
गुरु बन गए मोस्ट वांटेड 25000 का इनाम घोषित!
लखनऊ (उत्तर प्रदेश): देवरिया जिले के विद्यालयों में फर्जी अनुमोदन पत्र के जरिए अध्यापक बने नौ जालसाजों पर देवरिया कोतवाली पुलिस ने पच्चीस हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।
जैसा कि सर्वविदित है कि, बिना गुरु का ज्ञान नही मिलता लेकिन फर्जी डिग्री धारक अगर गुरु बन जाये तो शिष्य पे क्या असर पड़ेगा, फर्जी शिक्षक मामले में मोस्ट वांटेड बने राघवेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव 88-ए आवास विकास कालोनी थाना शाहपुर जनपद गोरखपुर, विनय कुमार भटवलिया देवरिया, कुमारी अंजनी विशुनपुरा कूड़ा घाट खोरावार उर्फ सुबाबाजार कूड़ाघाट थाना खोराबार जनपद गोरखपुर, सुरेन्द्र यादव पुत्र स्व. रामसुरत यादव बैदा, पोस्ट टेकुआ भलुअनी जनपद देवरिया, जगदीश यादव महुई कुवर गौरा जयनगर थाना बरहज जनपद देवरिया, विमला यादव कौडिया मन्नीपुर सहरौली थाना गोला जनपद गोरखपुर, नीतू रस्तोगी -1360/06 डाक्टर वर्मा कोठी के पीछे आजाद नगर थाना नवाबगंज जनपद बाराबंकी, श्वेता मिश्रा पत्नी अखिलेश शुक्ला 9/511 सिंधी मिल कालोनी थाना कोतवाली जनपद देवरिया, रंजना कुमार पुत्री विधानिवासी मिश्रा बौरडीह थाना गौरी बाजार जनपद देवरिया है।
गुरु से अपराधी बने यह शातिर,पुलिस की नजर से काफी दिनों से फरार चल रहे है। जब एसटीएफ ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया था तो पांच लोगों को गिरफ्तार किया था एवं 17 लोगो पर कोतवाली पुलिस ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया था। देवरिया जिले के सहायता प्राप्त विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों का कुछ माह पहले भंडाफोड़ हुआ था। इनके अनुमोदन पत्र फर्जी पाए गए तो कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने के बाद एस आई टी को जांच सौपा गया। काफी प्रयास के बाद भी फर्जी शिक्षक पुलिस की पकड़ के नही आ सके। पुलिस अधीक्षक ने श्रीपति मिश्रा के निर्देश पर सभी को मोस्ट वांटेड घोषित कर दिया गया है। पुलिस अब विशेष ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार करने में जुट गई है।
(गंगा मणि दीक्षित)
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