नागर विमानन मंत्रालय ने ड्रोन और ड्रोन पुर्जों के लिये उत्पादनयुक्त प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किये
जिन कंपनियों ने वित्तवर्ष 2021-22 की पीएलआई पात्रता सीमा पार कर ली है, वे भी आवेदन कर सकती हैं
आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 20 मई, 2022 है
नईदिल्ली -(PIB): नागर विमानन मंत्रालय ने ड्रोन और ड्रोन पुर्जों के उन निर्माताओं के लिये आवेदन की राह खोल दी है, जिन्होंने पूरे वित्तवर्ष (एक अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022) की पीएलआई पात्रता सीमा पार कर ली है। ऐसे निर्माता अपने आवेदन पत्र
https://www.civilaviation.gov.in/application-pli-scheme
पर जमा कर सकते हैं। नागर विमानन मंत्रालय के चार मई, 2022 के आदेश को
पर देखा जा सकता है।
आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 20 मई, 2022 को 23.59 बजे तक है। आशा है कि पीएलआई लाभार्थियों के वित्तीय नतीजों और अन्य जरूरी दस्तावेजों की गहन जांच करने के बाद उनकी सूची 30 जून, 2022 तक जारी की जा सकती है।
इसके पहले नागर विमानन मंत्रालय ने 20 अप्रैल, 2022 को 14 पीएलआई लाभार्थियों की एक अनन्तिम सूची जारी की थी, जो दस महीने की अवधि (एक अप्रैल, 2021 से 31 जनवरी, 2022) के मद्देनजर उनके वित्तीय परिणामों के आधार पर तैयार की गई थी। इनमें पांच ड्रोन निर्माता और ड्रोन पुर्जों के नौ निर्माता शामिल थे। नागर विमानन मंत्रायल के 20 अप्रैल के आदेश को
https://www.civilaviation.gov.in/sites/default/files/Public%20Notic.pdf
पर देखा जा सकता है।
ड्रोन और ड्रोन पुर्जों की पीएलआई योजना के लिये पात्रता में वार्षिक कारोबार को भी शामिल किया गया है। इस सम्बंध में ड्रोन बनाने वाली कंपनियों का वार्षिक कारोबार दो करोड़ रुपये और ड्रोन पुर्जे बनाने वाली कंपनियों का वार्षिक कारोबार 50 लाख रुपये होना चाहिये। कारोबार में 40 प्रतिशत से अधिक का मूल्य संवर्धन होना भी जरूरी है।
ड्रोन और ड्रोन पुर्जों के लिये पीएलआई योजना को 30 सितंबर, 2021 को अधिसूचित किया गया था। योजना के तहत तीन वित्तवर्षों के दौरान कुल 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जायेगा, जो वित्तवर्ष 2020-21 में सभी स्वदेशी ड्रोन निर्माताओं के संयुक्त कारोबार का लगभग दोगुना है। पीएलआई की दर मूल्य संवर्धन का 20 प्रतिशत है, जो अन्य पीएलआई योजनाओं में सर्वाधिक है। ड्रोन और ड्रोन पुर्जों के लिये पीएलआई योजना के बारे में
https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/230076.pdf
पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
पीएलआई योजना के अलावा, केंद्र सरकार ने कई सुधार किये हैं, ताकि 2030 तक भारत को विश्व ड्रोन केंद्र बनाया जा सके। इसमें ड्रोन नियम, 2021 को उदार बनाने की अधिसूचना, ड्रोन वायुसीमा मानचित्र 2021 का प्रकाशन शामिल है, जिसके तहत भारतीय वायुसीमा के लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र को हरित ज़ोन के रूप में खोल दिया गया है। इसके साथ ही इसमें यूएएस यातायात प्रबंधन (यूटीएम) नीति प्रारूप 2021, ड्रोन प्रमाणीकरण योजना 2022 को भी रखा गया है, जिसके तहत ड्रोन निर्माताओं को आवश्यक प्रमाणपत्र लेने में आसानी होती है। सुधारों में विदेशों में निर्मित ड्रोनों के आयात को प्रतिबंधित करने वाली ड्रोन आयात नीति, 2022 तथा ड्रोन संचालन के लिये ड्रोन पायलट लाइसेंस लेने की अनिवार्यता समाप्त करने वाले ड्रोन (संशोधन) नियम, 2022 भी शामिल हैं।
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