
लाल क़िला हिंसा के आरोपी अभिनेता दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत
केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग के समर्थन में पिछले साल 26 जनवरी को किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाली थी, जब किसानों और पुलिस के बीच कई स्थानों पर झड़पें हुई थीं। इस दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल क़िला तक पहुंच गए थे और उन्होंने वहां एक ध्वज स्तंभ में धार्मिक झंडा लगा दिया था।
इस मामले में दीप सिद्धू को नौ फरवरी 2021 को गिरफ्तार किया गया था।
चंडीगढ़: पिछले साल गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के लाल किला के पास हुई हिंसा के आरोपी अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू की मंगलवार को हरियाणा के सोनीपत जिले में खरखौदा के पास कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग पर एक सड़क हादसे में मौत हो गई।
खरखौदा पुलिस थाने के निरीक्षक जसपाल सिंह ने बताया कि सिद्धू की एसयूवी ट्रक से टकरा गई थी।
अधिकारी ने बताया, ‘उनकी हादसे में मौत हो गई.’ उन्होंने बताया कि सिद्धू के साथ वाहन में मौजूद महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वह खतरे से बाहर हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि घटना हरियाणा के खरखोदा इलाके में केएमपी राजमार्ग पर पीपली टोल बूथ के पास रात करीब नौ बजेहुई, जब सिद्धू और उनकी पंजाबी अभिनेत्री दोस्त एक स्कॉर्पियो में पंजाब की ओर जा रहे थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वाहन सड़क के किनारे खड़े एक ट्रक से पिछले हिस्से से टकराया. इससे स्कॉर्पियो के चालक की तरफ वाले हिस्से को सबसे अधिक नुकसान हुआ।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘दीप सिद्धू उस वक्त गाड़ी चला रहे थे. उनकी दोस्त को चोटें आईं हैं, उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. उनकी हालत स्थिर है।’
सिद्धू को पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद उनके शव को खरखोदा के सिविल अस्पताल ले जाया गया।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी एवं विभिन्न नेताओं ने इस घटना पर गहरा शोक जताया है।
चरणजीत सिंह चन्नी ने एक ट्वीट किया, ‘प्रसिद्ध अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता दीप सिद्धू के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।’
Deeply saddened to learn about the unfortunate demise of renowned actor and social activist, #DeepSidhu. My thoughts and prayers are with the bereaved family and fans.
— Charanjit S Channi (@CHARANJITCHANNI) February 15, 2022
गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में पिछले साल 26 जनवरी को किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाली थी, जब किसानों और पुलिस के बीच कई स्थानों पर झड़पें हुई थीं।
इस दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किले तक पहुंच गए थे और उन्होंने वहां एक ध्वज स्तंभ में धार्मिक झंडा लगा दिया था. इस मामले में सिद्धू को नौ फरवरी 2021 को गिरफ्तार किया गया था।
दीप सिद्धू ने दिल्ली कोर्ट को बताया था कि ‘झंडा फहराना कोई अपराध नहीं है’. हालांकि इसके साथ सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने लाल किले से फेसबुक लाइव करके ‘गलती’ की थी।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर कथित तौर पर हमला करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए किसान संघ के नेताओं और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 25 प्राथमिकी दर्ज की थी।
सिद्धू और गैंगस्टर से राजनेता बने लखबीर सिधाना का नाम इनमें से एक एफआईआर में हिंसा के लिए ‘जिम्मेदार’ और किसानों को ‘उकसाने’ वाले आरोपियों के रूप में शामिल था. उन पर दंगा, आपराधिक साजिश, हत्या के प्रयास और डकैती की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
उन्हें अप्रैल, 2021 में दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने लाल किले को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने के आरोप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा दायर एक शिकायत पर दर्ज मामले में फिर से उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया था।
दिल्ली पुलिस ने उनकी हिरासत की सुनवाई के दौरान दावा किया था कि सिद्धू मुख्य दंगाइयों और किसानों को भड़काने वालों में थे और उन्हें 26 जनवरी को हुई हिंसा के दौरान तलवारों, लाठी और झंडों के साथ एक वीडियो में देखा गया था।
यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने लाल किले पर (निशान साहिब) झंडा फहराने वाले व्यक्ति को बधाई दी और मौके से फेसबुक लाइव भी किया था।
जमानत पर रिहा होने से पहले सिद्धू करीब दो महीने तक जेल में रहे थे।
(साभार: द वायर)
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