
आजादी से आज-तक 75 वर्षो में भी कुशीनगर जिले के ग्रामीण कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर और अमृत महोत्सव वर्ष में भी जिम्मेदार नेता और अधिकारी बने मूकदर्शक: रामचन्द्र सिंह
कुशीनगर/लखनऊ (उ.प्र.): आज बुद्धवार को भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) के जिलाध्यक्ष- रामचन्द्र सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री- योगी आदित्यनाथ जी के नाम एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी, कप्तानगंज - श्री मति कल्पना जायसवाल को सौपते हुए अवगत कराया है कि, कुशीनगर जनपद के कप्तानगंज तहसील अंतर्गत ग्रामसभा लाला छपरा टोला इमिलिहां की जनता कच्ची सड़क पर पिछले 75 वर्षो से (आजादी से लेकर आज-तक) चलने पर मजबूर है।
जिलाध्यक्ष रामचंद्र सिंह ने ज्ञापन सौंपते हुए उप-जिलाधिकारी को भी बताया कि, "यदि वास्तव में देखा जाय तो उपरोक्त टोले पर बरसात के मौसम में साईकिल, मोटर साईकिल, कार/जीप से आना जाना काफी मुश्किल के साथ-साथ जानलेवा भी होता है। इस सड़क को बनवाने के लिये पीडब्लूडी के अभियन्ता द्वारा 2020 में सर्वे भी कराया गया था। पी.डब्लू.डी. अभियन्ता के सर्वे के उपरांत भी आज-तक यह सड़क नही बन सका है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। अभी कुछ ही महीनों में बरसात का मौसम आने वाला है और इस आने वाली बरसात में भी उक्त सड़कों की बदहाली ज्यों की त्यों बनी रहेगी।"
यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने सूबे के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ जी से विनम्रतापूर्वक आग्रह करते हुए माँग किया है कि, "कप्तानगंज - रामकोला मुख्य सड़क से जो लक्ष्मीगंज बाजार के तरफ सड़क जाता है, उसमे से नगेसर टोला के बगल से चन्दरपुर होते हुए छोटी नहर का पूल पार करके पूरब की तरफ इमिलिहां पुराना टोला से रेलवे ढाला पार करते हुए इमिलिहां कुशवाहा टोला होते हुए परमहंस राजभर के घर के सामने से होते हुए इमिलिहां प्राईमरी स्कूल, सरकारी अस्पताल के थोडा आगे हारून अंसारी के घर तक तथा प्राईमरी स्कूल के पास पूल से लक्ष्मीगंज इन्टर कॉलेज के पीछे होते हुए भटवलिया जाने वाले सड़क तक जिसकी कुल लम्बाई लगभग पाँच किलोमीटर है, को आने वाले इस बरसात के पहले पिच रोड (पक्की सड़क) अविलम्ब बनवाई जाय।"
उक्त टोले की जनता और प्राईमरी स्कूल, सरकारी अस्पताल की समस्या को देखते हुए सड़क को पिच कराना अतिआवश्यक है जो जनहित में होगा।
उपजिलाधिकारी कप्तान गंज को जिलाध्यक्ष - रामचंद्र सिंह द्वारा उक्त ज्ञापन सौंपने में यूनियन के तहसील अध्यक्ष रामप्यारे शर्मा, ब्लाक अध्यक्ष जवाहर प्रसाद, संजय कुशवाहा, बबलू, श्यामसुंदर के साथ साथ अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
अब यह प्रश्न उठता है कि, क्या मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के विकाश के वादे खोखले हैं क्योंकि, आजादी से आज-तक 75 वर्षो में और वह भी अमृत महोत्सव- काल में भी कुशीनगर जिले के ग्रामीण कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर रहेंगे ?-
अब यदि मुख्यमंन्त्री ने अविलम्ब हस्तक्षेप नहीं किया तो, इस आने वाले बरसात में भी वहाँ की जनता की मुसीबत फिर से जन-प्रतिनिधियों और सम्बंधित अधिकारीयों / मुख्यमंत्री के छद्म विकाश की शिकार बनेगी और उक्त सड़कों की बदहाली ज्यों की त्यों बनी रहेगी!