियों पर अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोकर एक गीत के रूप में शेयर किया है जिसे यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है।
पन्द्रह अगस्त की जय जय हो (गीत):
पन्द्रह अगस्त की जय जय हो, भारत समस्त की जय जय हो।
जय गीता, वेद, पुराण की हो, गुरुवाणी और कुरान की हो।
जय हो अपने रामायण की, कर्तव्य बोध पारायण की हो।
जय विश्वामित्र, वशिष्ठ की हो, जय द्रोणाचार्य और भीष्म की हो।
जय राम और लक्ष्मण की हो, जय कृष्ण और अर्जुन की हो।
फिर धर्मराज की जय जय हो, फिर रामराज की जय जय हो।
पन्द्रह अगस्त की जय जय हो, भारत समस्त की जय जय हो।
जय कल की हो, जय आज की हो, जय जय अशोक सम्राट की हो।
जय चन्द्रगुप्त सम्राज्य की हो, जय वीर शिवा के राज की हो।
अच्छों की जय, सच्चों की जय, गुरु गोविंद के बच्चों की जय।
जय हो माँ पन्ना बाई की, शक्ति सिंह जैसे भाई की।
हल्दीघाटी की जय जय हो, पावन माटी की जय जय हो।
पन्द्रह अगस्त की जय जय हो, भारत समस्त की जय जय हो।।
जय ब्रह्मपुत्र, जय सतलज की, जय गंगा, यमुना के रज की।
जय झेलम की, कावेरी की, जय क्षिप्रा की, जय कोसी की।
बेतवा, चम्बल, सरयू की जय, आचमन, ध्यान, वजू की जय।
नर्मदा के नाज़ की जय जय हो, गोमती के घाट की जय जय हो।
पन्द्रह अगस्त की जय जय हो, भारत समस्त की जय जय हो।।
जय मेघालय, आसाम की जय, जय जय रामेश्वर धाम की जय।
गोवा, केरल के आब की जय, उड़िया, बंग्ला, पंजाब की जय।
जय हो कश्मीर की घाटी की, जय राजस्थानी माटी की।
जय महाराष्ट्र, कर्नाटक की, जय लाल किले के फाटक की।
जय झारखंड जुहार की हो, जय एमपी और बिहार की हो।
जय तेलंगाना, सिक्कम की, जय हो मणिपुर के सरगम की।
जय आंध्र प्रदेश की जय जय हो, उत्तर प्रदेश की जय जय हो।
पन्द्रह अगस्त की जय जय हो, भारत समस्त की जय जय हो।।
जय संतावन के समर की हो, जय शाह बहादुर ज़फ़र की हो।
जय रोटी और कमल की हो, जय बेगम हज़रत महल की हो।
जय नाना, तात्या भाई की, जय रानी लक्ष्मी बाई की।
जय युद्ध कला गोरिल्ला की, जय मौलवी अहमदुल्ला की।
जय कुँवर सिंह, डूंगर सिंह की, जय मंगल पाण्डे, धन सिंह की।
जय जय टीपू सुल्तान की जय, बिरसा मुंडा बलवान की जय।
भारतीय वाद की जय जय हो, सच में सौहार्द की जय जय हो।
पन्द्रह अगस्त की जय जय हो, भारत समस्त की जय जय हो।।
जय पूर्ण स्वराज सवाल की हो, जय लाल, बाल, गोपाल की हो।
जय गाँधी और अहिंसा की, जय उधम सिंह की हिंसा की।
जय खुदी राम की फांसी की, जय जय हो तिलका माझी की।
जय भगत सिंह, आज़ाद की जय, नेहरू, सुभाष, अश्फाक की जय।
चम्पारण की ललकार की जय, बारदौली के सरदार की जय।
जय चौरीचौरा कांड की हो, जय जलियाँवाला बाग की हो।
जय काकोरी, चटगाँव की जय, शिवपूजन राय के गाँव की जय।
जय सत्याग्रह के वीरों की, अंग्रेजों भारत छोड़ो की।
आजाद हिन्द सेना की जय, जेपी, लोहिया, अरुणा की जय।
जन गण मन राग की जय जय हो, ममता और त्याग की जय जय हो।
पन्द्रह अगस्त की जय जय हो, भारत समस्त की जय जय हो।।
जय भारत के कानून की हो, जय सोशलिस्ट मजमून की हो।
जय बालिग मताधिकार की हो, जय मानवता और प्यार की हो।
जय सीमा और जवान की हो, जय धरती और किसान की हो।
पहरु गिरिराज की जय जय हो, सुंदर सुराज की जय जय हो।
पन्द्रह अगस्त की जय जय हो, भारत समस्त की जय जय हो।।
-:धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव:-