खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 72 इकाइयों का शुभारंभ किया
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के 720 लाभार्थियों को मार्जिन मनी सब्सिडी प्राप्त होती है; इस कार्यक्रम से 5,760 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा.
नई दिल्ली (PIB): सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम-एमएसएमई मंत्री श्री नारायण राणे ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार की उपस्थिति में आज 17 सितंबर को मुंबई में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के कार्यालय में प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम-पीएमईजीपी के अंतर्गत सहायता प्राप्त 72 इकाइयों और प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के 720 लाभार्थियों को वितरित मार्जिन मनी सब्सिडी का उद्घाटन किया।
अपने उद्घाटन भाषण में मंत्री महोदय ने प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 72 इकाइयों की सहायता के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग के प्रयासों की सराहना की। इस कार्यक्रम का आज उद्घाटन किया गया था। श्री राणे ने आज जुहू समुद्र तट पर किए गए स्वच्छता अभियान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को देश के कोने-कोने तक ले जाने के प्रधानमंत्री के मिशन को जारी रखने के लिए यह अभियान जारी है। मंत्री महोदय ने सुझाव दिया कि इस तरह के कार्यक्रम उच्चाधिकारियों के आदेश या अन्य बाध्यताओं की प्रतीक्षा किए बिना स्वेच्छा से किए जाने चाहिए।
मंत्री महोदय ने कहा, “युवाओं के बीच उद्यमशीलता कौशल को प्रोत्साहित करना प्रधानमंत्री का मिशन है ताकि अधिक उद्योग शुरू किए जा सकें और इस तरह बेरोजगारी को कम किया जा सके। तभी भारत महाशक्ति बन सकता है। हमें अपने बीच समय की पाबंदी, ईमानदारी और अनुशासन को आत्मसात करना चाहिए।” मंत्री महोदय ने खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग को नई विपणन तकनीकों का उपयोग करने की सलाह दी।
इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के उद्यमियों के लिए वाराणसी में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम-पीएमईजीपी के बारे में
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-एमएसएमई मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है, जिसे सितंबर 2008 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग-केवीआईसी द्वारा कार्यान्वित तत्कालीन ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (आरईजीपी) और जिला उद्योग केंद्र द्वारा लागू प्रधानमंत्री रोजगार योजना (पीएमआरवाई) को मिलाकर शुरू किया गया था।
यह देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार द्वारा नामित योजना को - बैंकों, राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्डों, जिला उद्योग केंद्रों (डीआईसी) और कॉयर बोर्ड देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कॉयर से संबंधित गतिविधियों के लिए सक्रिय भागीदारी के साथ लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी है। इस योजना के अंतर्गत निर्माण क्षेत्र में सब्सिडी के लिए पात्र परियोजना की अधिकतम लागत 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये है।
इस योजना के अंतर्गत 15.09.2022 तक खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने 25,105 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। इसके अंतर्गत 802 करोड़ रुपये से अधिक मार्जिन मनी जारी की गई है और 2,00,840 लोगों के लिए रोजगार सृजित किए गए हैं। खादी और ग्रामोद्योग आयोग को आशा है कि 27.43 करोड़ रुपये मार्जिन मनी वाली इन 720 परियोजनाओं से 5760 लोगों को रोजगार मिलेगा।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने रोजगार सृजन में इस भारी वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री द्वारा विनिर्माण में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देना बताया है। उन्होंने कहा, “बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं और प्रवासियों को शामिल करके स्थानीय विनिर्माण और स्वरोजगार पर इस बड़े जोर ने हमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वरोजगार गतिविधियों को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है।''
उन्होंने कहा, "इसके अलावा, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी लाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम-एमएसएमई मंत्रालय और खादी और ग्रामोद्योग आयोग-केवीआईसी द्वारा लिए गए कई नीतिगत फैसलों ने केवीआईसी को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हासिल करने में मदद की।''
खादी और ग्रामोद्योग आयोग-केवीआईसी ने हाल के वर्षों में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम -पीएमईजीपी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कई पहल की हैं। वर्ष 2016 में, केवीआईसी ने पीएमईजीपी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल पेश किया। वर्ष 2016 से पहले, आवेदनों को मैन्युअल रूप से दाखिल किया जाता था और औसतन सालाना केवल 70,000 आवेदन ही प्राप्त होते थे। लेकिन, ऑनलाइन पोर्टल के साथ, हर साल औसतन लगभग 4 लाख आवेदन प्राप्त होते हैं। ऑनलाइन प्रणाली से इस प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आई है। पीएमईजीपी पोर्टल आवेदकों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के अपने आवेदनों की निगराने करने में सक्षम बनाता है।
एक अन्य बड़े कदम में, केवीआईसी ने सभी पीएमईजीपी इकाइयों की जियो-टैगिंग भी शुरू कर दी है ताकि किसी भी समय इकाइयों की वास्तविक भौतिक स्थिति और उनके प्रदर्शन को सत्यापित किया जा सके। अब तक एक लाख से अधिक पीएमईजीपी इकाइयों को जियो-टैग किया जा चुका है। यह किसी भी व्यक्ति को मोबाइल ऐप का उपयोग करके पीएमईजीपी इकाइयों का पता लगाने में सक्षम बनाता है।
इसके अलावा, एमएसएमई मंत्रालय, केवीआईसी द्वारा प्रदान किए गए इनपुट के आधार पर, पीएमईजीपी परियोजनाओं को स्वीकृति देने और परियोजनाओं के अनुमोदन के लिए केवीआईसी के अधिकृत राज्य निदेशकों को वित्तपोषित बैंकों को भेजने के लिए जिला स्तरीय कार्य बल समिति की भूमिका को हटा दिया गया है।
केवीआईसी ने अपने राज्य निदेशकों द्वारा बैंकों को आवेदनों की जांच और अग्रेषण की समय सीमा 90 दिनों से घटाकर केवल 26 दिन कर दी है। इसके अलावा, बैंकों के साथ मासिक समन्वय बैठकें विभिन्न स्तरों पर शुरू की गईं, जिसके परिणामस्वरूप, लाभार्थियों को समय पर ऋण का वितरण भी हुआ है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग-केवीआईसी द्वारा स्वच्छता अभियान
स्वच्छ भारत मिशन के तहत केवीआईसी ने आज मुंबई में जुहू बीच पर एक स्वच्छता अभियान भी चलाया। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार के साथ इस अभियान का नेतृत्व किया। वरिष्ठ अधिकारियों, आयोग के कर्मचारियों, अन्य नागरिकों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
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