उत्तर प्रदेश: डबल इंजन की सरकार सिर्फ जुमलेबाजी करके किसानों को कर रही है गुमराह!
उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) के जिलाध्यक्ष कुशीनगर - रामचंद्र सिंह के नेतृत्व में किसानों के साथ-साथ मजदूर, व्यापारी तथा आम-जन UPSSCL की लक्ष्मीगंज बंद चीनी-मिल को चलाने हेतु पिछले छः वर्षों से आंदोलनरत हैं तथा जिला प्रशासन और प्रदेश के मुख्य सचिव के माध्यम से और सीधे भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को ज्ञापन भेजकर मांग कर रहे हैं परन्तु प्रदेश सरकार UPSSCL की लक्ष्मीगंज सहित सभी चीनी-मिलों को चलाने एवं बसपा सरकार में इन चीनी-मिलों के महाघोटाले को लेकर CAG की रिपोर्ट पर आर्थिक आतंकवादियों पर बुलडोजर चलाने की मांग पर मुख्यमंत्री- योगी और उनकी सरकार मौन क्यों: सच्चिदानन्द श्रीवास्तव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा
लखनऊ: भारतीय किसान यूनियन की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने कहा कि, किसान और जवान देश की रीढ़ की हड्डी होता है। देश पर जब-जब संकट आता है जवान सीमा पर निगरानी करता है और किसान खेतों में अपने फसलों की पैदावार अच्छा कैसे हो, उसमें लगा रहता है। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में किसानों की अहम भूमिका होती है। आज देश का किसान भ्रष्ट राजनीति का शिकार हो रहा है! पार्टी कोई भी हो सबने किसानों के हड्डी के ऊपर कबड्डी खेल कर सत्ता अपनाने का कार्य किया है।
उत्तर प्रदेश में अत्यधिक बरसात और ओलावृष्टि होने से राज्य सरकार ने फरमान जारी किया है कि, ओलावृष्टि और बरसात से किसानों का फसल जो बर्बाद हुआ है, जिला प्रशासन उसका सर्वे कराकर राज्य सरकार को भेजे ताकि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके! इस आदेश का हम कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य सरकार की आलोचना करना चाहते हैं कि, सिर्फ मीडिया के माध्यम से किसानों की झूठी मदद करने का रास्ता जो भाजपा सरकार अपना रही है, इनकी चाल को पूरा देश जान चुका है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि, पेराई सत्र २०२०-२०२१ और २०२१-२०२२ में जनपद कुशीनगर के किसानों का गन्ना खेतों में सूख गया था जिसके मुवावजा के लिये हमारे द्वारा लगातार माँग करने के बाद पेराई सत्र २०२१-२०२२ का सर्वे राजस्व कर्मियों द्वारा कराया तो गया मगर आज-तक सूखे हुए गन्ने का मुवावजा किसानों को नही मिला जो डबल इंजन की सरकार के लिये शर्मशार और निंदनीय है। यह सरकार लगातार झूठ पर झूठ बोलकर सत्ता में काबिज रहना चाहती है।
UPSSCL की जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल सहित अन्य सभी बन्द चीनी मिलों को चलाने के लिए मुख्यमन्त्री योगी ने मा० सुप्रीम कोर्ट से अपील वापस लेकर जर्जर से जर्जर चीनी मिलों को चलाने की घोषणा विधानसभा चुनाव २०२२ के ठीक पहले लखनऊ में हुए किसान सम्मेलन में की और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल प्रांगड़ से विधानसभा २०२२ के आचार संहिता लगने के दौरान UPSSCL की जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी-मिल को चलाने की घोषणा की, परन्तु बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि, डबल इंजन सरकार में शीर्ष पद पर बैठे सम्मानित नेतागण भी सिर्फ किसानों, बेरोजगारों और आम जनता से झूठ बोलकर सत्ता हथियाने में महारथ हासिल कर चुके हैं।
आगे जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, यदि थोड़ी भी मानवता और नैतिकता भाजपा की डबल इंजन की सरकार में बाकी है तो सबसे पहले किसानों के सूखे हुए गन्ने का पेराई सत्र २०२१-२०२२ का मुवावजा किसानो के खाते में भेजवाने का कार्य किया जाय तथा UPSSCL की जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलाने की दिन और तारीख की घोषणा करके इसमें कार्य प्रारम्भ कराया जाय जो किसान हित में होगा।
समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष- सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने पूछा कि, "उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) के जिलाध्यक्ष कुशीनगर - रामचंद्र सिंह के नेतृत्व में किसानों के साथ-साथ मजदूर, व्यापारी तथा आम-जन UPSSCL की लक्ष्मीगंज बंद चीनी-मिल को चलाने हेतु पिछले छः वर्षों से आंदोलनरत हैं तथा जिला प्रशासन और प्रदेश के मुख्य सचिव के माध्यम से और सीधे भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को ज्ञापन भेजकर मांग कर रहे हैं परन्तु प्रदेश सरकार UPSSCL की लक्ष्मीगंज सहित सभी चीनी-मिलों को चलाने एवं बसपा सरकार में इन चीनी-मिलों के महाघोटाले को लेकर CAG की रिपोर्ट पर आर्थिक आतंकवादियों पर बुलडोजर चलाने की मांग पर मुख्यमंत्री - योगी और उनकी सरकार मौन धारण किये है, क्यों ?-
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