विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 15 मार्च, 2023 को मनाया जाएगा
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023 का विषय "स्वच्छ ऊर्जा की गति से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना" है
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन को मजबूत किया गया है, त्वरित उपभोक्ता शिकायत निवारण के लिए ई-दाखिल पोर्टल और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए मरम्मत का अधिकार पोर्टल
नई दिल्ली (PIB): उपभोक्ता कार्य विभाग बुधवार, 15 मार्च 2023 को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाएगा। इस संबंध में उपभोक्ता कार्य विभाग की अपर सचिव श्रीमती निधि खरे ने आज यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत की और साझा किया कि विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस, 2023 का विषय "स्वच्छ ऊर्जा की गति से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना" है।
विषय के अनुरूप, पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी लगाने और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के लिए तेजी से परिवर्तन का अधिकार देने पर प्रमुखता से जोर दिया गया है जो दीर्घकाल में स्थिरता, सुरक्षा, सामर्थ्य और उपभोक्ताओं तक पहुंच को बढ़ावा देगा।
ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी के सबसे पसंदीदा माध्यमों में से एक के रूप में लगातार उभरा है। साथ ही, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज ई-कॉमर्स शिकायतों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। अत: एनसीएच को यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी रूप से मजबूत किया जा रहा है कि यह न केवल अधिक शिकायतें प्राप्त करे बल्कि रिफंड, प्रतिस्थापन और सेवा में कमी की आम उपभोक्ता शिकायतों का भी तेजी से निपटारा करे।
एनसीएच मुकदमे-पूर्व स्तर पर एक वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में काम करता है, उपभोक्ता आसानी से '1915' पर कॉल करके या मोबाइल ऐप के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। एनसीएच हाल ही में जोड़ी गई मैथिली, कश्मीरी और संथाली भाषाओं सहित 17 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है। यह ओमनी चैनल सिस्टम के माध्यम से 24*7 उपलब्ध है जिसमें एनसीएच ऐप, ईमेल, एसएमएस और कॉल शामिल हैं।, जिसमें ओमनी चैनल प्रणाली के माध्यम से 24*7 उपलब्ध है जिसमें एनसीएच ऐप, ईमेल, एसएमएस और कॉल शामिल हैं। एनसीएच पर पंजीकृत डॉकेट की संख्या में भी वृद्धि हुई है। डॉकेट की संख्या 2017 में 37,062 के मासिक औसत से दोगुनी से अधिक बढ़कर 2022 में 86,674 हो गई है।
उपभोक्ता शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा के लिए, ई-दाखिल पोर्टल की स्थापना की गई है, जो संबंधित उपभोक्ता फोरम तक आसानी से पहुंचने के लिए परेशानी मुक्त, तेज और सस्ती सुविधा प्रदान करता है, जिससे यात्रा करने और अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होती है। इसका उद्देश्य डिजिटाइज़ करना और तकनीक की मदद से उपभोक्ताओं के लिए न्याय तक पहुँच को आसान बनाना है। ई-अदालत परियोजना के अनुरूप, परेशानी मुक्त, उपभोक्ता शिकायतों का त्वरित निवारण करने के लिए आवेदन, पुनरीक्षा, अपील आदि के सभी प्रारूपों को डिजिटाइज़ किया जाएगा। मध्यस्थता, जिसे वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में अधिनियम के तहत परिकल्पित किया गया है, पर भी ऑनलाइन मोड के माध्यम से विचार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) आंदोलन के अनुरूप, विभाग ने उपभोक्ताओं को योजनाबद्ध अप्रचलित यानी सीमित जीवन के साथ एक उत्पाद डिजाइन करने जिसके परिणामस्वरूप ई- कचरे में वृद्धि होगी, से बचाने के लिए "मरम्मत का अधिकार पोर्टल" बनाने की शुरुआत की है। उम्मीद है कि यह पोर्टल कलपुर्जों की कीमत, मौलिकता और वारंटी संबंधी चिंताओं को दूर करेगा। यह कलपुर्जों की प्रामाणिकता और मूल देश की जानकारी की जांच करने के तरीकों का उल्लेख करके उपभोक्ताओं को उत्पाद के बारे में बेहतर जानकारी देने में सक्षम करेगा।
पोर्टल कालिंक https://righttorepairindia.gov.in/ है।
पोर्टल उपभोक्ताओं को स्वयं मरम्मत करने में सक्षम बनाने, अधिकृत मरम्मत करने वालों के बारे में जानने और तीसरे पक्ष के मरम्मत करने वालों को बढ़ावा देने के लिए जानकारी देगा। निर्माता द्वारा वादा की गई वारंटी की अवधि के लिए असली कलपुर्जों की उपलब्धता के लिए एक इकोसिस्टम बनाने का प्रयास है।
विभाग 'इलेक्ट्रॉनिक और बिजली के कचरे (ई-कचरे)' को कम करने और अधिक टिकाऊ उपभोक्ता इकोसिस्टम को बढ़ावा देने पर जोर देने के साथ पहनने योग्य उपकरणों के साथ काम करने वाले चार्जिंग समाधानों को डिजाइन करने के लिए एक हैकाथन आयोजित करने की भी योजना बना रहा है। वायरलेस चार्जिंग विधियों का भी पता लगाया जा रहा है, जो ई-कचरा प्रसार में महत्वपूर्ण मदद करेगा।
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