विशेष: सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना वरिष्ठ पत्रकार, लोकतन्त्र सेनानी और जनकवि - धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत गीत !
लखनऊ: विशेष में प्रस्तुत है, सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना वरिष्ठ पत्रकार, लोकतन्त्र सेनानी और जनकवि - धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत गीत
'नफरत की ज्वाला से हिंदुस्तान बचा लेने को'
जगो साथियों आज़ादी का
मान बचा लेने को।
नफरत की ज्वाला से
हिन्दुस्तान बचा लेने को।
लूट रहे जो देश हमारा
हिन्दू मुस्लिम करके,
जागो ऐसे कन्सों से
इन्सान बचा लेने को।
जो किसान को कुचले हैं
खुद सरकारी पहियों से,
जागो उनसे खेत और
बागान बचा लेने को।
जगो आनलाइन के खूनी
पंजों में घिघयाती,
अपने बाजारों की सभी
दुकान बचा लेने को।
छीन लिए हैं जो बूढों से
हासिल सुविधाएं भी,
उनको बदलो बूढ़ों का
अरमान बचा लेने को।
हमसे तुमसे ओल्ड पेंशन
जिसने छीन लिया है,
उनसे कुर्सी छीनों अपनी
आन बचा लेने को।
जो शिक्षा को मंहगी कर
अंधियारा बांट रहे हैं,
उन्हें हटाओ भारत का
गुण ज्ञान बचा लेने को।
जगो छात्रों, जगो शिक्षकों,
जगो वकीलों, मजदूरों,
संविधान का सिसक रहा
सम्मान बचा लेने को।
जागो भारत के नवरत्नों
अपने नवरत्नों की,
सेठ अडानी, अम्बानी से
जान बचा लेने को।
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