लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलाने की घोषणा और कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के कई करोड़ों रुपये बकाये के भुगतान पर योगी सर्कार मौन क्यों ?-
पिछले 5 वर्ष से जारी धरना-प्रदर्शन के तीसरे चरण का 43 दिन
लक्ष्मीगंज (कुशीनगर) / लखनऊ (उ प्र): आज शुक्रवार दिनाँक 10 जून 2022 को भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह के नेतृत्व में जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने तथा कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान, जो कई करोड़ रूपये बकाया है, उसका सम्पूर्ण भुगतान ब्याज के साथ अबिलम्ब कराने के लिये किसानों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के तीसरे चरण का 43वां दिन है।
धरना स्थल पर यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने कहा है कि, किसान आज 43 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहा है और भाजपा की डबल इंजन की सरकार किसान हित में कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि, हम सूबे के मुख्यमंत्री जी से जानना चाहते हैं कि, कुशीनगर जनपद की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलाने की घोषणा और कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के जो कई करोड़ों रुपये बकाया है उसके भुगतान के ऊपर खुलकर क्यों नही बोल रहे है। यदि आप लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को नही चलवाना चाहते है और कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान कराने मे असफल हो रहे है तो उसे लिखित में यूनियन को अवगत करावे किस कारण से आप किसानों की दोनों माँगों का निस्तारण कराने में सक्षम नही है।
आगे यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि आज किसान धरना स्थल पर अपना कमीज उतारकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध ब्यक्त किया और किसानों ने कहा कि जब तक डबल इंजन की सरकार हमारे दोनों माँगों के ऊपर त्वरित कार्यवाही नहीं करती है तो दिन-प्रति-दिन सरकार के खिलाफ ऐसे विरोध करते रहेगें।
यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से पूछा कि, आज आप गोरखपुर में है और जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बंद चीनी मिल को चलवाकर अपने वादे को कब पूरा कर रहे है?-
अन्त मे जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि, यदि सरकार किसान हित में ऐसे ही निरंकुश सोच बना कर चलने का मन बना लिया है तो किसान अपने धरना प्रदर्शन को कुछ अलग ढग से करने के लिये बाध्य होना पड़ेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। इस मौके पर जिला सचिव चेतई प्रसाद, चाँदबली, जगदीश, जोगिंदर, गौरी शंकर, बबलू, कौशल, धीरज गौड़, रजली देवी, पूना देवी, रुना देवी, सन्देश्वर, बिकाऊ चौधरी, हारून अंसारी, फुला देवी, निपू के साथ साथ अन्य किसान मौजूद रहे।