केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग प्रणाली में दबाव के मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की: वित्त मंत्रालय
समीक्षा बैठक, जोखिम प्रबंधन, जमा धनराशि के विविधीकरण और परिसंपत्ति-आधार पर ध्यान देते हुए उचित तौर-तरीके के साथ नियामक-व्यवस्था के पालन के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तैयारियों पर केंद्रित थी
नई दिल्ली (PIB): केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने विभिन्न वित्तीय मानकों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन और संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोप में कुछ अंतरराष्ट्रीय बैंकों की विफलता से उत्पन्न वर्तमान वैश्विक वित्तीय परिदृश्य के आलोक में पीएसबी की सहनीयता की समीक्षा करने के लिए आज यहां एक आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड़, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव डॉ. विवेक जोशी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक के दौरान, सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) और सिग्नेचर बैंक (एसबी) की विफलता तथा क्रेडिट सुइस में संकट के मुद्दों समेत वर्तमान वैश्विक परिदृश्य पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ खुली चर्चा हुई। श्रीमती सीतारामन ने लघु और दीर्घकालिक, दोनों दृष्टिकोणों से इस उभरते हुए और तात्कालिक तौर पर बाहरी वैश्विक वित्तीय दबाव के सन्दर्भ में पीएसबी के जोखिम की समीक्षा की।
पीएसबी की समीक्षा बैठक के दौरान, वित्त मंत्री ने जोखिम प्रबंधन, जमाराशि के विविधीकरण एवं परिसंपत्तियों के आधार पर ध्यान केन्द्रित करके नियामक ढांचे के अनुपालन के जरिए सम्यक तत्परता के साथ तैयारी करने पर जोर दिया।
वित्त मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) केन्द्रीकरण संबंधी जोखिम और प्रतिकूल जोखिम सहित दबाव के बिंदुओं की पहचान करने के लिए व्यापार मॉडल की बारीकी से पड़ताल करें। श्रीमती निर्मला सीतारामन ने सभी पीएसबी को इस बात के लिए भी प्रेरित किया वे इस अवसर का उपयोग विस्तृत संकट प्रबंधन और संचार संबंधी रणनीतियों की तैयारी में करें।
पीएसबी के एमडी और सीईओ ने वित्त मंत्री को इस तथ्य से अवगत कराया कि वे कॉरपोरेट प्रशासन की उत्कृष्ट कार्यप्रणालियों को अपनाते हैं, नियामक मानदंडों का अनुपालन करते हैं, विवेकपूर्ण तरलता प्रबंधन सुनिश्चित करते हैं और मजबूत परिसंपत्ति-देयता एवं जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। इसके अलावा, पीएसबी द्वारा श्रीमती सीतारामन को यह भी बताया गया कि वे वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रमों को लेकर सतर्क हैं और किसी भी संभावित वित्तीय झटके से खुद को बचाने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। सभी प्रमुख वित्तीय मापदंड सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की मजबूत वित्तीय सेहत के साथ-साथ उनकी स्थिर और सुदृढ़ स्थिति का संकेत देते हैं।
लंबे विचार विमर्श के बाद वित्त मंत्री ने पीएसबी को ब्याज दर से जुड़े जोखिमों को लेकर सतर्क रहने और नियमित रूप से चिंताओं का परीक्षण करने की सलाह दी है। श्रीमती सीतारामन ने जोर देकर कहा कि पीएसबी को भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) से संबंधित संभावनाओं के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय अवसरों की पहचान के लिए गिफ्ट सिटी गुजरात में इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स में खोली गई शाखाओं की पूरी क्षमताओं का दोहन करना चाहिए।
देश में वर्तमान सामान्य बैंकिंग परिदृश्य पर विचार विमर्श के दौरान, वित्त मंत्री ने पीएसबी को ये सलाह भी दीं:
कुछ ऋण साधनों में कर मध्यस्थता को कम करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को देखते हुए मुख्य रूप से जमाओं को आकर्षित करने के लिए कदम उठाएं,
बढ़ती अर्थव्यवस्था की ऋण जरूरतों को समर्थन देने के लिए उनकी मजबूत वित्तीय स्थिति पर नजर बनाए रखें,
उन राज्यों में ऋण की पहुंच पर ध्यान केंद्रित करें,
जहां ऋण का निकासी राष्ट्रीय औसत से कम है। इनमें विशेष रूप से देश के पूर्वोत्तर और पूर्वी इलाके शामिल हैं;
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी), ई-नैम और ड्रोन जैसे नए और उभरते हुए क्षेत्रों में व्यवसायों की उपस्थिति बढ़ाएं,
सीमावर्ती और तटीय क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं यानी शाखाएं बढ़ाने का लक्ष्य हो,
पीएसबी को बजट 2023-24 में घोषित महिला सम्मान बचत पत्र को विशेष पहलों और अभियानों के माध्यम से प्रोत्साहन देना चाहिए।
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