प्रधानमंत्री ने राजस्थान में चार जिला मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी और सिपेट (सीआईपीईटी), जयपुर का उद्घाटन किया
“2014 से 23 मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें से सात पहले ही पूरी तरह शुरू हो चुके हैं, राज्य में 4,000 से अधिक स्नातक और 2,100 स्नातकोत्तर मेडिकल सीटें, 3.5 लाख पीएम-जेएवाई लाभार्थी और 2,500 स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र हैं”
"मैंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव का इस्तेमाल कर प्रत्येक राज्य को लाभान्वित करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर चिकित्सा प्रणाली में सुधार किया"
सिपेट लोगों के लिए एक पॉलीमर है: यह देश को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में मदद करेगा, युवाओं को अवसर प्रदान करेगा और कुशल जनशक्ति से लैस भारत का निर्माण करेगा
नई दिल्ली (PIB ): प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान के बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा जिलों में चार नए मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी और सिपेट (सीआईपीईटी): पेट्रोरसायन प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर का भी उद्घाटन किया। इस दौरान लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने देश के हेल्थ सेक्टर की कमियों का अनुभव किया था और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने उनको दूर करने की निरंतर कोशिश की है। उन्होंने कहा, ‘‘देश के स्वास्थ्य सेक्टर को ट्रांसफॉर्म करने के लिए हमने एक राष्ट्रीय अप्रोच, एक नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर काम किया। स्वच्छ भारत अभियान से लेकर आयुष्मान भारत और अब आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तक, ऐसे अनेक प्रयास इसी अप्रोच का हिस्सा हैं।”उन्होंने कहा कि राजस्थान में करीब साढ़े तीन लाख लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज मिला और राज्य में करीब ढाई हजार स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों पर काम शुरू हुआ है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत सरकार महत्वाकांक्षी जिलों में मेडिकल कॉलेजों के साथ – साथ 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 से ज्यादा एम्स के सशक्त नेटवर्क और सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों के उन्नयन के साथ स्वास्थ्य सेवा में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। पिछले छह-सात वर्षों में 170 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं और 100 से अधिक नए मेडिकल कॉलेजों को लेकर तेजी से काम चल रहा है। 2014 में, देश में मेडिकल स्नातक और स्नातकोत्तर की कुल सीटें लगभग 82,000 थीं। आज उनकी संख्या बढ़कर 1,40,000 हो गई है। राजस्थान में मेडिकल की लगभग 2,000 स्नातक और 1,000 से कम स्नातकोत्तर सीटें थीं जो अब बढ़कर क्रमशः 4,000 और 2,100 से अधिक हो गई हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के आगमन के साथ, अतीत की समस्याओं और प्रश्नों का समाधान किया गया है।
प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की “सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन अभियान” की सफलता का उल्लेख किया जिसके तहत आज भारत में कोरोना वैक्सीन की 88 करोड़ से अधिक डोज लग चुकी है। इसमें राजस्थान के लोगों को दी गयी पांच करोड़ से अधिक डोज शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे तेजी से विकसित हो रहे उद्योगों में से एक, पेट्रोरसायन इंडस्ट्री के लिए, स्किल्ड मैनपावर, आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नया पेट्रोरसायन प्रौद्योगिकी संस्थान सिपेट: पेट्रोकेमिकल प्रौद्योगिकी संस्थान लाखों युवाओं को नई संभावनाओं से जोड़ेगा। उन्होंने शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन जैसी सुविधाओं के आने से शुरू हुई जीवन की सुगमता की ओर भी इशारा किया।
श्री मनसुख मंडाविया ने इस ऐतिहासिक आयोजन के दौरान आभार व्यक्त करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी स्वास्थ्य को विकास से जोड़ने वाले पहले प्रशासक हैं। ऐसे में जब उन्होंने सात अक्टूबर को सार्वजनिक सेवा के 20 साल पूरे कर लिए हैं, हम उनकी स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी उन उपलब्धियों को दरकिनार कर नहीं सकते जो सबका साथ सबका विकास के आह्वान का प्रतीक हैं। गुजरात में, मुख्यमंत्री अमृतम योजना ने निजी अस्पतालों में दो लाख तक के इलाज की पेशकश की, जबकि चिरंजीवी योजना ने माताओं को प्रसव के लिए निजी सुविधाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत ने दो करोड़ से अधिक लाभार्थियों को पांच लाख रुपये तक के इलाज का लाभ उठाने में सक्षम बनाया है, जिससे प्रवासी श्रमिकों को अपने राज्य से बाहर लाभ होता है।
उन्होंने राजस्थान के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए सिपेट जयपुर के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कौशल युक्त श्रम को रोजगार प्रदान करने के माध्यम से संस्थान-उद्योग के संबंध को मजबूत करने के अलावा, ये संस्थान अनुसंधान करते हैं जिनसे उद्यमों को मदद मिलती है। ये संस्थान गुणवत्ता नियंत्रण के लिए अपनी परीक्षण सुविधाओं का उपयोग करने में भी उनकी मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में ऐसे 42 संस्थान हैं। "उद्योगों के लिए शिक्षा संस्थान" के सिद्धांत पर काम करते हुए, इन संस्थानों में सालाना एक लाख से अधिक छात्र विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। 95 प्रतिशत प्लेसमेंट के उच्च प्रतिशत ने इन छात्रों के लिए रोजगार सुनिश्चित किया है।
श्री ओम बिरला ने उन चार जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से जुड़ी पहल के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया जो मुख्य रूप से आदिवासी बहुल और कम विकसित हैं। उन्होंने कहा, "स्थानीय लोगों को सस्ती चिकित्सा शिक्षा और अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के माध्यम से अत्यधिक लाभ होगा।" उन्होंने जयपुर में सिपेट-आईपीटी के लिए भी प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।" उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के 'न्यू इंडिया' के विजन को पूरा करने में योगदान देगा।
श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को सिपेट-आईपीटी और राजस्थान में सिरोही, हनुमानगढ़, बांसवाड़ा एवं दौसा में स्थापित किए जाने वाले चार मेडिकल कॉलेजों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने राज्य के प्रत्येक जिले, विशेष रूप से पिछड़े और आदिवासी जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए सहायता मांगी और कहा कि पिछले दस वर्षों में देश में चिकित्सा शिक्षा का विस्तार हुआ है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री श्री रघु शर्मा, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया, राजस्थान में विपक्ष के नेता श्री गुलाब चंद कटारिया और राज्य के कई निर्वाचित प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम का वेबकास्ट https://youtu.be/XZQKOzcqL3c पर किया गया।
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