
लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल चलवाने के लिये 'अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन' तीसरे चरण के छठे दिन भी जारी
भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह के नेतृत्व में जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये किसानों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के तीसरे चरण का आज छठा दिन है।
आज धरना प्रदर्शन स्थल से धरने पर बैठे यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने बताया कि, जनपद कुशीनगर की लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये लगातार जारी आन्दोलन, मुख्यमंत्री योगी द्वारा लखनऊ में 27 सितम्बर 2021 को आयोजित किसान सम्मेलन में 30 नबम्बर 2021तक सभी बन्द चीनी मिलों को चलवाने की घोषणा और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के चुनाव के दौरान इसी बन्द चीनी-मिल के प्रांगण से की गई घोषणा के उपरान्त भी योगी सरकार मौन धारण किये हुए है। यहाँ तक कि इस विधानसभा के विधायक को भी सरकार बनने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र में बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिए हो रहे किसान आन्दोलन की सुधि तक लेने की फुर्सत नही है। भाजपा के जितने नेतागण हैं, सभी सरकार की झूठी उपलब्धियाँ गिनाने में झूठ पे झूठ बोले जा रहे है।
गत 01 मई 2022 को मई-दिवस पर इस बन्द चीनी-मिल को चलवाने हेतु जारी आन्दोलन में बराबर सहभागिता कर रहे समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष- सचिदानन्द श्रीवास्तव ने मुख्य मंत्री- योगी जी से पूछा है कि, ऐसी कौन सी शक्ति है जो मुख्यमंत्री योगी को उ.प्र. सरकार द्वारा शपथपत्र प्रस्तुत करने तथा सुप्रीम कोर्ट में दायर उ.प्र. की अपील को दि:27 सितम्बर 2021 को मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा Dismissed as withdrawn करने के उपरान्त भी मा.उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में Amendment Act, 2009 के सेक्शन 3सी और 3डी को रद्द करने नहीं दे रही है और न ही लक्ष्मीगंज सहित सभी बन्द चीनी-मिलों को संचालित करने दे रही है।
श्री श्रीवास्तव ने योगी जी से पूछा कि, क्या उस शक्ति का नाम बसपा प्रमुख बहन मायावती जी है जिन्हें भाजपा की मोदी सरकार राष्ट्रपति बनाकर जेल जाने से बचाना चाहती है?-
श्री श्रीवास्तव ने उ.प्र. की योगी सरकार और उ.प्र के मुख्य सचिव से मा. उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन कर लक्ष्मीगंज सहित सभी बन्द चीनी-मिलों को अविलम्ब संचालित करने और बसपा प्रमुख मायावती के बिरुद्ध संवैधानिक कार्यवाही कर जेल भेजने की मांग की है।
श्री श्रीवास्तव ने बताया है कि, मा. उच्च न्यायालय के निर्णय में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि........
In the result both the writ petitions are partly allowed. Section 3-C and Section 3-D to the extent it provides closure of the
scheduled undertakings or sugar mills of the Corporation and its subsidiaries or in relation to the Corporation itself is struck
down as lacking legislative competence.
All consequential actions to the above extent shall automatically fall on the ground.
भा.कि.यू. (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने अन्त में कहा कि, वास्तव में देखा जाय तो इस देश को चलाने में किसानों की अहम भूमिका है मगर आज किसान ही नहीं बल्कि किसान, मजदूर, बेरोजगार और ब्यापारी हर वर्ग इस भाजपा सरकार में दुखी है। किसानों का गन्ना खेतों में ही सुख गया जिसके लिये हमारे द्वारा लगातार माँग किया गया कि सूखे हुए गन्ने का सर्वे कराया जाय और किसानों को उचित मुआवजा दिया उसके बाद राजस्व कर्मियों द्वारा सूखे हुए गन्ने का सर्वे कराया गया मगर आज तक किसानों को उसका मुआवजा नही मिला। एक तरफ तो सरकार कहती है हम किसानों की आय दोगुनी करेंगे मगर यही हाल रहा तो किसानों की आय तीनगुनी कम हो जायेगी। जिलाध्यक्ष ने शासन प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि किसानों के सुखे हुए गन्ने का मुआवजा अबिलम्ब कराया जाय अन्यथा जब किसान सड़क पर आ गया तो सरकार की नीद हराम होने में देर नही लगेगा।
जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि, डबल इजन की सरकार जबतक लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये घोषणा करके कार्य प्रारम्भ नही कराती है तबतक यह अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहेगा।