कुशीनगर जनपद में बंद चीनी मीलों के नहीं चलने और गन्ने के बकाये का भुगतान नहीं होने से किसानों में बढ़ा आक्रोश - २२ नवम्बर से अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान: राम चंद्र सिंह
उपजिलाधिकारी, कप्तानगंज, कल्पना जायसवाल को 01 नवम्बर 2021 को राम चंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष- कुशीनगर, भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत) ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन / चेतावनी पत्र
लक्ष्मी गंज बंद चीनी मिल को चलाने व कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के बकाये के भुगतान को लेकर २२ नवम्बर से धरने का ऐलान: राम चंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष- कुशीनगर, भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत)
कुशीनगर: जनपद कुशीनगर में जनपद की लगभग पांच बंद चीनी मीलों के नहीं चलने और कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने के बकाये का भुगतान नहीं होने से किसानों में दिनों दिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ज्ञातव्य हो कि, प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष २०१४ में कुशीनगर के चुनावी भाषण में वहाँ के किसानों से बेरोजगारों तक को १०० दिन में बंद चीनी मिल चलने से लेकर बेरोजगारों तक को रोजगार दिलाने का वादा किया था परन्तु जब मोदी के प्रधानमंत्री बनने व उसके तीन वर्ष बाद भी बंद चीनी मिल नहीं चले तो बाध्य होकर कुशीनगर जनपद के लक्ष्मीगंज निवासी और सेना के रिटायर्ड मेजर सूबेदार रामचंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष- कुशीनगर, भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत) वर्ष २०१७ से लक्ष्मीगंज व अन्य बंद चीनी मीलों को चलने व गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान को लेकर लगातार आन्दोलन करते आ रहे हैं तथा संवैधानिक तरीके से व जिला प्रसाशन के माध्यम से मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक को ज्ञापन देते चले आ रहे हैं जिसका कोई असर केंद्र और उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार पर नहीं पड़ता देख किसानों का आक्रोश चरम पर पहुँच गया है।
क्षेत्र के किसानों के आक्रोश और प्रदेश के डबल इंजन सरकार के हठधर्मिता को देखते हुए सर्वसम्मत से भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत) ने निर्णय लिया है कि, १५ नवम्बर २०२१ तक गन्ना का पूर्ण भुगतान किसानों के बैंक खाते में नहीं पहुँचने और लक्ष्मीगंज बंद चीनी मिल नहीं चलने पर २२ नवम्बर से अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
दिनांक 01 नवम्बर 2021 को भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत) के जिलाध्यक्ष, कुशीनगर- राम चंद्र सिंह, ने 'मुख्यमंत्री- योगी के नाम ज्ञापन / चेतावनी पत्र', 'उपजिलाधिकारी, कप्तानगंज- कल्पना जायसवाल' को सौंपा है।
राम चंद्र सिंह ने बताया कि, कुशीनगर जिले में देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री जी के दौरे को लेकर किसान काफी उत्साहित था कि, प्रधानमन्त्री जी आयेंगे और जनपद के किसानों की हितों की बात करेगें। इस जनपद का किसान सिर्फ अपने खेती के ऊपर ही निर्भर है और इसी खेती के सहारे अपने बच्चों की पढ़ाई – लिखाई, शादी व्याह के साथ साथ अन्य सभी जरूरतों को भी पूरा करता है क्योकि यहाँ पर रोजगार के लिये कोई कल-कारखाने भी नही है। जनपद कुशीनगर गन्ना बाहुल्य क्षेत्र है। इस जनपद में वर्षों से पाँच चीनी मिलें बन्द पड़ी है मगर देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री जी ने बन्द चीनी मिलों को चलाने के लिये नाम भी नही लिये जबकि लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये इस क्षेत्र का किसान 2017 से आन्दोलित है और न ही कप्तानगंज बन्द चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान पेराई सत्र 2020-21 और दो पेराई सत्र का डिफर बकाया है उसके ऊपर भी कोई प्रकाश नही डाला। जनपद में अत्याधिक बरसात होने के वजह से किसानों का गन्ना खेतों में ही सुख गया और कुछ किसानों का धान की फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है उसका सर्वे कराकर मुवावजा की बात भी प्रधानमन्त्री जी ने नही की। कुल मिलाकर देखा जाय तो प्रधानमन्त्री का दौरा सिर्फ राजनिति और आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए किया गया है। एयरपोर्ट का उद्घाटन होना तो ठीक है लेकिन गरीबों और किसानों को जहाज में बैठने का सपना दिखाना जैसे सूरज को रोशनी दिखाने के बराबर है। देश में मंहगाई चरम सीमा पर है। प्याज का भाव पचास रूपये से ऊपर पहुँच गया, टमाटर की भाव अस्सी पार कर गये है, सरसों का तेल दो सौ से ऊपर पहुँच चुका है। मंहगाई के सम्बन्ध में भी प्रधानमन्त्री का कोई बयान नही आया।
आगे श्री सिंह ने कहा है कि प्रधानमन्त्री का दौरा किसान हित में बिल्कुल नही था। जनपद का किसान आस लगाये बैठा था कि, हमारे प्रधानमन्त्री जी जनपद में आकर हमें भी कोई तोहफा देंगे मगर उनके भाषण से कुशीनगर का किसान मायूस और अपने आप को ठगा-ठगा सा महसूस कर रहा है जो आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिये शुभसंकेत नही है। इससे किसानों में आक्रोश चरम पर पहुँच चुका है जिसके कारण हम लोगों ने संवैधानिक तरीके से सरकार को अपनी न्यायोचित मांगों को पूरा कराने के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का निर्णय लिए हैं तथा ०१ नवम्बर २०२१ को ही 'मुख्यमंत्री- योगी के नाम ज्ञापन / चेतावनी पत्र', 'उपजिलाधिकारी, कप्तानगंज- कल्पना जायसवाल' को सौंपा है तथा आग्रह किया गया है कि, १५ नवम्बर २०२१ तक गन्ना का पूर्ण भुगतान किसानों के बैंक खाते में पहुंचा दिया जाय और लक्ष्मीगंज बंद चीनी मिल चलवाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया जाय अन्यथा हम किसानों को भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत) के झंडे तले २२ नवम्बर से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने पर बाध्य होना पड़ेगा। उपजिलाधिकारी का सकारात्मक रवैया देखते हुए कल हम लोग उपजिलाधिकारी से मिलकर सरकार द्वारा उक्त ज्ञापन पर लिए गए निर्णय की जानकारी लेने व उनसे मांगों को पूरा कराने की मांग करेंगे।
आगे देखना है कि, चुनावी पारा के तेज़ी से चढ़ते इस ज्वार में सरकार और गन्ना किसानों की मांगों को स्वीकार कर टकराव रोक पाती है कि नहीं।