कोर्ट की आड़ में क्यों लटकती है भर्तियां: प्रियंका सौरभ
आखिर सरकार कोर्ट की आड़ लेकर भर्ती क्यों नहीं करना चाहती?-
क्या ये अंदर खाते भ्रष्टाचार की दस्तक तो नहीं है?-
अगर ऐसा नहीं तो फिर क्यों सरकार भर्ती नहीं कर रही है?-
सरकार कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी क्यों रखती है. रखती है तो शर्ते साफ़-साफ़ क्यों नहीं है?
आखिर क्यों ये कॉन्ट्रक्ट के कर्मचारी हर बार रेगुलर भर्ती में बाधा डालते है. इस सांठ-गांठ के राज उजागर होने चाहिए और सरकार को रेगुलर भर्ती नियमित अंतराल पर करनी चाहिए.
सालों से नौकरी की बाट देख रहें है हरियाणा के बीटेक आई.टी.आई. अनुदेशक. आये दिन ट्विटर ट्रेंड में बेरोजगार युवाओं के ट्वीट्स ने नौकरी के गुहारों की झड़ी देखने को मिल रही है.
हिसार (हरियाणा): रिसर्च स्कॉलर, कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार- प्रियंका सौरभ ने बताया कि, देश की राजधानी से सटे हरियाणा राज्य में पिछले दो सालों से भर्ती प्रक्रिया बंद ही समझी जाय क्योंकि, हरियाणा सरकार ने कोरोना लॉक डाउन से पहले जो भर्ती विज्ञापन जारी किये थे, उन पर कोई काम नहीं किया है।
नई भर्ती की बात तो दूर की बात. यही नहीं मार्च माह 2020 में यहाँ राज्य भर के आईटीआई संस्थानों यानि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशकों के पदों के लिए जारी किये गए परिणाम के बाद डॉक्युमनेट वेरिफिकेशन को कोर्ट-स्टे के नाम पर लटका दिया है।
उन्होंने बताया कि, साल 2010 में हरियाणा सरकार ने पहली बार राज्य की आई.टी.आई. में अनुदेशकों के पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इसके बाद सात बार ये पद री-ऐडवरटाइज़ किये गए। आखिर 2019 में राज्य के लाखों बीटेक युवाओं ने परीक्षा दी। हर केटेगरी के अलग-अलग परीक्षा लगभग एक माह चली। आंदोलन कर परीक्षा परिणाम जारी करवाया। पांच बार डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पोस्टपोंड हुआ, जो अभी तक है। आखिर सरकार कोर्ट का नाम लेकर भर्ती क्यों नहीं करना चाहती ?-
क्या ये अंदर खाते भ्रस्टाचार की दस्तक तो नहीं है। अगर ऐसा नहीं तो फिर क्यों सरकार भर्ती नहीं कर रही है. और दूसरी बात सरकार कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी क्यों रखती है?- रखती है तो शर्ते साफ़-साफ़ क्यों नहीं है?- आखिर क्यों ये कॉन्ट्रक्ट के कर्मचारी हर बार रेगुलर भर्ती में बाधा डालते हैं?-
श्रीमती सौरभ ने कहा कि, इस सांठ-गांठ के राज उजागर होने चाहिए और सरकार को रेगुलर भर्ती नियमित अंतराल पर करनी चाहिए।
हरियाणा के कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन ने बताया कि, ''कोर्ट केस की वजह से इस भर्ती को थोड़े समय से रोका गया है। जैसे ही आदेश होंगे, तुरंत भर्ती परिणाम जारी कर दिए जायँगे। मगर सवाल ये है कि दस सालों तक सरकार क्यों पैरवी नहीं कर रही थी?- क्या सरकार की मंशा ठीक नहीं है?- ठेके के कर्मचारी ऐसे तो हर भर्ती को कोर्ट के नाम पर रोकते रहेंगे और किसी भी विभाग में तय समय पर भर्ती नहीं होगी।
हरियाणा जैसे प्रगतिशील राज्य में पिछले दस सालों से आईटीआई इंस्ट्रक्टर के पदों का खाली होना, आत्मनिर्भर भारत की योजना का शिशुकाल में ही दम तोड़ देना है। कोरोना काल इस विभाग में आईटीआई इंस्ट्रक्टर जैसे पदों का खाली रहना, अपने आप में एक बड़ा प्रश्न है। अगर राज्य एवं केंद्र सरकार इनको अपने विभागों और कंपिनयों में रोजागर नहीं दिला सकती तो, इनको ये बीटेक एवं एम् टेक कोर्स बंद कर देने चाहिए।
हरियाणा के बीटेक एवं एम् टेक पास हज़ारों युवा आजकल तनाव के दौर में है। सालों पहले हरियाणा सरकार ने एक लम्बे इंतज़ार के बाद इन बेहद प्रतिभाशाली युवाओं के लिए हरियाणा सरकार के स्किल डेवलपमेंट एवं औद्योगिक विभाग के तहत लगभग दो हज़ार आईटीआई इंस्ट्रक्टर पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। युवाओं के अथक प्रयासों के बाद सरकार ने इन पदों के लिए लिखित परीक्षा करवाई। विभिन्न ट्रेड्स के लिए आयोजित ये परीक्षाएं लगभग एक माह चली थी।
स्किल डेवलपमेंट एवं औद्योगिक विभाग वर्तमान दौर में नयी आशा की किरण है। इस विभाग में आईटीआई इंस्ट्रक्टर जैसे पदों का खाली रहना अपने आप में एक बड़ा प्रश्न है। कोरोना महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू होने के चलते आईटीआई इंस्ट्रक्टर भर्ती दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया को बंद कर दिया था। लेकिन अब तक दो साल बाद भी लॉकडाउन हटने के बाद प्रक्रिया को दोबारा शुरू नहीं किया गया है। राज्यभर के युवाओं ने सांसदों से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम कई बार ज्ञापन सौंपा है और जल्द भर्ती प्रक्रिया को पूरा कराने की मांग की है, मगर हर बार कोर्ट की आड़ में जवाब वही मिलता है।
श्रीमती प्रियंका सौरभ ने कहा कि, सरकार को इस विषय को गम्भीरता से लेना चाहिए अन्यथा उनकी आत्मनिर्भर भारत की योजना अपने शिशुकाल में ही दम तोड़ देगी। जिस देश और राज्य में पिछले दस सालों से ऐसे महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े होंगे वहां कैसा प्रशिक्षण और कैसी आत्मनिर्भरता सोचिये?