आजादी का डिजिटल महोत्सव: इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सरकारी स्कूलों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम: युवाओं के लिए जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता के तहत 20 परियोजनाओं को सम्मानित किया.
नवाचार को अधिक से अधिक जोर देने पर बीएसएफ हाई टेक उपक्रम के स्टार्ट अप को भी श्री अश्विनी वैष्णव ने किया सम्मानित.
नई दिल्ली (PIB): आजादी का डिजिटल महोत्सव सप्ताह (29 नवंबर से 5 दिसंबर 2021) के क्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सरकारी स्कूलों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम : युवाओं के लिए जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता के तहत कृत्रिम बुद्धिमता एआई के सहयोग से विभिन्न सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के समाधान की पेशकश करने वाली 20 परियोजनाओं को सम्मानित किया।
उन्होंने बीएचयूएमआई (बीएसएफ हाई टेक अंडरटेकिंग फॉर मैक्सिमाइज़िंग इनोवेशन) चैलेंज के तहत स्टार्ट अप्स को भी सम्मानित किया। जिसने बीएसएफ के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों की सफलतापूर्वक पहचान कर प्रभावशाली तरीके से उसका समाधान निकाला।
सरकारी स्कूलों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम : युवाओं के लिए जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता और भूमि के स्टार्ट अप्स की चुनौतियों के तहत आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में सबसे नई परियोजनाओं को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अजय साहनी, दिल्ली पुलिस के आयुक्त श्री राकेश अस्थाना, इंटेल फाउंड्री सेवा की इंटेल इंडिया की देश प्रमुख और उपाध्यक्ष सुश्री निवरूति राय, नैशनल ई गवर्नेंस डिविजन और माईगॉव के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक सिंह और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार ने अपनी उपस्थिति से शोभा बढाई।
युवाओं में कृत्रिम बुद्धिमता के प्रति सशक्तिकरण और कौशल क्षमता बढ़ाने को लेकर पिछले साल 2020 में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और इंटेल इंडिया ने सरकारी स्कूलों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम : युवाओं के लिए जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता का शुभारंभ किया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा छात्रों को मंच देकर उन्हें उपयुक्त नए युग की तकनीकी मानसिकता के साथ सशक्त बनाना है। उन्हें समय के हिसाब से प्रासंगिक कौशल सेट और आवश्यक टूल सेट तक पहुंच प्रदान करना है, ताकि वे भविष्य के लिए डिजिटल रूप से तैयार हो सकें।
इस कार्यक्रम का आयोजन तीन चरणों में किया गया। पहले चरण में 35 राज्यों और 5,724 शहरों व कस्बों के सरकारी स्कूलों के छात्रों तक पहुंच बनाई गई। इनमें 52,000 से ज्यादा पंजीकृत छात्रों में से 11,466 छात्रों ने एआई में प्रशिक्षण पूरा किया।
दूसरे चरण में शीर्ष 100 सुझावों का चयन किया गया था। इन 100 सुझावों का प्रतिनिधित्व 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 125 छात्रों ने किया, जिनमें 67 लड़कियां और 58 लड़के शामिल थे। ये सभी सरकारी स्कूलों, केंद्र सरकार के केंद्रीय विद्यालयों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और नवोदय विद्यालयों के थे।
छात्रों ने हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में आयोजित बैचों में बुनियादी एआई की अवधारणाएं, डोमेन, प्रोग्रामिंग भाषाओं का परिचय, डेटा संरचना और प्रोजेक्ट पिचिंग के बारे में जानकारी हासिल की। इसके अलावा पहले स्तर का प्रशिक्षण पूरा करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र दिया गया। इसके अलावा उन्हें इंटरनेट के जरिए सामग्री और पहुंच के साथ अपनी एआई यात्रा जारी रखने से संबंधित प्रधानमंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी के मंत्री के संदेश भी भेजे गए।
तीसरे चरण में वर्चुअल प्रदर्शन और मूल्यांकन के लिए 60 सुझावों का चयन कर उन्हें आमंत्रित किया गया। इनमें से 27 छात्रों द्वारा पेश की गई 20 श्रेष्ठ परियोजनाओं को विजेताओं के रूप में चुना गया था।
जिन परियोजनाओं का चयन किया गया वे हैं एआई अपशिष्ट वर्गीकरण, आयुर्टेक बैंड, एआई स्वास्थ्य सेवा में मरीजों का निदान, एक ऐसा ऐप जो किसानों के लिए उन फसलों की पहचान कर सके जो निश्चित समय में उगाई जा सके, दिव्यांग रोशनी कंप्यूटर दृष्टि आधारित सेरेब्रल पाल्सी डिटेक्टर, आभासी सहायता सह अभिभावकीय मार्गदर्शन, ट्री थिनिंग स्कैनर, 'मिट्टी को जानो, फसल पहचानों' मृदा विश्लेषण और फसल संतुति तकनीकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हेल्थकेयर के लिए वरदान, दृष्टिबाधितों के लिए मददगार, छात्रों को सजग बनाना और तंद्रा का पता लगाना, एथलीटएक्स फॉर आत्मनिर्भर एनथीट, स्मार्ट आई, बॉडी ट्रैकर, सुनने में अयोग्य के लिए ऐप, खरपतवार और फसल जांच प्रणाली, जीवन रक्षक और डॉक्टर हेल्पर।
20 परियोजनाओं में गवर्नमेंट इंटर कॉलेज फाटा, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड की मनीषा रमोला द्वारा औषधीय पत्ती नामक एक एआई मॉडल आधारित मोबाइल ऐप प्रदर्शनी स्टालों में मुख्य आकर्षणों में से एक था। उसने केवल एक चित्र के सहारे औषधीय पत्तियों और जड़ी बूटियों के बारे में गहन जानकारी पेश की। यह मॉडल दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने आसपास के पेड़ पौधों के औषधीय लाभों को समझने और उनकी भलाई के लिए उसका उपयोग करने में मदद करेगा।
अरुणाचल प्रदेश के आर्य पैंगिंग ने अपनी परियोजना के तहत दिखाया कि कैसे एआई उपकरण के सहारे सड़क की वास्तविक स्थिति का पता लगाने और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना को कम किया जा सकता है। इस कंप्यूटर विजन आधारित तकनीक का उपयोग खराब सड़कों के बारे में अलर्ट भेजने, जोखिम का आंकलन करने और ड्राइवरों को पहले ही अन्य मार्गों पर जाने के लिए किया जा सकता है।
राजस्थान के इंद्रपुरा से मोहित टेलर और सोनिया मिश्रा ने 'स्केयरक्रो' नामक एक स्मार्ट एआई मॉडल विकसित किया जो जानवरों या पक्षियों का पता लगा सकता है और फसल या उपज के नुकसान से बचने के लिए खेत में जानवरों को डराने के लिए तेज आवाजें निकाल सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने विजेताओं को सम्मानित करते हुए कहा कि समावेशी आर्थिक विकास और सामाजिक विकास सुनिश्चित करने के लिए नए युग के कौशल पर भविष्य के कार्यबल को कुशल बनाना अनिवार्य है। केंद्रीयमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नेतृत्व में अगली पीढ़ी को भविष्य के लिए तैयार करने के महत्व को रेखांकित किया।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव श्री अजय साहनी ने कहा, मुझे वास्तव में खुशी है कि इस बार हमने सरकारी स्कूली बच्चों को युवाओं के लिए जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता कार्यक्रम समर्पित किया है। इसमें 50,000 से अधिक स्कूली बच्चों ने भाग लिया है। मैं मानता हूं कि इतनी कम उम्र में एआई तकनीक में महारत हासिल करने वालों को कोई नहीं रोक सकता।
अपने बधाई संदेश में इंटेल फाउंड्री सेवा की इंटेल इंडिया की देश प्रमुख और उपाध्यक्ष सुश्री निवरूति राय ने कहा कि इंटेल एआई कौशल के निर्माण और भविष्य के कार्यबल के बीच डिजिटल तैयारी में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है और हम भारत भर के सरकारी स्कूल के छात्रों को इन कौशलों से लैस करने में एमईआईटीवाई और एनईजीडी के सहयोग को बहुत महत्व देते हैं। सरकारी स्कूलों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम : युवाओं के लिए जवाबदेह कृत्रिम बुद्धिमता कार्यक्रम में स्वास्थ्य, कृषि और सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समस्याओं के समाधान करने के लिए इन छात्रों द्वारा विकसित नवीन एआई परियोजनाओं को देखकर खुशी होती है। एआई जैसी उभरती तकनीकी राष्ट्रीय महत्व की हैं, क्योंकि उनमें लोगों के जीवन और आजीविका को बेहतर बनाने की शक्ति है।
नैशनल ई गवर्नेंस डिविजन और माईगॉव के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने कहा कि 13 लड़कियां और 14 लड़के भारत के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। आने वाले समय में ये ही हावी रहेंगे। ये ही बच्चे हैं जो आगे बढ़ेंगे और अगली पीढ़ी के पथप्रदर्शक बनेंगे और वैश्विक व भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ होंगे। उन्हें इस कार्यक्रम के जरिए तैयार करना और उनमें मजबूत क्षमता निर्माण ही एक तरीका है। भारत में मौजूद आईटी और एआई क्षमताओं को दुनिया को भी दिखाना है।
पुरस्कार समारोह के अंत में इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए भूमि चैलेंज के तहत स्टार्ट अप को सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल आत्मनिर्भर भारत के तहत एमईआईटीवाई ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ साझेदारी में भूमि (बीएसएफ हाई टेक अंडरटेकिंग फॉर मैक्सिममाइजिंग इनोवेशन) के तहत सीमा सुरक्षा को मजबूत करने पर बड़ी चुनौती को अपने हाथ में लिया। बीएसएफ द्वारा पहचान की गई समस्या के समाधान के लिए स्टार्ट अप से प्रभावशाली समाधान खोजे गए।
इसमें मुख्य रूप से चार मुख्य समस्याओं का समाधान खोजना शामिल था। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों मोबाइल फोन का पता लगाना, सुरंगों या भूमिगत गतिविधियों का पता लगाना, दूरदराज क्षेत्रों में वैकल्पिक संचार प्रणाली और ड्रोन विरोधी तकनीक।
भारतीय उद्यमियों द्वारा किए गए नवाचारों का लाभ उठाने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारतीय स्टार्ट अप और प्रमुख संस्थानों के साथ हैकथॉन का आयोजन किया था।
एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब (एमएसएच) पोर्टल पर कुल 47 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 8 स्टार्ट अप को फील्ड ट्रायल और बीएसएफ के सामने आने वाली समस्याओं के लिए नए तरीके के समाधान प्रदान करने के लिए चुना गया था।
विहान नेटवर्क्स लिमिटेड, जियो रडार.एआई, एएवीआरटीटीआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, डीएसआरएल, ऑपटिमसलॉजिक सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुरूत्वा सिस्टमस पाइवेट लिमिटेड और बिग बैंग बूम सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को रसद सहायता और उत्पाद विकास के अगले चरण में आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाने को प्रत्येक को 10 लाख रूपये दिए गए।
पुरस्कार प्रदान करते समय माननीय मंत्री के साथ दिल्ली पुलिस के आयुक्त श्री राकेश अस्थाना भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि यहां के युवाओं ने बीएसएफ की समस्याओं का तकनीकी समाधान ढूंढा है और मुझे उम्मीद है कि बीएसएफ इस नवोदित प्रतिभा को बढ़ावा देगा।
भूमि की चुनौती के बारे में बात करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अजय साहनी ने कहा, सरकारी संसाधनों और जनशक्ति का उपयोग कर सभी समस्याओं को हल करने की कोशिश के बजाय हम प्रतिभा की तलाश करते हैं। यह दृष्टिकोण में बदलाव का प्रतीक है। भारत में हर जगह बहुत बड़ी प्रतिभा है। हमें केवल इन प्रतिभाशाली लोगों के सामने समस्याएं पेश करनी हैं जो पहले से ही हमारे चारों ओर हैं और वे उनका समाधान करेंगे।
भव्य पुरस्कार समारोह का समापन एमईआईटीवाई के संयुक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार के साथ हुआ। उन्होंने सरकारी स्कूलों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम : युवाओं के लिए जवाबदेह कृत्रिम बुद्धि और भूमि चुनौतियों के तहत पुरस्कार जीतने वाले छात्रों और स्टार्ट अप को बधाई दी।
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