मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति के शुभारंभ पर वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री कार्यालय ने विज्ञप्ति के माध्यम से 'मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति के शुभारंभ पर वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ' जारी किया।
मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति के शुभारंभ पर वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ:
नमस्कार!
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान, एमपी सरकार के सभी मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, स्टार्ट अप्स की दुनिया के मेरे साथियों, देवियों और सज्जनों !
आप सबने देखा होगा शायद मैं मध्यप्रदेश की युवा प्रतिभाओं से, स्टार्टअप्स से जुड़े कुछ नौजवानों से मैं चर्चा कर रहा था और मैं अनुभव करता था, आप भी अनुभव करते होंगे और एक बात पक्की है कि जब दिल में जोश हो, नई उमंगें हों, innovation का जज्बा हो तो उसका प्रभाव साफ नजर आता है और उमंग ने तो इस प्रकार का भाषण भी दे दिया आज। आप सबसे मुझे जो बात करने का अवसर मिला और जिन्होंने इस बात को सुना होगा वो पूरे विश्वास के साथ यह कह सकता है कि आज देश में जितनी proactive स्टार्टअप नीति है, उतना ही परिश्रमी स्टार्टअप नेतृत्व भी है। इसीलिए, देश एक नई युवा ऊर्जा के साथ विकास को गति दे रहा है। आज मध्य प्रदेश में स्टार्ट अप पोर्टल और i-Hub इंदौर का शुभारंभ हुआ है। एमपी की स्टार्ट अप नीति के तहत स्टार्ट अप्स और इंक्यूबेटर्स को वित्तीय सहायता भी दी गई है। मैं इन प्रयासों के लिए, और इस आयोजन के लिए मध्य प्रदेश सरकार को, देश के स्टार्ट अप इकोसिस्टम को, और आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
साथियों,
आपको याद होगा, 2014 में जब हमारी सरकार आई थी, तो देश में 300-400 के आस-पास स्टार्ट-अप्स हुआ करते थे और कोई स्टार्ट-अप शब्द भी सुनाई भी नहीं देता था, ना उसकी कोई चर्चा हुआ करती थी। लेकिन आज आठ वर्ष के छोटे से कालखंड में भारत में स्टार्ट अप्स की दुनिया ही बदल चुकी है। आज हमारे देश में करीब 70 हजार recognized स्टार्टअप्स हैं। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप eco-system है। हम दुनिया के सबसे बड़े यूनिकॉर्न हब्स में भी एक ताकत के रूप में उभर रहे हैं। आज औसतन 8 या 10 दिन के भीतर-भीतर भारत में एक स्टार्ट अप, यूनिकॉर्न बन जाता है यूनिकॉर्न में बदल रहा है। अब आप कल्पना कर सकते हैं कि शून्य से शुरू करके, किसी एक स्टार्ट अप का यूनिकॉर्न बनने का मतलब होता है कि इतने कम समय में करीब-करीब 7 हजार करोड़ रुपए की पूंजी तक पहुंचना, तब एक यूनिकॉर्न बनता है और आज 8–10 दिन में एक नया यूनिकॉर्न इस देश में हमारे नौजवान बना रहे हैं।
साथियों,
ये भारत के युवाओं का सामर्थ्य है, सफलता की नई ऊंचाई प्राप्त करने की इच्छाशक्ति का उदाहरण है। और मैं अर्थ जगत के नीतियों का अध्ययन करने वाले जानकारों को एक बात नोट करने को कहूंगा। भारत में जितना बड़ा हमारे स्टार्टअप्स का एक वॉल्यूम है, उतनी ही उसकी diversity भी है। ये स्टार्टअप्स किसी एक राज्य या दो-चार मेट्रो सिटीज़ तक सीमित नहीं हैं। ये स्टार्टअप्स हिन्दुस्तान के अनेक राज्यों में, हिन्दुस्तान के अनेक छोटे-छोटे शहरों में फैले हुए हैं। इतना ही नहीं एक मोटा-मोटा अगर मैं हिसाब लगाऊं तो 50 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार की इंडस्ट्रीज़ से स्टार्ट-अप्स जुड़े हुए हैं। ये देश के प्रत्येक राज्य और साढ़े 6 सौ से ज्यादा जिलों में फैले हुए हैं। करीब 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स तो ऐसे हैं, जो tier 2 और tier 3 सिटी में आते हैं। अक्सर कुछ लोगों को भ्रम हो जाता है कि स्टार्ट अप यानि कंप्यूटर से जुड़ा हुआ ये नौजवानों का कोई खेल चल रहा है, कुछ कारोबार चल रहा है। ये भ्रम है, हकीकत ये है कि स्टार्ट अप का दायरा और विस्तार बहुत बड़ा है। स्टार्ट अप्स हमें कठिन चुनौती का सरल समाधान देते हैं। और हम देख रहे हैं कि कल के स्टार्स अप्स, आज के मल्टीनेशनल्स बन रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज एग्रीकल्चर के क्षेत्र में, रीटेल बिजनेस के क्षेत्र में, हेल्थ सेक्टर में नए-नए स्टार्ट अप्स उभरकर के आ रहे हैं।
साथियों,
आज जब हम दुनिया को भारत के स्टार्ट अप इकोसिस्टम की प्रशंसा करते हुए सुनते हैं। हर हिन्दुस्तानी को गर्व होता है। लेकिन साथियों, एक सवाल भी है। 8 साल पहले तक जो स्टार्ट अप शब्द कुछ गलियारों में ही, कुछ टेक्निकल वर्ल्ड के गलियारों में ही चर्चा का हिस्सा था, वो आज सामान्य भारतीय युवा के सपने पूरे करने का एक सशक्त माध्यम, ये उनकी रोजमर्रा की बातचीत हिस्सा कैसे हो गया? ये बड़ा शिफ्ट कैसे आया? अचानक नहीं आया है। एक सोची समझी रणनीति के तहत स्पष्ट लक्ष्य, निर्धारित दिशा उन सबका परिणाम है और मैं जरूर चाहुंगा कि आज जब मैं स्टॉर्टअप कि दुनिया के नौजवानों से मिला हूं और इंदौर जैसी धरती मेरे सामने हो तो मुझे लगता है कि मैं भी कुछ बातें आपको आज बताऊं। आज जिसको स्टार्ट अप क्रांति माना जा रहा है, उसने आकार कैसे लिया, मैं समझता हूं हर नौजवान को ये जानना बहुत जरूरी है और ये अपने आप में एक प्रेरणा भी है। आज़ादी के अमृतकाल के लिए ये बहुत बड़ा प्रोत्साहन भी है।
साथियों,
भारत में नया करने की, नए आइडिया से समस्याओं के समाधान की ललक हमेशा रही है। ये हमने अपनी
IT revolution के दौर में भलिभांति अनुभव किया है। लेकिन दुर्भाग्य से जितना प्रोत्साहन, जितना समर्थन, उस दौर में हमारे युवाओं को मिलना चाहिए था, उतना मिला नहीं। आवश्यकता इस बात की थी कि IT revolution से बने माहौल को channelize किया जाता, एक डायरेक्शन दिया जाता। लेकिन नहीं हो पाया। हमने देखा कि पूरा एक दशक बड़े-बड़े घोटालों में, पॉलिसी पैरालिसिस में, नेपोटिज्म में इस देश के एक पीढ़ी के सपनों को तबाह कर गया। हमारे युवाओं के पास आइडिया थे, इनोवेशन के लिए ललक भी थी, लेकिन सब पहले की सरकारों की नीतियों में और एक प्रकार से नीतियों के अभाव में उलझकर रह गए।
साथियों,
2014 के बाद हमने युवाओं में आइडिया की इस ताकत को, Innovation की इस स्पिरिट को फिर से revive किया, हमने भारत के युवाओं के सामर्थ्य पर विश्वास किया। हमने Idea to Innovation to Industry इसका एक पूरा रोडमैप तैयार किया और तीन बातों पर फोकस किया।
पहला - Idea, Innovate, Incubate
और Industry, इनसे जुड़ी संस्थाओं का इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।
दूसरा- सरकारी प्रक्रियाओं का सरलीकरण
और
तीसरा- इनोवेशन के लिए mindset में परिवर्तन, नए इकोसिस्टम का निर्माण।
साथियों,
इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए हमने अलग-अलग फ्रंट पर एक साथ काम करना शुरू किया। इसी में से एक था हैकाथॉन (Hackathons)। सात-आठ साल पहले जब देश में Hackathons होने शुरु हुए तो किसी को अंदाजा नहीं था कि ये स्टार्ट अप्स के लिए मजबूत बुनियाद बनाने का काम करेंगे। एक Strong Foundation तैयार करेंगे। हमने देश के युवाओं को चैलेंज दिया, युवाओं ने चैलेंज Accept किया और Solution देकर दिखाया। देश के लाखों युवाओं को इन हैकाथॉन्स से Purpose of life मिला, sense of responsibility और बढ़ी। इससे उनमें ये विश्वास जगा कि जिन रोज़मर्रा की समस्याओं से देश जूझ रहा है, उसे वो दूर करने में अपना योगदान दे सकते हैं। इस भावना ने स्टार्ट-अप्स के लिए एक तरह से लॉन्च पैड का काम किया। सिर्फ सरकार के स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में ही आप तो जानते ही, आपमें से शायद कुछ लोग उसमें जुड़े होंगे, मेरे जो सामने बैठे हैं, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में ही बीते सालों में लगभग 15 लाख ऐसे Talented युवा साथी उसके साथ जुड़े हैं। मुझे याद है कि ऐसे ही हैकाथॉन्स में, क्योंकि मुझे भी बड़ा अच्छा लगता था, नई-नई चीजें समझने को मिलती थी, जानने को मिलती थी तो मैं 2-2 दिन तक युवाओं के इस हैकाथान की इस गतिविधियों को बारीकी से नजर रखता था देखता था, रात के 12-12 बजे, 1-1, 2-2 बजे उनके साथ गप्पे गोष्ठी करता था। उनके जुनून को देखता था। वो क्या करते हैं, कैसे जूझते हैं, अपनी सफलता पर कितने खुश होते हैं, ये सारी बातें मैं देखता था, मैं feel करता था। और मुझे खुशी है कि आज भी देश के किसी ना किसी हिस्से में हर रोज़ कोई न कोई एक hackathon चल रहा है, हो रहा है। यानि स्टार्ट अप्स के निर्माण की शुरुआती प्रक्रिया पर देश निरंतर काम कर रहा है।
साथियों,
7 साल पहले स्टार्ट अप इंडिया अभियान idea to industry को institutionalize करने की तरफ एक बड़ा कदम था। आज ये idea की hand-holding और hand-holding कर उसमें इंडस्ट्री में बदलने का बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। इसके अगले साल हमने देश में innovation का माइंडसेट विकसित करने के लिए अटल इनोवेशन मिशन शुरु किया। इसके तहत स्कूलों में Atal tinkering labs से लेकर यूनिवर्सिटीज़ में incubation centers और hackathons जैसा एक बहुत बड़ा इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। आज देशभर के 10 हज़ार से अधिक स्कूलों में Atal tinkering labs चल रहे हैं। इनमें 75 लाख से अधिक बच्चे आधुनिक टेक्नॉलॉजी से रूबरू हो रहे हैं, इनोवेशन की ABCD सीख रहे हैं। देश भर में बन रही ये Atal tinkering labs एक प्रकार से स्टार्ट अप्स की नर्सरी के रूप में काम कर रही हैं। जब विद्यार्थी कॉलेज पहुंचे, तो उसके पास जो नया आइडिया होगा, उसको incubate करने के लिए देश में 700 से अधिक Atal Incubation Centers तैयार हो चुके हैं। देश ने जो नई राष्ट्रीय Education Policy लागू की है, वो भी हमारे Students के Innovative Minds को और निखारने में मदद करेगी।
साथियों,
Incubation के साथ ही स्टार्ट अप्स के लिए फंडिंग भी बहुत अहम है। इसमें उन्हें सरकार की ठोस नीतियों की वजह से मदद मिली। सरकार ने अपनी तरफ से एक fund of funds तो बनाया ही, स्टार्ट अप्स को प्राइवेट सेक्टर से engage करने के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स भी तैयार किए। ऐसे ही कदमों से आज हज़ारों करोड़ रुपए का प्राइवेट निवेश भी स्टार्ट अप इकोसिस्टम में इंजेक्ट हो रहा है और ये दिनों-दिन बढ़ रहा है।
साथियों
बीते वर्षों में टैक्स छूट देने से लेकर दूसरे incentives देने तक, देश में अनेकों रिफॉर्म लगातार किए गए हैं। Space Sector में Mapping, Drones यानि टैक्नॉलाजी की ऊंचाई तक पहुंचने वाले ऐसे अनेक सेक्टर्स उसमें जिस प्रकार के रिफॉर्म्स किए हैं, उसमे स्टार्ट अप्स के लिए नए क्षेत्रों के द्वार खुल गए हैं।
साथियों,
हमने स्टार्ट अप्स की एक और जरूरत को प्राथमिकता दी है। स्टार्ट अप बन गया, उनकी सर्विस, उनके प्रोडक्ट आसानी से बाज़ार में आए, सरकार के रूप में एक बड़ा खरीदार उनको मिले, इसके लिए भारत सरकार द्वारा GeM पोर्टल पर विशेष प्रावधान किया गया। आज GeM पोर्टल पर 13 हज़ार से अधिक स्टार्ट अप्स रजिस्टर हैं। और आपको जानकर अच्छा लगेगा कि इस पोर्टल पर स्टार्ट अप्स ने साढ़े 6 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का बिजनेस किया है।
साथियों,
एक और बड़ा काम जो हुआ है, वो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का है। डिजिटल इंडिया ने स्टार्ट अप इकोसिस्टम के विस्तार में बहुत बल दिया। सस्ते स्मार्ट फोन और सस्ते डेटा ने गांव के गरीब और मिडिल क्लास को भी कनेक्ट किया। इससे स्टार्ट अप्स के लिए नए avenue, नए मार्केट खुल गए हैं। Idea to industry के ऐसे ही प्रयासों के कारण आज स्टार्ट अप्स और यूनिकॉर्न्स देश के लाखों युवाओं को रोज़गार दे रहे हैं।
साथियों,
स्टार्ट अप अपने आप में नित्य नूतन होता है। ये बीते हुए कल की बात नहीं करता, स्टार्टअप का मूलभूत character है, वो हमेशा भविष्य की बात करता है। आज Clean Energy और Climate Change से लेकर Healthcare तक, ऐसे सभी क्षेत्रों में स्टार्टअप्स के लिए innovation के infinite अवसर हैं। हमारे देश में टूरिज्म का जो Potential है, उसे बढ़ाने में भी स्टार्ट-अप्स की बड़ी भूमिका है। इसी तरह वोकल फॉर लोकल के जन आंदोलन को मजबूत करने के लिए भी स्टार्ट अप्स बहुत कुछ कर सकते हैं। हमारे देश के जो कुटीर उद्योग हैं, हथकरघा और बुनकरों का जो शानदार काम होता है, उसकी ब्रांडिंग में, उसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए भी हमारे स्टार्ट अप्स एक बहुत बड़ा नेटवर्क, बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म दुनिया के सामने लेकर के आ सकते हैं। भारत के हमारे आदिवासी भाई-बहन, वनवासी भाई-बहन इतने सारे खूबसूरत प्रॉडक्ट्स बनाते हैं। वो भी स्टार्ट-अप्स के लिए काम करने के लिए एक बहुत बड़ा विकल्प नया फील्ड बन सकता है। इसी तरह आप जानते हैं कि भारत मोबाइल गेमिंग के मामले में दुनिया के टॉप -5 देशों में है। भारत की गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट 40 परसेंट से भी ज्यादा है। इस बार के बजट में हमने AVGC यानि कि Animation, Visual Effect, Gaming और Comic इस सेक्टर के सपोर्ट पर भी जोर दिया है। भारत के स्टार्ट अप्स के लिए भी एक बड़ा सेक्टर है, जिसका वो नेतृत्व कर सकते हैं। ऐसे ही एक सेक्टर है Toy Industry. Toys को लेकर भारत की बहुत समृद्ध विरासत रही है। भारत के स्टार्ट अप्स इसे सारी दुनिया के आकर्षण का केंद्र बना सकते हैं। अभी Toys के ग्लोबल मार्केट शेयर में भारत का योगदान सिर्फ एक प्रतिशत से भी कम है। इसे बढ़ाने में भी मेरे देश के नौजवान, मेरे देश के ideas को लेकर के जी रहे नौजवान स्टार्ट अप लेकर के आएं, बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगता है कि भारत के 800 से ज्यादा स्टार्स-अप्स, आपको भी सुनकर के खुशी होगी, 800 से ज्यादा स्टार्स-अप्स खेलकूद के काम में स्पोर्ट्स से जुड़े हुए हैं। किसी ने सोचा नहीं होगा कि ये भी एक क्षेत्र है। इसमें भी जिस प्रकार से भारत में एक स्पोर्ट्समेन का कल्चर खड़ा हो रहा है। स्पोर्ट्स का spirit पैदा हुआ है। स्टार्ट अप के लिए इस क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं हैं।
साथियों,
हमें देश की सफलता को नई गति देनी है, नई ऊंचाई देनी है। आज भारत G-20 देशों में Fastest Growing Economy है। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की है। आज भारत, Smartphone Data Consumer के मामले में दुनिया में पहले नंबर पर है। Internet Users के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। आज भारत, Global Retail Index में दूसरे पायदान पर खड़ा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Energy Consumer देश है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Consumer Market भारत में है। भारत ने बीते वित्तीय वर्ष में 417 बिलियन डॉलर यानि 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का मर्केंडाइज एक्सपोर्ट करके नया रिकॉर्ड बनाया है। भारत आज अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए जितना Invest कर रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ है। भारत का अभूतपूर्व जोर आज Ease of Living पर भी है और Ease of Doing Business पर भी है। ये सारी बातें किसी भी भारतीय को गर्व से भर देंगी। ये सारे प्रयास एक विश्वास जगाते हैं। भारत की ग्रोथ स्टोरी, भारत की सक्सेस स्टोरी अब इस दशक में एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगी। ये समय आज़ादी के अमृत महोत्सव का है। हम अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं। आज हम जो भी करेंगे, उससे नए भारत का भविष्य तय होगा, देश की दिशा तय होगी। अपने इन सामूहिक प्रयासों से हम 135 करोड़ आशा-आंकाक्षाओं को पूरा करेंगे। मुझे विश्वास है, भारत की स्टार्ट अप क्रांति इस अमृतकाल की बहुत महत्वपूर्ण पहचान बनेगी। सभी नौजवानों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनायें हैं।
मध्यप्रदेश सरकार को भी मेरी बधाई।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
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